Rajasthan : माइंस विभाग ने विभागीय बकाया एवं ब्याज माफी लागू की योजना, राज्य को होगी करीब 60 करोड़ की आय
Rajasthan : खान एवं गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया (Pramod Jain Bahaya) ने माइंस विभाग की विभागीय बकाया एवं ब्याज माफी योजना लागू करने की घोषणा की है। विभागीय बकाया व ब्याज माफी योजना-2022 अप्रधान खनिजों के बकाया प्रकरणों पर लागू होगी। योजना में खनन पट्टों, क्वारी लाइसेंसों, बजरी के लिए जारी अस्थाई कार्यानुमति के डेडरेंट, अधिशुल्क, अधिक अधिशुल्क, शास्ति, आरसीसी, ईआरसीसी ठेकों की बकाया, परमिट, एसटीपी एवं निर्माण विभाग के ठेकेदारों की बकाया व अन्य विभागीय बकाया के 31 मार्च, 2021 तक के प्रकरणों पर लागू की गई है।
वसूली में अनावश्यक समय व धन की बचत होगी
खान मंत्री (Pramod Jain Bahaya) ने बताया कि इस योजना से राज्य सरकार के वर्षों से बकाया राजस्व की वसूली हो सकेगी। साथ ही इससे वसूली प्रयासों में लगने वाले अनावश्यक समय व धन की बचत होगी। साथ ही वसूली कार्य में नियोजित मानव संसाधन का प्रोडक्टिव कार्यों में उपयोग किया जा सकेगा। खान एवं गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया ने बताया कि योजना में ब्याज माफी के साथ ही बकाया अवधि के अनुसार अलग-अलग स्लेब में मूल राशि में भी अधिकतम 90 प्रतिशत व कम से कम 40 प्रतिशत तक की राहत दी गई है।
योजना के तहत जिन बकायादारों द्वारा पूर्व में ही मूल राशि जमा करा दी गई है और केवल ब्याज राशि बकाया है, उन प्रकरणों में समस्त ब्याज राशि संबंधित खनिज अभियंता व सहायक खनिज अभियंता द्वारा स्वतः माफ की जा सकेगी। इस योजना के दायरे में प्रदेश के करीब एक हजार से 1200 प्रकरण आएंगे। वहीं 50 से 60 करोड़ रुपए की आय राज्य के राजकोष में प्राप्त हो सकेगी।
छह माह के लिए लागू
खान एवं पेट्रोलियम विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुबोध अग्रवाल (Subodh Agrwal) ने बताया कि विभाग की बकाया व ब्याज माफी योजना तत्काल प्रभाव से छह माह के लिए लागू की गई है। इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए
बकायाधारकों द्वारा योजना के प्रावधानों के अनुसार निर्धारित राशि योजना अवधि में जमा करानी होगी। डीएमएफटी, आरएसएमईटी, की बकाया राशि, एनजीटी अथवा सक्षम न्यायालय की तरफ से निर्धारित शास्ती राशि या अन्य राशि व आदेश जारी होने की तारीख को प्रभावशील ठेकों, खनिज रियायतों पर यह योजना लागू नहीं होगी।