अयोध्या में रामलला का 500 वर्षों का वनवास खत्म की तैयारी, आज पीले चावल पहुंचेगे जयपुर, जनता को न्योता देगी विहिप
जयपुर। अयोध्या में 500 साल बाद रामलला को भव्य मंदिर में विराजित करने की तैयारी जोरशोर से चल रही है। अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भागीदारी के लिए विहिप पीले चावल देकर आमजन को आमंत्रित करेगी। रविवार को अयोध्या में हुई अक्षत पूजा के बाद अक्षत पूजा के बाद सनातन संस्कृति स्वरूप पीले चावल लेकर विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता रवाना हुए। ये कार्यकर्ता सोमवार को जयपुर पहुंचेंगे।
चावल वितरण विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता खंड प्रखंड स्तर तक करेंगे। साथ ही घर-घर में 22 जनवरी को भव्य दीपावली जैसे उत्सव मनाए जाने की भी तैयारियां की जाएंगी। राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के पश्चात सभी प्रांतों को जिलेवार अलग-अलग तिथि और समय सारणी दी जाएगी। करोड़ों लोगों की आस्था का प्रतीक रामलाल का भव्य मंदिर लगभग बनकर तैयार है।
एक जनवरी से किया जाएगा वितरण
वैदिक अनुष्ठान के बाद एक जनवरी से इसका वितरण किया जाएगा। विहिप के क्षेत्रीय प्रवक्ता शरद शर्मा ने कहा कि विहिप के लगभग 100 स्वयंसेवक और पदाधिकारी रविवार को अयोध्या पहुंचे। उनमें से प्रत्येक को 5.25 किलोग्राम पवित्र चावल सौंपा गया। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर प्राण प्रतिष्ठा दिवस पर देश भर के पांच लाख से अधिक मंदिरों में आयोजित होने वाले कार्यक्रम के लिए आमंत्रण के लिए पूजित अक्षत 5 नवंबर को देश भर के 45 प्रांतों से अयोध्या धाम पधारे कार्यकर्ताओं को समर्पित किए गए हैं।
यात्री सुविधा केंद्र की आधारशिला रखी
इस बीच श्री राम जन्मभूमि तीरथ क्षेत्र ट्रस्ट ने यात्री सुविधा केंद्र की आधारशिला रखी, जो जन्मभूमि पथ के साथ 3,000 वर्गमीटर क्षेत्र में बनेगा। चंपत राय और निर्मोही अखाड़े के महंत धीरेंद्र दास ने शिलान्यास किया। 22 जनवरी मंदिर में भगवान राम की मूर्ति स्थापित की जाएगी। इस कार्यक्रम के लिए पीएम मोदी ने निमंत्रण स्वीकार किया है। मोदी ने ही राम मंदिर की आधारशिला रखी थी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी होंगे शामिल
ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी सम्मिलित होंगे। विश्व हिन्दू परिषद समारोह में देशभर से लोगों को आमंत्रित करने जा रही है। इसके लिए देश भर के पांच लाख मंदिरों में वितरण के लिए रामलला को चढ़ाया गया चावल के स्वयंसेवकों को सौंपा गया। प्रत्येक व्यक्ति धातु के घड़ेमें 5.25 किलोग्राम पवित्र चावल ले कर विभिन्न क्षेत्रों में जाएगा।
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