'मुझे जयचंदों ने हराया…' राजेंद्र राठौड़ ने खुद की हार पर भितरघात को ठहराया जिम्मेदार
जयपुर। राजस्थान के विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद बीजेपी ने सत्ता हासिल कर ली है। बीजेपी को विधानसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत मिला। बीजेपी से चुनावी टिकट मिलने वाले ज्यादातर प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की। लेकिन, जयपुर के आमेर में और चूरू के तारानगर में बीजेपी को बड़ा झटका लगा। इन दोनों ही सीटों पर बीजेपी के दो दिग्गज नेताओं को हार का सामना करना पड़ा है। तारानगर में नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ और आमेर में सतीश पूनिया की हार हुई है। खास बात ये है कि दोनों नेता पहले भी कई बार चुनाव जीत चुके है।
प्रदेश के सबसे दिग्गज नेताओं में शुमार नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने अब खुद की हार को लेकर भितरघात को जिम्मेदार ठहराया है। राजेंद्र राठौड़ ने इशारों में भितरघात करने वाले बीजेपी नेताओं पर निशाना साधा। राजेंद्र राठौड़ ने कहा- इस बार चुनाव में जो हार हुई है। जनता का यह फैसला स्वीकार्य है, लेकिन बहुत-से जयचंदों ने भी अपनी भूमिका निभाई। उन्होंने कहा-मुंह में राम बगल में छुरी लेकर भी कई लोग सत्ता के नजदीक आने की कोशिश कर रहे हैं। उनके चेहरे से नकाब खींचने के लिए कार्यकर्ता आतुर हैं।
राजेंद्र राठौड़ ने चूरू के सादुलपुर में मीडिया से बातचीत करते हुए हार के कारणों पर कहा- मेरी खुद की कमजोरी हार का कारण रही। मैं ऐसी धरती पर चला गया, जिस धरती पर वोट की फसल काटनी थी। उसको समतल करने से पहले ही मैंने बुवाई कर दी। जिस प्रकार की खुदाई का काम होना चाहिए था, वह नहीं हुआ। कार्यकर्ता ने पूरी मेहनत की। हार की पूरी जिम्मेदारी मेरी खुद की है।
आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर राठौड़ ने कहा कि चुनाव में पीएम नरेंद्र मोदी की अगुवाई में तीसरी बार सरकार बनाने के लिए कार्यकर्ता काम करेंगे। तीसरी बार मोदी सरकार बने, इस संकल्प के साथ वापस चुनाव मैदान में उतरेंगे। जब उनसे
लोकसभा चुनाव लड़ने के सवाल किया तो उन्होंने कहा कि 'मैं जमीनी कार्यकर्ताओं हूं, जो पार्टी का आदेश होगा, वह मान्य होगा। मंत्रिमंडल में खुद की भूमिका पर कहा- एक हारे हुए व्यक्ति की मंत्रिमंडल में क्या भूमिका होगी? एक हारे हुए व्यक्ति की क्या भूमिका हो सकती है? मंत्रिमंडल कैसा होगा, इस पर मुझे टिप्पणी करने का अधिकार नहीं है, लेकिन इसका फैसला जल्द होगा और संतुलित होगा।
हमारी पवित्र पार्टी और लोगों के पास मत आना…
चूरू के तारानगर में सभा के दौरान राठौड़ ने कहा- किसी कारण से कोई कमी रह गई होगी, लेकिन हे जयचंदो, हे विभीषणो… इतनी मदद कर देना। आपने जो कुछ किया, वो वहीं रहना। हमारी इस पवित्र पार्टी और लोगों के पास आने की कोशिश मत करना।
राठौड़ ने बीजेपी में विरोधी धड़े को जयचंद बताया…
बता दें कि राजेंद्र राठौड़ इस बार तारानगर सीट से विधानसभा का चुनाव हार गए थे। कांग्रेस विधायक नरेंद्र बुडानिया के सामने चुनाव हारने के बाद राठौड़ ने पार्टी में विरोधी धड़े को जिम्मेदार ठहराया है। राठौड़ ने विरोधी धड़े को जयचंद कहकर नई सियासी कलह के संकेत दे दिए हैं। इसे चूरू बीजेपी में नई कलह से जोड़कर देखा जा रहा है।
कौन है राजेंद्र राठौड़?
प्रदेश के सबसे दिग्गज नेताओं में शुमार नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ लगातार सात बार विधायक चुने गए थे, लेकिन वो 8वां चुनाव हार गए है। वे मुख्यमंत्री पद की दौड़ में थे। वे राजे सरकार में मंत्री रहे थे। उन्होंने पहला चुनाव साल 1980 में जनता दल के टिकट पर तारानगर सीट से लड़ा था, लेकिन हार गए। दूसरे चुनाव में भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। साल 1990 में तीसरी बार जनता दल के टिकट पर चुनाव लड़कर वो विधायक बने थे। इसके बाद राठौड़ ने 6 बार चूरू विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और हर बार जीत दर्ज की। हालांकि, अब उन्हें हार का सामना करना पड़ा है।