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भजनलाल सरकार का थिंक टैंक बनेंगे BJP के ये 3 दिग्गज…हार के बावजूद राठाैड़ को मिली बड़ी जिम्मेदारी

भाजपा आलाकमान ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को सलाहमशविरा प्रदान करने के लिए वरिष्ठ नेताओं की एक विशेष टीम बनाई है। ये सलाहकार सरकार का थिंक टैंक बनेंगे।
08:06 AM Jan 17, 2024 IST | Anil Prajapat
Rajendra-Rathore-Prabhu-Lal-Saini-and-Rao-Rajendra-Singh

जयपुर। भाजपा आलाकमान ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को सलाहमशविरा प्रदान करने के लिए वरिष्ठ नेताओं की एक विशेष टीम बनाई है। ये सलाहकार सरकार का थिंक टैंक बनेंगे। एक-एक सेवानिवृत्त आईएएस और आईपीएस को भी इनके साथ जोड़ा गया है। गौरतलब है कि इस टीम में शामिल राजेंद्र सिंह राठौड़ और प्रभुलाल सैनी विधानसभा चुनाव हार चुके हैं, जबकि राव राजेंद्र सिंह को पार्टी ने टिकट ही नहीं दिया था।

जल्द ही इस विशेष टीम की भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और संगठन मंत्री बीएल संतोष के साथ दिल्ली में बैठक भी होनी है। अब तक सरकारों में मुख्यमंत्रियों के सलाहकार नियुक्त होते रहे लेकिन अब पहली बार मुख्यमंत्री से अलग एक सलाहकार टीम तैयार की गई।

मकसद एक ऐसी सरकार स्थापित करना है जिससे स्पष्ट रूप से यह महसूस हो कि यह मुद्दों पर चलने वाली सरकार है। यहां किसी व्यक्ति के बजाय मुद्दों को महत्व दिया जाता है। राजनीतिक जानकारों की माने तो सलाहकार टीम बनाने के बाद राज्य सरकार में केंद्र का दखल और बढ़ जाएगा।

बहुत ही अनुभवी हैं तीनों वरिष्ठ नेता 

पार्टी के शीर्ष नेतृत्व द्वारा बनाई गई इस विशेष टीम में पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र सिंह राठौड़, पूर्व कैबिनेट मंत्री प्रभुलाल सैनी और राव राजेंद्र सिंह को शामिल किया गया है। राजेंद्र राठौड़ इस बार चुनाव हार गए, लेकिन इससे पहले वे लगातार 7 बार विधायक चुने गए। भैरोंसिंह शेखावत और वसुंधरा राजे के कार्यकाल में मंत्री भी रहे।

प्रभुलाल सैनी राजे सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे, उनके पास कृषि विभाग था जबकि राव राजेंद्र सिंह आर्थिक मामलों में जानकार हैं। वे विधानसभा के उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं। इन तीनों सीनियर नेताओ के साथ पार्टी ने एक-एक रिटायर्ड आईएएस और आईपीएस भी साथ जोड़ा है।

चुनाव हारने के बावजूद बड़ी जिम्मेदारी

राजेंद्र राठौड़ पार्टी के सीनियर नेता हैं, विधानसभा चुनाव हार के बावजूद आलाकमान जानता है कि वे बेहतर रणनीतिकार हैं। राठौड़ और सैनी को सलाहकार टीम में शामिल करने की वजह भी यही है। राव राजेंद्र सिंह वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में हार गए थे और 2023 के चुनाव में पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया, अलबत्ता पार्टी उनका महत्व समझती है। बहरहाल, लोकसभा चुनाव के आलोक में देखा जाए तो भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व का यह फैसला दूरदर्शी और फायदेमंद साबित हो सकता है। वहीं, इन नेताओं के अनुभव पर कोई सवाल नहीं उठाया जा सकता। 

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