होमइंडिया
राज्य | राजस्थानमध्यप्रदेशदिल्लीउत्तराखंडउत्तरप्रदेश
मनोरंजनटेक्नोलॉजीस्पोर्ट्स
बिज़नेस | पर्सनल फाइनेंसक्रिप्टोकरेंसीबिज़नेस आईडियाशेयर मार्केट
लाइफस्टाइलहेल्थकरियरवायरलधर्मदुनियाshorts

'कांग्रेस वोट लेकर भूल जाती है...' निर्मला सीतारमण बोलीं- गहलोत ने पैदा की ERCP में रुकावटें

05:42 PM Apr 16, 2024 IST | Avdhesh

Rajasthan Loksabha Election 2024: देशभर में लोकसभा चुनावों के पहले चरण का प्रचार अभियान अपने अंतिम दौर में है जहां जनता के दरवाजे पर वोट मांगने के लिए नेता पूरी जोर आजमाइश कर रहे हैं. इसी कड़ी में बीजेपी और कांग्रेस के केंद्रीय नेता दिल्ली से लगातार सूबे का दौरा कर रहे हैं जहां मंगलवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जयपुर में कांग्रेस और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर तीखा हमला बोला. सीतारमण ने गहलोत पर ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट (ERCP) के काम में रुकावटें पैदा करने का गंभीर आरोप लगाया.

उन्होंने कहा कि राजस्थान में पानी के लिए कोई भी सीएम होगा वो ऐसे प्रोजेक्ट को आगे बढ़ने की कोशिश करते ना कि रुकावटें पैदा करते. मालूम हो कि अशोक गहलोत ने 2023 के विधानसभा चुनावों में ईआरसीपी को बड़ा मुद्दा बनाया था और कांग्रेसी नेताओं ने इस मसले पर बीजेपी को जमकर घेरा था.

वहीं हाल में भजनलाल सरकार ने ईआरसीपी को लेकर एमपी सरकार के साथ मिलकर केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय से एक एमओयू किया है. दरअसल सीतारमण जयपुर में एक होटल में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रही थी.

"कांग्रेस जनता को गुमराह करती है"

सीतारमण ने आगे कहा कि ईआरसीपी को लेकर मध्य प्रदेश और राजस्थान में सहमति के लिए बहुत कोशिश की गई लेकिन पूर्व सीएम अशोक गहलोत इसके लिए तैयार नहीं थे जिसके कारण ही ये प्रोजेक्ट 5 साल तक अटका रहा. उन्होंने कहा कि जो काम भजनलाल सरकार में जनवरी में हुआ वो पहले भी किया जा सकता था.

सीतारमण ने कहा कि कांग्रेस का काम सिर्फ चुनाव में वादे करना है और जनता को गुमराह करना है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस वोट लेकर फिर भूल जाती है और इसमें कांग्रेस माहिर है. वहीं उन्होंने कहा कि पुरानी पेंशन स्कीम लागू होने के बाद गहलोत ने केंद्र से कहा कि जो पैसा न्यू पेंशन स्कीम के तहत केंद्र में गया उसको वापस करो लेकिन तकनीकी पहलू ये था कि ये पैसा सरकार को वापस नहीं होता है. उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस का काम है, जनता से बात करना और मुद्दे उठाने के बाद सत्ता में बैठना और फिर सबकुछ भूल जाना.

Next Article