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Raksha Bandhan : चाइनीज की जगह इंडियन राखी बनीं पहली पसंद, सोने-चांदी की राखियों का भी क्रेज

रक्षाबंधन नजदीक है। भाई-बहन के इस पर्व के स्वागत के लिए पिंकसिटी के बाजार सज गए हैं। जगह- जगह राखी की दुकानें खुल गई हैं।
10:29 AM Aug 27, 2023 IST | Anil Prajapat
raksha bandhan   चाइनीज की जगह इंडियन राखी बनीं पहली पसंद  सोने चांदी की राखियों का भी क्रेज
Raksha Bandhan 2023

Raksha Bandhan 2023 : जयपुर। रक्षाबंधन नजदीक है। भाई-बहन के इस पर्व के स्वागत के लिए पिंकसिटी के बाजार सज गए हैं। जगह- जगह राखी की दुकानें खुल गई हैं। इस बार चाइनीज राखियों की जगह भारतीय राखियों को जयपुराइट्स खूब पसंद कर रहे हैं। मार्केट में इलेक्ट्रॉनिक राखियां भी लोगों को खूब भा रही हैं।

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इधर, त्योहार से पहले खाध सुरक्षा विभाग की टीम भी मिलावटखोरों पर शिकंजा कसने की तैयारी कर चुकी है। मिलावटी मिठाइयों की धर पकड़ कर उन पर कार्रवाई की जा रही है। इसके अलावा अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अधिक से अधिक दुकानों की जांच करके उनकी गुणवत्ता को जांचें।

इस बार मार्केट में भैया-भाभी कोंबो राखी काफी ट्रेंड कर रही है, जिसकी कीमत 500 रुपए से लेकर 1100 तक है। छोटी चौपड़ से बड़ी चौपड़ तक सजे बाजार में रुद्राक्ष की राखी, चांदी की राखी की अच्छी- खासी डिमांड है।

बच्चों को कार्टून कैरेक्टर जैसे छोटा भीम, डोरेमॉन, मोटू- पतलू, बार्बी, टेडी बियर, यूनिकॉर्न वाली राखियां खूब पसंद आ रही हैं। इसके साथ ही बच्चों के लिए इस बार बाजारों में पबजी वाली राखियां भी दिख रही हैं।

सोने-चांदी की भी राखियां बाजार में 

इस रक्षा बंधन चांदी की राखियों का क्रेज लोगों के सर चढ़कर बोल रहा है। चांदी की राखियां 100 रुपए से लेकर हजारों तक में मिल रही हैं। मानसरोवर स्थित अग्रवाल ज्वैलर्स के मालिक मनोज कुमार गोयल ने बताया कि इस वर्ष लोग चांदी की राखियों को बहुत पसंद कर रहे हैं। इनमें भी सांतिया, ओम, बांसुरी और भोलेनाथ की राखियां प्रमुख स्थान लिए हुए हैं। इसके अलावा चांदी की नक्काशी वाली राखियों की कीमत 800 से हजार रुपए तक है। सोने से बनी राखियों की कीमत एक लाख रुपए तक है।

उदया तिथि से राखी बंधवाना शुभ 

पंडित गोविन्द शर्मा ने बताया कि पंचांग के अनुसार इस बार 30 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा तिथि के साथ भद्राकाल शुरू हो जाएगा। शास्त्र के अनुसार रक्षाबंधन का पर्व श्रावण माह की पूर्णिमा तिथि और अपराह्र काल में मनाना शुभ होता है, लेकिन रक्षाबंधन के दिन भद्रा काल नहीं होना चाहिए। ऐसे में रक्षाबंधन के दिन भद्रा का साया रहे तो भाई की कलाई में राखी नहीं बांधना चाहिए, सावन की पूर्णिमा 31 अगस्त को सुबह 7:05 बजे तक है। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार राखी बंधवाना शुभ है।

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