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हाईवे पर शव रखकर प्रदर्शन करना पड़ा भारी, गहलोत सरकार के इस कानून के तहत पुलिस ने दर्ज की FIR

03:55 PM Sep 22, 2023 IST | Sanjay Raiswal
हाईवे पर शव रखकर प्रदर्शन करना पड़ा भारी  गहलोत सरकार के इस कानून के तहत पुलिस ने दर्ज की fir

श्रीगंगानगर। राजस्थान में मृतक के शव को रखकर प्रदर्शन करने पर रोक है। ऐसे में श्रीगंगानगर जिले की चूनावढ़ पुलिस ने शव का सम्मान सुनिश्चित करने के लिए हाल ही में लागू किए कानून के तहत पहला मामला दर्ज किया है। दरअसल, पुलिस ने सड़क हादसे में मारे गए एक व्यक्ति के शव के साथ मुआवजे को लेकर विरोध प्रदर्शन करने और नेशनल हाईवे- 62 को जाम करने को लेकर करीब 60 महिलाओं सहित 200 प्रदर्शनकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

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सड़क दुर्घटना में हुई थी युवक की मौत

जानकारी के अनुसार, 12 सितंबर को चूनावढ़ थाना क्षेत्र के महियावाली गांव निवासी बलराम गोसाई (45) की अज्ञात वाहन की टक्कर से मौत हो गई थी। युवक की मौत के बाद प्रदर्शकारी मुआवजे और टोल वसूली बूथ को दूसरी जगह स्थानांतरण करने की मांग कर रहे थे।

एएसआई सोमदास द्वारा प्रस्तुत एक जांच रिपोर्ट के आधार पर बुधवार को महियावाली गांव के सरपंच राकेश बेनीवाल, राजनीतिक प्रतिनिधियों और कई सार्वजनिक मृतकों के रिश्तेदारों और ग्रामीणों सहित 15 लोगों की पहचान की गई। जिसके बाद पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।

शव का अनादर करने के आरोप में की कार्रवाई

इन सभी पर कथित तौर पर एक शव का अनादर करने और नेशनल हाइवे पर आंदोलन कर जाम करने का आरोप है। बता दें कि राजस्थान विधानसभा ने जुलाई में राजस्थान मृत शरीर का सम्मान बिल, 2023 पारित किया था। जिसमें मृत शरीरों की गरिमा को सुनिश्चित करते हुए इनके धरना-प्रदर्शन में किए जाने वाले दुरूपयोग पर प्रभावी रोक लगाई थी।

बिल में यह भी बताया गया है कि किसी शव को अगर उसके परिजन नहीं लेते हैं तो उन्हें 1 साल तक की सजा और जुर्माना देना होगा। इसके साथ ही बिल में प्रावधान किया गया है कि मृतक का उसके परिजनों को समय पर अंतिम संस्कार करना होगा। वहीं किसी भी शव का इस्तेमाल विरोध प्रदर्शन में नहीं किया जा सकेगा।

ग्रामीण सीओ अमरजीत चावला ने बताया कि जांच रिपोर्ट से पता चला है कि प्रदर्शनकारियों ने अधिकारियों पर दबाव बनाने के लिए मृतक के शव के साथ बैठकर कानून का उल्लंघन किया है। जिससे मृत व्यक्ति की गरिमा को नुकसान पहुंचा है। पुलिस ने आईपीसी की धारा 283, 143, राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम की धारा 8 बी और राजस्थान शव सम्मान अधिनियम 2023 की धारा 6, 17, 18, 20 के तहत मामला दर्ज किया है।

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