Rajasthan pollution : राजधानी की हवा हुई जहरीली, जयपुर के इन क्षेत्रों में रेड जोन में पहुंचा पॉल्यूशन
जयपुर। राजधानी जयपुर की हवा में प्रदूषण बढ़ने लगा है और एयर क्वालिटी इंडेक्स खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। कड़ाके की ठंड के बीच अब लोगों के लिए सांस लेना खतरनाक साबित होता हुआ नजर आ रहा है। मंगलवार को शहर में एक्यूआई से अधिक रहा जो खराब माना जाता है। राजधानी में लगातार बढ़ता प्रदूषण का लेवल लोगों के लिए खतरे का संकेत है। प्रशासन और सरकार ने लोंगो को एडवाजरी जारी कर दिया है। प्रदूषण नियंत्रण मंत्रालय लगातार नजर बनाए हुए है। राजधानी जयपुर के कई इलाकों की हवा जहरीली हो चुकी है। अब यहां प्रदूषण का लेवल रेड जोन में आ चुका है।
रेड जोन में मुरलीपुरा और सीतापुरा रीको एरिया…
राजधानी के कई क्षेत्रों में एयर पॉल्यूशन का लेवल बढ़ता जा रहा है। इनमें मुरलीपुरा और सीतापुरा रीको एरिया में पॉल्यूशन का लेवल रेड जोन में आ चुका है। मुरलीपुरा में 334 और सीतापुरा रीको में 323 एयर क्वालिटी इंडेक्स दर्ज की गई है। जो सामान्य एयर क्वालिटी से तीन गुना अधिक है। यह आंकड़ा जयपुरवासियों के लिए खतरे की घंटी बनता जा रहा है।
पॉल्यूशन लेवल बढ़ते ही सांस लेना होता है मुश्किल…
प्रदूषण बढ़ने के साथ-साथ वातावरण में लोगों का सांस लेना खतरनाक साबित हो सकता है। सांस के जरिए पॉल्यूशन के घातक तत्व शरीर में जाते हैं। इससे नुकसान पहुंचता है। एयर क्वालिटी 300 से अधिक एक्यूआई होने पर लोगों को सांस लेने में काफी दिक्कत हो जाती है। यह लेवल वाहनों के धुएं, फैक्ट्रियों का प्रदूषण, स्मोकिंग से बढ़ता है। इसमें कार्बन डाइऑक्साइड, सल्फर मोनोऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड के अलावा धूल के बारीक कारण होते हैं। जो शरीर में जाने पर व्यक्ति के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता हैं।
इन क्षेत्रों में पॉल्यूशन का यह लेवल है…
राजधानी जयपुर के पांच क्षेत्रों की बात करें तो, वहां पॉल्यूशन लेवल अधिक हो गया है। इनमें मुरलीपुरा 334, सीतापुरा रीको 323, शास्त्री नगर 285, मानसरोवर 280 और आदर्श नगर 258 एक्यूआई है। पॉल्यूशन लेवल 300 के ऊपर होते ही रेड जोन में आ जाता है। यानी शास्त्री नगर और मानसरोवर रेड जोन के करीब आ चुके हैं।
ज्यादा पॉल्यूशन वाले क्षेत्रों में करें मास्क का उपयोग…
राजधानी जयपुर के मुरलीपुरा और सीतापुर रीको औद्योगिक क्षेत्र में पॉल्यूशन लेवल 300 से ऊपर हो चुका है। ऐसी स्थिति में वहां लोगों का सांस लेना हानिकारक हो सकता है। इसलिए लोगों को बाहर निकलते समय मास्क का उपयोग करना चाहिए। इससे हानिकारक धुएं को सांस में जाने से रोका जा सकता है। इसके कारण अस्थमा से पीड़ित रोगियों के लिए यह खतरनाक हो सकता है।