RGFSE Scheme के लाभान्वितों ने शेयर किए अनुभव, विदेशों में पढ़ने वाले राजस्थान के विद्यार्थियों ने रखी अपनी बात
जयपुर। प्रदेश के मेधावी छात्र-छात्राओं को विश्वविख्यात विश्वविद्यालयों में पढ़ाई की सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए राजस्थान सरकार की ओर से ‘राजीव गांधी स्कॉलरशिप फॉर एकेडमिक एक्सीलेंस योजना’ की (RGFSE Scheme) शुरुआत की गई है। सोमवार को राजस्थान फाउंडेशन आयुक्त धीरज श्रीवास्तव के नेतृत्व में सभी लाभान्वित विद्यार्थियों के साथ ऑनलाइन वार्ता का आयोजन किया गया।
इसमें उषा शर्मा मुख्य सचिव राजस्थान, वीनू गुप्ता अति. मुख्य सचिव, भवानी सिंह देथा प्रमुख सचिव, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग, सुनील शर्मा आयुक्त, कॉलेज शिक्षा विभाग ने विद्यार्थियों, उनके परिजनों व एनआरआर मित्रों के साथ बातचीत की। सभी बच्चों ने राजस्थान सरकार की इस योजना से होनेवाले लाभ गिनाए, वहीं एनआरआर मित्रों ने बच्चों की विदेश में हर संभव मदद का आश्वासन दिया। जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय से पीजी कर रहे कोटा निवासी देवांग जैन ने कहा कि यह स्कीम बहुत ही मददगार साबित हुई है, इससे विश्वस्तरीय शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिला है।
ऑस्ट्रेलिया की मेलबर्न यूनिवर्सिटी से डेटा साइंस में बीएससी कर रहे दक्ष अग्रवाल ने योजना के तहत मिलने वाली सुविधाओं को सोच से परेबताया। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से इंग्लिश लिटरेचर में पीएच.डी. कर रही अदिति उपमन्यु ने कहा कि बचपन से ही ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ने का सपना था, जो इस स्कॉलरशिप के जरिए पूरा हुआ है। वहीं कनाडा में पढ़ रही अंशिका कालरा, हांगकांग में पढ़ रहे रमन गुप्ता समेत अन्य छात्रों ने भी अपने विचार साझा किए।
छात्र रक्षित राज के पिता ने वार्ता के दौरान कहा कि यह योजना सरकार का सराहनीय कदम है, आर्थिक रूप से कमजोर होने के बावजूद बच्चे का विदेश में पढ़ने का सपना पूरा हुआ। राजस्थान फाउंडेशन आयुक्त के धीरज श्रीवास्तव ने कहा कि विद्यार्थी इस स्कीम से सपने पूरे कर रहे हैं। विदेश में भी फाउंडेशन व राजस्थानी प्रवासी उनकी मदद के लिए हमेशा तत्पर हैं। विश्वास है कि ये छात्र, एनआरआर मित्र व सभी राजस्थानी परिवार मिलकर राजस्थान को नए मुकाम तक पहुंचाएंगे।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री गहलोत की ओर से ‘राजीव गांधी स्कॉलरशिप फॉर एकेडमिक एक्सीलेंस योजना’ 5 अक्टूबर 2021 को लॉन्च की गई। इसके तहत 8 लाख से कम पारिवारिक वार्षिक आय वाले छात्र-छात्राओं को टॉप क्यूएस रैंकिंग यूनिवर्सिटी में पढ़ने के लिए स्कॉलरशिप प्रदान की जाती है। वर्तमान में 11 देशों की 71 यूनिवर्सिटी में 120 छात्राओं समेत 247 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। बजट 2023-24 में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत नेविद्यार्थियों की संख्या 200 से 500 तक बढ़ाने का फैसला किया है।
यह योजना करेगी सपने पूरे
मुख्य सचिव उषा शर्मा ने कहा कि यह एक महत्वाकांक्षी योजना है। जो होनहार छात्र अभावों के चलते विदेशों में पढ़ाई नहीं कर पाते ये योजना उनके सपने पूरे करेगी। राजस्थान फाउंडेशन और एनएनआर मित्र इन बच्चों व प्रवासी राजस्थानियों को पारिवारिक माहौल उपलब्ध करवा रहे हैं।
(Also Read- Government Jobs In Bank: बैंक ऑफ बड़ौदा में ऑफिसर के पद पर निकली वैकेंसी, सैलरी 5 लाख)