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महंगाई राहत कैंप सरकार का अभियान है या कांग्रेस पार्टी का प्रचार ? किस हैसियत से डोटासरा और जिला अध्यक्षों की फोटो विज्ञापनों में छापी जा रही- राजेंद्र राठौड़ 

04:37 PM May 08, 2023 IST | Jyoti sharma
महंगाई राहत कैंप सरकार का अभियान है या कांग्रेस पार्टी का प्रचार   किस हैसियत से डोटासरा और जिला अध्यक्षों की फोटो विज्ञापनों में छापी जा रही  राजेंद्र राठौड़ 

जालोर। राजेंद्र राठौड़ ने कांग्रेस सरकार के चलाए जा रहे महंगाई राहत कैंप को घेरते हुए मुख्यमंत्री गहलोत से सवाल पूछा है। उन्होंने कहा कि आजकल राजस्थान सरकार महंगाई राहत कैंप चला रही है लेकिन राजस्थान सरकार के धन से इस अभियान में छपने वाले विज्ञापनों में पीसीसी अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा की फोटो छाप दी जाती है। मेरा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से सवाल है कि यह सरकार का अभियान है यह कांग्रेस पार्टी का प्रचार का अभियान है। आखिर किस हैसियत से महंगाई राहत कैंप में जिला कांग्रेस अध्यक्ष और पदाधिकारियों को भेजा जाता है। इस महंगाई राहत कैंप के माध्यम से उन लोगों को जो लोग पहले से ही पेंशन प्राप्त कर रहे हैं, जिनका पहले से ही चयन हो चुका है, रजिस्ट्रेशन हो चुका है, पीपीओ नंबर जारी हो चुका है, उन्हें सिर्फ ढाई सौ रुपए महीने पेंशन की बढ़ोतरी के नाम से वृद्धावस्था के लोगों और महिलाओं को बुलाया जा रहा है।

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अचानक महिलाओं को फोन देने की बात याद आई

राठौड़ ने तंज कसते हुए कहा कि अब सीएम को अचानक याद आया है कि राजस्थान के अंदर उनकी करोड़ों बहने हैं, उन्होंने ऐलान किया है कि इस रक्षाबंधन को वह एक करोड़ 33 लाख बहनों को स्मार्टफोन देंगे। स्मार्टफोन देने की घोषणा पिछले बजट में उन्होंने की थी चिरंजीवी परिवार के नाम से, और बजट रखा गया था सिर्फ ढाई हजार करोड रुपए का। बजट चाहिए था इन्हें लगभग साढ़े 13000 करोड रुपए का। अब वे पिछले बजट की घोषणा को अमलीजामा पहना रहे हैं। यह सरकार अब तक के सबसे बड़े कर्जे को ले चुकी है। सरकार का खुद का टैक्स रिवेन्यू सिर्फ पेंशन, ब्याज की अदायगी और वेतन इस पूरे में 125% से ज्यादा का खर्च होता है। सरकार की कोई भी बजट घोषणाओं का पूरा होने की संभावना ही नहीं है।

महंगाई राहत कैंप में दे रहे हैं राजनीतिक भाषण

राठौड़ ने कहा कि महंगाई राहत कैंप में लोगों को बुलाकर भीड़ इकट्ठे करके जिस तरह का राजनीतिक भाषण यह दे रहे हैं, कांग्रेस के बैनर लगाकर जिला अध्यक्षों के साथ मिलकर जो बात कर रहे हैं। विशेष तौर पर कई जगह तो मोदी हटाओ देश बचाओ के पोस्टर लगा रहे हैं। यह संवाद को कमजोर करने की बात है वह इसमें कामयाब नहीं होंगे। इस सरकार की विदाई तय है। यह सरकार प्रोटेक्शन मनी देने के लिए व्यापारी मजबू़र हुआ है। एनसीआरबी के आंकड़ों ने सरकार के कानून व्यवस्था की कलई खोल दी हैं। सिवाय घोषणा के अलावा कुछ हुआ नहीं। इन सब बातों को लेकर हम जनता के बीच में जाएंगे और निश्चित तौर पर सरकार की कलई खोलने का काम करेंगे।

राठौड़ ने कहा कि गहलोत बस घोषणा पर घोषणा कर रहे हैं, इस जिले में भी इस सरकार ने कई घोषणा की थी और वह घोषणा धरती पर नहीं उतर पाईं जवाई पुनर्भरण समेत सारे घोषणा अधर में लटकी हुई है।

एक फिल्म का स्टेटस लगा लिया तो जान से मारने की धमकी

जोधपुर में द केरल स्टोरी फिल्म का स्टेटस लगाने पर एक युवक को मारने की धमकी देने के मामले को लेकर राठौड़ ने कहा कि  जहां एक बार स्वतंत्रता सेनानी की प्रतिमा को लगाने पर सांप्रदायिकता भड़की थी, अब एक फिल्म को लेकर नौजवान को धमकी मिली और अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है, सरकार को ये समझना चाहिए कि ये उसी तरह की धमकी है जो उदयपुर में कन्हैया लाल को दी गई थी।

राठौड़ यहां पर प्रधानमंत्री के दौरे की तैयारी को लेकर आए हुए हैं। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10 मई को राजस्थान के दौरे पर आ रहे हैं, इसके लिए सभी नेता कार्यकर्ता तैयारियों में जुटे हुए हैं। पश्चिमी राजस्थान की यह एक बहुत बड़ी सभा होगी। जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम में तीन जिलों सिरोही, पाली और जालोर से कार्यकर्ता शामिल होंगे यहां इस कार्यक्रम में करीब 1 लाख से भी ज्यादा लोगों के आने की संभावना है। नरेंद्र मोदी यहां पर सिरोही के मेडिकल कॉलेज समेत 9 कॉलेजों की सौगात भी राजस्थान को देंगे। जिसमें पांच कॉलेजों का लोकार्पण और चार कॉलेजों का शिलान्यास भी करेंगे। इसके बाद वे आबूरोड पर जनसभा को संबोधित करेंगे इसमें प्रदेश कोर कमेटी के सभी सदस्य भी शामिल होंगे।

वसुंधरा पर की गई टिप्पणी की सबूत पेश करें गहलोत

राठौड़ ने अशोक गहलोत अमित शाह को पैसे वापस करने और वसुँधरा राजे, कैलाश चौधरी जैसे नेताओं पर सरकार को बचाने मे सहयोग वाले मामले में कहा कि मुख्यमंत्री खुद गृह मंत्री हैं और पुलिस भी इनकी ही है। इस मामले में इन्होंने 4 एफ आई आर दर्ज कराई थी। तो कार्रवाई क्यों  नहीं करते, कार्रवाई की जगह ये अब अमित शाह को पैसे वापस करने की बात करते हैं। किस बुनियाद पर अब वह बात कर रहे हैं, किस आधार पर उन्होंने कब और कैसे वसुंधरा राजे से बात हुई तो उनका पास कुछ सबूत है तो दें, इस तरह का राजनीति से प्रेरित बयान देकर उन्होंने खुद की पार्टी के नेताओं पर सवनाल खड़े किए हैं।

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