Right to Health Bill : राठौड़ का कांग्रेस सरकार पर बड़ा हमला, राहत की बजाय संकट में आ गया लोगों का जीवन
जयपुर। राइट टू हेल्थ बिल को लेकर उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने शुक्रवार को गहलोत सरकार पर तीखा हमला बोला है। राजेंद्र राठौड़ ने एक के बाद एक लगातार 5 ट्वीट कर कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने डॉक्टरों की आवाज को लाठी के दम पर कुचलकर चुनावी साल में राइट टू हेल्थ बिल पारित कर दिया। लेकिन, इससे आमजन को राहत मिलने की बजाय उनका जीवन संकट में आ गया है।
उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने ट्वीट किया कि दुर्भाग्य है कि राइट टू हेल्थ बिल को लेकर डॉक्टरों की तमाम आपत्तियों को दरकिनार कर, उन्हें विश्वास में लिए बिना, उनकी आवाज को लाठी के दम पर कुचलकर कांग्रेस सरकार ने चुनावी वर्ष में आनन-फानन में बिल पारित किया। जिससे आमजन को राहत मिलने की बजाय उनका जीवन संकट में आ गया है। जहां एक ओर सरकार इस बिल को अपनी उपलब्धि बता रही है। वहीं, दूसरी ओर प्रदेशभर के निजी चिकित्सक और रेजिडेंट डॉक्टर सड़क पर उतर कर बिल का विरोध कर रहे हैं। तथाकथित संवेदनशील सरकार चिकित्सकों से वार्ता कर उनके आंदोलन को समाप्त करने की बजाय मरीजों का दर्द बढ़ाने में लगी है।
हड़ताल से 80 प्रतिशत मरीजों का इलाज प्रभावित
राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि इलाज नहीं मिलने से मरीज त्राहिमाम कर रहे हैं। जयपुर के निजी अस्पतालों में 50-60 हजार मरीज ओपीडी में आते हैं, इनमें से 16 हजार मरीज प्रतिदिन भर्ती किए जाते हैं। 1000 से अधिक ऑपरेशन और 450 मरीज आईसीयू में भर्ती होते हैं। हड़ताल के कारण 80 प्रतिशत मरीजों का इलाज प्रभावित हुआ है।
निजी अस्पतालों में चिरंजीवी योजना का लाभ नहीं
उन्होंने कहा कि निजी अस्पतालों में चिरंजीवी योजना का भी लाभ नहीं मिल पा रहा। राज्य की चिकित्सा व्यवस्था वेंटीलेटर पर खड़ी है। निजी चिकित्सालयों के बिना राइट टू हेल्थ बिल का लागू होना संभव ही नहीं है क्योंकि सबसे बड़े स्टेकहोल्डर निजी चिकित्सालय व निजी चिकित्सक है।
सरकार से मांग-डॉक्टर से करें बात
राठौड़ ने कहा कि मेरी गहलोत सरकार से मांग है कि तत्काल रूप से आंदोलनरत चिकित्सकों से वार्ता कर उनकी हड़ताल समाप्त कराएं। साथ ही चिकित्सकों से भी आग्रह है कि सरकार वार्ता नहीं करे तो वे आगे बढ़कर सरकार से वार्ता की पेशकश करें ताकि हड़ताल समाप्त हो और किसी मरीज के जीवन पर संकट ना आए।
सप्ताहभर से आंदोलन कर रहे है डॉक्टर्स
राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में प्रदेशभर के डॉक्टर्स सप्ताहभर से हड़ताल पर है। ऐसे में मरीजों के साथ-साथ परिजनों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन, गहलोत सरकार इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है। चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा हड़ताल को लेकर डॉक्टरों को सीधे-सीधे चेतावनी दे चुके है कि अगर आंदोलन खत्म नहीं किया तो कार्रवाई की जाएगी।