Al Nino Effect In Rajasthan: इस बार कम समय रुकेगा मानसून, फसलों पर भी पड़ेगा काफी असर
Al Nino Effect In Rajasthan: प्रदेश में इस बार मानसून पर अलनीनो का प्रभाव देखा जाएगा। इससे पिछले वर्षों के मुकाबले कम बरसात होगी। इतना ही नहीं, बरसात का दौर भी रुक-रुक कर चलेगा। गौरतलब है कि अलनीनो के चलते ही बेमौसम की बरसात और मौसम मेंफेरबदल होता है। इससे गर्मी भी तेज पड़ेगी। मौसम विज्ञानी हिमांशु शर्मा के अनुसार इस वर्ष प्रदेश मेंमानसून के दौरान तीन फैक्टर बन रहे हैं, जिनमें दो पॉजिटिव और एक निगेटिव फैक्टर है।
फसलों की पैदावार में होगी कमी
निगेटिव फैक्टर अल-नीनो के कारण (Al Nino Effect In Rajasthan) मानसून के एक्टिव फेज में बारिश की गतिविधियों में अंतर दर्ज किया जाएगा। इधर, कम बारिश की वजह से किसानों की बाजरा, मूंगफली, तिल जैसी फसलों की पैदावार में कमी रहने का अनुमान है। मानसून केसमय मेंमई से जुलाई के बीच अल-नीनो का प्रभाव रहने का अनुमान है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि प्रदेश मेंमानसून जून से सितंबर के बीच रह सकता है। इसकेअलावा मई मेंअधिक तापमान, छिटपुट बारिश एवं आंधी का प्रभाव नजर आ रहा है। हालांकि, मौसम विभाग जयपुर के निदेशक का कहना है कि अभी मानसून के आनेका इंतजार करना होगा।
फसलों की पैदावार भी होगी प्रभावित
जयपुर के नजदीकी इलाकों में अल-नीनो के प्रभाव के चलते बाजरा एवं अन्य फसलों की पैदावार पर प्रभाव पड़ेगा। अगर यहां के इलाकों में मध्यम या कम अवधि में पकने वाली बाजरा हाइब्रिड वैरायटी की बुवाई की जाए तो अच्छी पैदावर हो सकती है। श्री कर्ण नरेंद्र कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने बताया कि अधिक पैदावार के लिए किसान कम या मध्यम अवधि में पकने और कम पानी वाली प्रजातियों के बीजों का ही चयन करें।
चूरू @ 45.60C, आज बारिश का अलर्ट
बीते रविवार को पांच जगहों पर पारा 45 डिग्री पार कर गया। सर्वाधिक तापमान चूरू और टोंक के वनस्थली में 45.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। सिरोही (40.1 डिग्री) रहा, बाकी जगह पारा 41 डिग्री क्रॉस कर गया। रात का तापमान भी आधा दर्जन जगहों पर 30 डिग्री से ऊपर रहा। मौसम कें द्र जयपुर के अनुसार सोमवार को प्रदेश के उत्तरी भागों बीकानेर, जयपुर, भरतपुर संभाग में दोपहर बाद मेघ गर्जन, हल्की बारिश या बूंदाबांदी होने का अनुमान है।
इसे लेकर कृषि विशेषज्ञ डाॅ. विमल पांडे ने बताया कि प्रदेश में वर्तमान के समय जो मौसम में फेरबदल देखा जा रहा है, वह भी एक अल-नीनो का ही असर है। इस वर्ष मानसून भी देरी से आएगा। जिसके चलते वर्तमान जैसी स्थितियां जैसे कभी बारिश कभी तेज धूप जैसा माहौल नजर आएगा।