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'पशु बीमा योजना को जानबूझकर रखा गया बंद' राजेन्द्र राठौड़ का आरोप- अन्नपूर्णा फूड पैकेट के 22 सैंपल फेल

प्रदेशभर में बीजेपी परिवर्तन यात्रा निकाल रही है। राज्य सरकार को घेरने के लिए परिवर्तन यात्रा के चारों चरणों की शुरुआत हो गई। बीजेपी के केंद्रीय नेता से लेकर प्रदेश स्तर के नेता राज्य सरकार को घेरने का काम कर रहे है।
02:46 PM Sep 07, 2023 IST | Kunal bhatnagar
 पशु बीमा योजना को जानबूझकर रखा गया बंद  राजेन्द्र राठौड़ का आरोप  अन्नपूर्णा फूड पैकेट के 22 सैंपल फेल
नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़

Jaipur News: प्रदेशभर में बीजेपी परिवर्तन यात्रा निकाल रही है। राज्य सरकार को घेरने के लिए परिवर्तन यात्रा के चारों चरणों की शुरुआत हो गई। बीजेपी के केंद्रीय नेता से लेकर प्रदेश स्तर के नेता राज्य सरकार को घेरने का काम कर रहे है। इसी कड़ी में गुरुवार को श्रीगंगानगर में परिवर्तन संकल्प यात्रा के संबंध आयोजित प्रेस वार्ता में नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने राज्य सरकार पर जमकर हमला है।

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इस दौरान नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने गहलोत सरकार को घेरते हुए कहा कि बजट 2023-24 में सरकार ने प्रत्येक परिवार हेतु 2-2 दुधारु पशुओं का 40 हजार रुपये प्रति पशु बीमा करने के लिए 20 लाख पशुपालकों के लिए 750 करोड़ की लागत से मुख्यमंत्री कामधेनु बीमा योजना की घोषणा की थी, जिसे अब आचार संहिता से 1 माह पूर्व शुरु करके सरकार मात्र इतिश्री कर रही है।

पशु बीमा योजना को जानबूझकर रखा बंद

राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस ने अपने जन घोषणा पत्र में लघु और सीमांत किसानों के पशुधन के मुफ्त बीमा की घोषणा की थी लेकिन दुर्भाग्य है कि सत्ता में आने के बाद पूर्ववर्ती भाजपा शासन में संचालित पशु बीमा योजना को जानबूझकर बंद रखा गया।

चहेती कंपनी को उपकृत करने के लिए 4 साल तक योजना को ठंडे बस्ते में डाले रखा। अगर सरकार की मंशा वास्तव में पशुपालकों को आर्थिक संबल देने की होती, उनके सपने पूरे करने की होती तो अपने जन घोषणा पत्र के वादे के अनुसार तत्समय 2019-20 में ही पशुधन का बीमा क्यों नहीं किया गया?

हाथी के दाँत खाने के और दिखाने के और…

राठौड़ ने कहा कि मुख्यमंत्री कामधेनु बीमा योजना से पूर्व मुख्यमंत्री जी ने माह जून में लंपी स्किन डिजिज से प्रभावित 42 हजार पशुपालकों के खातों में 40 हजार रुपये की सहायता राशि करने का ढोंग रचा था।

सरकारी आंकड़ों के अनुसार तत्समय लंपी से 15.67 लाख पशुधन संक्रमित हुआ था और सरपंच संघ द्वारा दिये गये ज्ञापन के अनुसार 5 लाख 13 हजार पशुधन की मृत्यु हुई थी। अब यह भी अधर में है। राज्य में घोषणाओं को पूरा करने के नाम पर ''हाथी के दाँत खाने के और दिखाने के और'' की कहावत चरितार्थ हो रही है।

राठौड़ ने कहा कि बजट 2019-20 में प्रत्येक ब्लॉक पर 1 करोड़ की लागत से नंदीशाला खोलने की घोषणा के अनुसरण में अब तक मात्र 17 नंदी शाला बनी है वो भी अधूरी है। वहीं स्टांप ड्यूटी पर सेस और शराब पर गौ सेस के करीब 2417 करोड़ रुपये का भी कोई उपयोग नहीं किया।

इस्तीफा दिलवाने में किसका दबाव

राठौड़ ने कहा कि भीलवाड़ा में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे जी ने कहा है कि वह लाल डायरी से डरने वाले नहीं है। अगर लाल डायरी के कुछ पन्नों से आरसीए के चुनाव में 250 करोड़ के घपले का आरोप लगाया गया है तो कांग्रेस पार्टी मानहानि का दावा क्यों नहीं करती?

कांग्रेस समर्थित 92 विधायकों ने खडगे जी का अपमान करते हुए त्यागपत्र दिया था लेकिन विधानसभा अध्यक्ष जी ने उस पर निर्णय नहीं लिया था। जब मैं न्यायालय इस मामले को लेकर गया था तो कहा गया कि विधायकों के इस्तीफे स्वैच्छिक नहीं थे। आखिर इस्तीफा दिलवाने में किसका दबाव था ?

