'सदन में सबसे कम है मुख्यमंत्री जी की उपस्थिति'... राजेंद्र राठौड़ ने कहा- आपके पीछे से तो आपके ढाई दर्जन विधायकों ने आपके मंत्रियों की नाकामी दिखा दी
जयपुर। विधानसभा में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बजट पास करने से पहले उपनेता प्रतिपक्ष ने नेता प्रतिपक्ष की तरफ से संबोधन दिया। इसमें उन्होंने पिछले 4 साल के बजट से इस साल के बजट से तुलना कर तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश की। उन्होंने कहा कि विधानसभा में आज तक जिसकी सबसे कम उपस्थिति रही है वो खुद मुख्यमंत्री हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी आपकी गैरमौजूदगी में तो आपके ढाई दर्जन विधायकों ने आपके मंत्रियों की नाकामी गिना दी।
कर्ज ले रहे हैं आप.. एसेट्स नहीं बनाए..सिर्फ रोजमर्रा का खर्चा निकाल रहे हैं
राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि आप इतना विशाल बजट लेकर आए हो, तो वित्त का प्रबंध करो, आप कर्ज पर कर्ज लिए जा रहे हो। कर्ज हमने भी लिया लेकिन उससे हमने एसेट्स कमाया, आपने एसेट्स नहीं बनाएं आप तो अपने रोजमर्रा के सरकार के खर्चे निकाल रहे हो। आप कर्मचारियों के पैसे को GPFफण्ड में डालो, आप आने वाली सरकारों के लिए मुसीबत छोड़कर जा रहे हैं। OPS आपने लागू की लेकिन आने वाली सरकारों के लिए कंटीला मार्ग छोड़कर जा रहे हो।
OPS का विरोधी नहीं…लेकिन आने वाली सरकारों के लिए मुसीबत छोड़कर जा रहे हैं
हम OPS की बात कर रहे है, मैं OPS का विरोधी नहीं हूं लेकिन वेतन भुगतान पेंशन और ब्याज में 56.5% पैसा चला जाता है और हम विकास की बड़ी बड़ी बात करते हैं। विनियोग विधेयक में जिस राशि की अनुमति ली जा रही है तो वह व्यवस्था कैसी होगी ?, अगर रिवेन्यू रिसिप्ट में पैसा होगा तो विकास होगा न, केंद्र को पानी पी पी कर कोसने वाले कैसे भूल जाते हैं, केंद्र पर आरोप लगाने वाले सोचे कि कुल रेवेन्यू रिसिप्ट का 40% पैसा तो केंद्र से आ रहा है।
श्रीनाथजी की तरह दर्शन होते हैं सीएम के…
राठौड़ ने कहा कि विधानसभा का यह सत्र सबसे यादगार रहेगा यह इतिहास में दर्ज किया जाएगा, जिसमें लगभग सभी ने समान रूप से हिस्सा लिया, लेकिन यहां एक और इतिहास बना है वो है विधानसभा में सबसे कम उपस्थिति का। मुख्यमंत्री जी खुद विधानसभा की कार्यवाही में सबसे कम मौजूद रहे हैं।
आपकी जानकारी के लिए बता दूं मुख्यमंत्री जी आपकी गैरमौजूदगी में आपके ही ढाई दर्जन विधायकों ने आपके मंत्रियों की नाकामी गिना दी। आज तो मुख्यमंत्री जी को आना पड़ा क्योंकि उन्हें बजट पास करवाना है भाषण देना है, वरना वे तो आज भी नहीं आते। उन्होंने स्पीकर सीपी जोशी से कहा कि आप तो नाथद्वारा से आते हैं, जैसे वहां श्रीनाथ जी के दर्शन होते हैं, वैसे हमें अपने मुख्यमंत्री जी के दर्शन हो रहे हैं।