अपराध के खिलाफ राजस्थान पुलिस का डबल अटैक शुरू, बदमाशों पर ऐसे नजर रखेगी पुलिस
जयपुर। अपराध के खिलाफ राजस्थान पुलिस का डबल अटैक शुरू हो गया है। ऑन फील्ड राजस्थान पुलिस की टीमें अपराधियों की धरपकड़ में लगी है तो वहीं ऑनलाइन सोशल मीडिया टीम ने अपराधियों के खिलाफ अवेयरनेस कैम्पेन शुरू कर रखा है। सोशल मीडिया पर राजस्थान पुलिस की ओर से पोस्ट किए जा रहे क्रिएटिव्स में फिल्मी डायलॉग का सहारा लिया गया है। इन संवादों के जरिए राजस्थान पुलिस के अपराध को मिटाने के मंसूबे को जताया गया है तो वहीं पुलिस की कार्रवाई से चारों खाने चित्त हो रहे अपराधियों की बात को भी सामने लाया गया है।
सोशल मीडिया पर भी एक्टिव है पुलिस
राजस्थान पुलिस फील्ड में जिस तरह एक्टिव नजर आ रही है, पिछले कुछ समय में ऑनलाइन भी उसे तरह की सक्रियता दिखा रही है। पुलिस हमारी क्राइम पर भारी हैशटेग के जरिए अपराध को मिटाने का संदेश दिया गया है। इसमें चलाए गए कैम्पेन में पहली पोस्ट रोचक तरीके से पुलिस की कार्रवाई से पहले क्राइम मास्टर गोगो को पुलिस की कार्रवाई के बाद नंदू सबका बंधू बनते हुए दिखाया गया है।
राजस्थान से भगाएंगे गैंगस्टर्स
इस सीरिज की अगली पोस्ट में फिल्म गैंग्स ऑफ वासेपुर के फेमस डॉयलॉग को बदलकर ना बाप, ना दादा, ना भाई का.. अब किसी का बदला नहीं लेगा फैजल… के जरिए जुर्म की दुनिया से तौबा कर रहे गैंगस्टर्स को बताया गया है। वहीं तीसरी पोस्ट में फिल्म वास्तव के रघु और डेढ़ फुट्या की जोड़ी को दिखाते हुए संदेश दिया गया है कि बदमाशों की हर जोड़ी को राजस्थान पुलिस तोड़ेगी। राजस्थान में गैंगस्टर्स को नहीं रहने दिया जाएगा।
युवाओं को गैंगस्टर्स से दूर रखने की कवायद
गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों से राजस्थान पुलिस सोशल मीडिया पर गैंगस्टर्स का महिमा मंडन करने के खिलाफ युवाओं को जागरूक कर रही है। इसके तहत इस तरह की सोशल मीडिया मुहिम अच्छा प्रभाव दिखा रही है। पुलिस के इन प्रयासों को आमजन की ओर से काफी पसंद भी किया जा रहा है।
रोचक संदेश से चर्चा में सोशल मीडिया टीम
राजस्थान पुलिस की सोशल मीडिया टीम पिछले कुछ समय से काफी सक्रिय नजर आ रही है। करीब डेढ साल से राजस्थान पुलिस के सोशल मीडिया हैंडल्स पर बड़े रोचक तरीके से इस तरह की मुहिम चलाई गई हैं। इसमें फिल्मी गानों, शायरी, पंचलाइन, संवादों आदि का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस तरह के रोचकतापूर्ण संदेश से आमजन को बातें सहजता से समझ आती हैं। इससे पूर्व भी होली, न्यूईयर, फ्रेंडशिप डे जैसे अलग अलग मौकों पर पुलिस की ओर से ऐसे प्रयोग किए गए हैं जो सफल भी रहे हैं।
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