सरकार की घोषणा को बताया 'थोथी'

नेता प्रतिपक्ष राठौड़ ने कहा कि मुख्यमंत्री जी कभी न्यायपालिका को भ्रष्ट बताकर अपमान करते हैं तो कभी अपने बयान से ही पलटी मार लेते हैं। विगत कुछ समय से वह केन्द्र सरकार से सोशल सिक्योरिटी एक्ट देशभर में लागू करने की बात करते हैं।

विधानसभा सत्र के दौरान सरकार ने राजस्थान न्यूनतम आय गारंटी विधेयक 2023 भी पारित किया था। कांग्रेस सरकार नरेगा के तहत केन्द्र सरकार द्वारा देय 100 दिवस की मजदूरी पूरा करने वाले परिवारों को मात्र 25 अतिरिक्त दिवस रोजगार दिये जाने का प्रावधान करके नौटंकी कर रही है।

श्रीगंगानगर जिले में इंदिरा गांधी शहरी गारंटी योजना में मात्र 16 हजार जॉब कार्ड ही जारी हुए हैं। वहीं राज्य में 100 दिन पूरे करने वालों में 87 लाख जॉब कार्ड में से मात्र 2 लाख 13 हजार की संख्या इस योजना में पात्र होने से साबित होता है कि सरकार सिर्फ थोथी घोषणा कर जनता को गुमराह कर रही है।

अन्नपूर्णा फूड के 22 सैंपल फेल- राठौड़

राठौड़ ने कहा कि बजट 2023-24 में 3 हजार करोड़ की निःशुल्क अन्नपूर्णा फूड पैकेट योजना शुरुआत से ही विवादों में है क्योंकि विधानसभा के नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए खाद्य विभाग से इसे सहकारिता विभाग को हस्तांतरित कर दिया गया।

कॉनफेड ने टेलरमेड निविदा में शर्त थोपी कि निविदा में वही कंपनी भाग लेगी जिसे जिले में सरकारी क्षेत्र में 50 करोड़ के पोषाहार वितरण का अनुभव है। हाईकोर्ट ने जब इस पर फटकार लगाई तो बैकडेट में सरकार ने आदेश निकाल दिया।

आज इस योजना में 22 सैंपल फेल हुए हैं, अमानक पाये गये हैं लेकिन सरकार सिर्फ सपने पूरे करने के नाम पर जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रही है।

आउटडेटेड फोन बांटने का आरोप

राठौड़ ने कहा कि चिरंजीवी योजना को लेकर जब सरकार से मैंने सवाल पूछा तो जवाब आया कि राज्य में अब तक 10 लाख से ज्यादा का कवरेज मात्र 367 लोगों को मिला है और 25 लाख तक का कवरेज मात्र 3 लोगों को ही मिला है।

वहीं निःशुल्क स्मार्टफोन के नाम पर भी 1.33 करोड़ महिलाओं को फोन देने की घोषणा की गई थी लेकिन अब मात्र 40 लाख महिलाओं को आउटडेटेड फोन बांटा गया। फोन में मुख्यमंत्री जी की फोटो है जबकि पूर्ववर्ती सरकार की भामाशाह कार्ड में तत्कालीन मुख्यमंत्री जी की फोटो पर गहलोत जी को आपत्ति थी।

केन्द्र सरकार दे रही 400 की सब्सिडी

राठौड़ ने कहा कि प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत प्रदेश की 73 लाख महिलाओं में से मुख्यमंत्री जी ने मात्र 13 लाख को ही 500 रुपये में सिलेंडर देते हुए राशि भेजी और जनता को गुमराह किया कि सारी सब्सिडी का वहन सिर्फ राज्य सरकार कर रही है जबकि 200 रुपये की सब्सिडी केन्द्र सरकार दे रही थी और अब फिर से केन्द्र सरकार ने रक्षाबंधन के पर्व पर 200 रुपये की सब्सिडी दी है। यानी 400 की सब्सिडी केन्द्र सरकार दे रही है।

किसानों को मुआवजा देने की मांग

राठौड़ ने कहा कि बजट 2019-20 व 2021-22 में फिरोजपुर फीडर के री कंस्ट्रक्शन के लिए 200 करोड़ की घोषणा की गई थी लेकिन दुर्भाग्य है कि अब तक डीपीआर तक नहीं बनी।

पंजाब सरकार द्वारा हरिके बैराज से राजस्थान कैनाल व गंग कैनाल में सिंचाई हेतु निर्धारित 2800 क्यूसेक हिस्से का पानी रोक देने से गंगानगर व हनुमानगढ़ में साढ़े 3 लाख हेक्टेयर में बोयी गई नरमा, मूंग, ग्वार, बागवानी-गन्ना की फसलों के नष्ट होने के कगार पर है।

वहीं किसानों को नकली बीज देकर कंपनी भाग गई है। इसलिए विशेष गिरदावरी कर किसानों को मुआवजा देना चाहिये। जिले में नशे का कारोबार चरम पर है। भाजपा शासन के समय का मिनी सचिवालय का प्रोजेक्ट जानबूझकर बंद कर दिया गया।

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