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न सिमेंट न लोहा….इस खास तकनिक से बना है अयोध्या का राम मंदिर, पत्थरों की हुई थी लैब टेस्टिंग

राम मंदिर में लोहे का बिल्कुल भी इस्तेमाल नहीं किया गया है। ना ही मंदिर में कहीं सीमेंट का प्रयोग किया गया है। भगवान श्री राम का यह मंदिर पूरी तरह से पत्थरों से बनाया गया है। पत्थरों को जोड़ने के लिए इसमें तांबे का इस्तेमाल किया गया है।
11:09 AM Jan 06, 2024 IST | BHUP SINGH

अयोध्या में भगवान श्री राम के मंदिर की तैयारियां खूब जोरों पर हैं। इसी महीने यानी जनवरी की 22 तारीख को रामलला का प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम होना है। राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत देश की तमाम दिग्गज हस्तियां भी शिरकत करेंगी। वहीं श्रद्धालुओं को भी इस पावन अवसर को देखने का मौका मिलेगा। अयोध्या में बना रहे हैं इस राम मंदिर को बड़े ही शानदार तरीके से बनाया जा रहा है। पूरे मंदिर के निर्माण में लोहे का एक टुकड़ा तक इस्तेमाल नहीं किया गया है। मंदिर को एक खास तकनीक का इस्तेमाल करके बनाया जा रहा है। विस्तृत जानते हैं आज के नॉलेज कॉर्नर में…

पूरा निर्माण पत्थरों से

मंदिर में लोहे का बिल्कुल भी इस्तेमाल नहीं किया गया है। ना ही मंदिर में कहीं सीमेंट का प्रयोग किया गया है। भगवान श्री राम का यह मंदिर पूरी तरह से पत्थरों से बनाया गया है। पत्थरों को जोड़ने के लिए इसमें तांबे का इस्तेमाल किया गया है। बता दें कि राम मंदिर में जो भी पत्थर लगाए जा रहे हैं उन सभी पत्थरों की पहले लैब टेस्टिंग करी गई है। ताकि उनकी मजबूती का अंदाजा भी लगाया जा सके और अलग-अलग परिस्थितियों में ही है संभालने के लायक बन रहे।

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मंदिर में नई तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। इसमें 14 मीटर मोटी रोलर कंपैक्टेड कंक्रीट यानी आरसीसी बिछाई गई है। इसी से आर्टिफिशियल चट्टान बनाई गई है। नमी से बचने के लिए मंदिर का प्लिंथ ग्रेनाइट से बनाया गया है। मंदिर की डिजाइन की बात करें तो इस पारंपरिक और नगर शैली में बनाया जा रहा है।

3 फ्लोर का होगा राम मंदिर

मंदिर को ग्राउंड प्लोर समेत तीन फ्लोर में बांटा गया है। हर एक मंजिल की ऊंचाई 20 फीट है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के मुताबिक मंदिर के ग्राउंड फ्लोर पर 160 खंभे, हैं तो वहीं पहली मंजिल पर 132 खंभे और दूसरी मंजिल पर 34 खंभे हैं। कुल पूरे मंदिर में 392 खंभे और 44 द्वार होंगे। राम मंदिर की अलग-अलग मंजिलों पर अलग-अलग स्थल बनाए जा रहे हैं। मंदिर की ग्राउंड फ्लोर पर मंदिर का गर्भगृह है। इस फ्लोर पर कुल 14 दरवाजे हैं और चार प्रवेश द्वार हैं।

मंदिर के ग्राउंड फ्लोर पर गर्भगृह होगा जिसमें भगवान श्री राम का बाल स्वरूप होगा। इसके साथ ही मंदिर के फर्स्ट फ्लोर पर भगवान श्री राम का दरबार होगा। जहां उनके भव्य मूर्तियां सजाई जाएंगी। यहां भगवान रामलला विराजमान होंगे। चांदी और बाकी रतन से सजाया गया सिंहासन भी इसी फ्लोर पर मौजूद होगा।

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ऐसी होती है कृत्रिम चट्टान

कृत्रिम चट्टान एक मानव निर्मित चट्टान होती है जो प्राकृतिक चट्टानों की तरह बनाई जाती है। इस तरह की चट्टान को बनाने में कॉम्पेक्टेड कंक्रीट, जहांज, मिट्टी जैसी चीजों का उपयोग किया जाता है जिससे उस चट्टान की मजबूती बनी रहे और विशेष कार्यों के लिए उसका उपयोग किया जा सके।

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