मायावती को फिर राजस्थान से बड़ा झटका, BSP के दो विधायकों का एकनाथ शिंदे गुट की शिवसेना को समर्थन
Rajasthan Loksabha Election 2024: राजसथान में लोकसभा चुनावों से पहले बड़ी सियासी हलचल देखने को मिली है जहां बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के चुरू के सादुलपुर से विधायक मनोज न्यांगली और धौलपुर के बाड़ी से विधायक जसवंत गुर्जर शिवसेना (शिंदे गुट) में शामिल हो गए हैं. इन दोनों विधायकों ने मुंबई में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की मौजूदगी में शिवसेना का दामन थामा. वहीं इससे पहले राजस्थान में भरतपुर के बयाना रूपवास से निर्दलीय विधायक रितु बनावत ने भी शिवसेना को समर्थन दिया था.
राजस्थान में बीते साल हुए विधानसभा चुनावों में बसपा के 2 विधायकों ने जीत हासिल की थी जो दोनों अब शिवसेना के पाले में चले गए हैं. दरअसल किसी एक दल या निर्दलीय विधायक चुने जाने के बाद किसी दूसरे दल को समर्थन देने से उनकी विधानसभा सदस्यता खतरे में नहीं आती है. ये पूरी तरह से पाला बदलने का तकनीकी पहलू है.
कांग्रेस-बीजेपी के काम आते हैं बसपा विधायक
बता दें कि राजस्थान में पिछले बरस में हुए विधानसभा चुनावों में चुरू की सादुलपुर सीट से बसपा के टिकट पर मनोज न्यांगली ने जीत हासिल की थी. बसपा के न्यांगली ने कुल 64,368 वोट हासिल कर 2,574 वोटों के अंतर से जीत हासिल की जहां 2018 के चुनावों में करीब 18 हजार वोटों से जीत दर्ज करने वाली कांग्रेस की कृष्णा पूनियां की इस बार जमानत जब्त हो गई थी.
वहीं धौलपुर की बाड़ी सीट से बसपा के जसवंत गुर्जर ने 27424 वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी. जसवंत ने बीजेपी के गिर्राज मलिंगा को हराया था जहां जसवंत को 106060 वोट मिले जबकि मलिंगा को 78636 वोट मिले थे. मलिंगा चुनावों से कुछ समय पहले ही बीजेपी में शामिल हुए थे.
दरअसल पिछले 10 सालों के सूबे के राजनीतिक इतिहास को देखें तो बसपा विधायक कांग्रेस को ही किसी ना किसी तरह समर्थन देते रहे हैं लेकिन इस बार बीजेपी की सहयोगी पार्टी शिवसेना मायावती के विधायकों को अपने पाले में ले जाने में कामयाब हो गई.
CM भजनलाल के साथ दिखते ही अटकलों का बाजार गरम!
हाल में मुख्यमंत्री भजनलाल की सभा में बीएसपी विधायक जसवंत सिंह गुर्जर की खुले मंच पर एंट्री हुई थी और उन्होंने जहां बीजेपी प्रत्याशी इंदु देवी जाटव के समर्थन में वोट मांगे थे.
धौलपुर के सैंपऊ कस्बे के ऐतिहासिक महादेव मंदिर पर हुई इस सभा में भाजपा नेता एवं पूर्व विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा नदारद रहे लेकिन जसवंत गुर्जर के मंच साझा करने के बाद उनके बीजेपी को समर्थन देने की अटकलें लगाई जा रही थी. वहीं सादुलपुर से विधायक मनोज न्यांगली भी बीते दिनों चुरू से बीजेपी प्रत्याशी देवेंद्र झाझड़िया के समर्थन में चुनाव प्रचार करते हुए भी दिखाई दिए थे.
रितु बनावत ने भी दिया था समर्थन
वहीं इससे पहले बीते दिनों भरतपुर के बयाना विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय विधायक डॉ. रितु बनावत ने भी एकनाथ शिंदे की शिवसेना को समर्थन दिया था. बनावत ने मुंबई में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की मौजूदगी में उनके वर्षा निवास पर आयोजित कार्यक्रम में शिवसेना की रीति-नीतियों और एकनाथ शिंदे की विचारधारा में भरोसा जताया था. इसके अलावा उदयपुरवाटी से शिंदे गुट की शिवसेना से ही राजेंद्र गुढ़ा ने विधानसभा चुनाव 2023 लड़ा था लेकिन वह हार गए थे.
2019 में सभी 6 विधायकों ने थामा 'हाथ' का दामन
गौरतलब है कि बसपा के साथ राजस्थान में लगातार खेल होता रहा है जहां इससे पहले पिछली गहलोत सरकार में राजस्थान में बसपा के सभी 6 विधायक कांग्रेस में शामिल हो गए थे जिसके बाद विधानसभा में कांग्रेस के विधायकों की संख्या 100 बढ़कर 106 हो गई थी. इससे पहले राज्य में कांग्रेस सरकार को बसपा का बाहर से समर्थन था. विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने पर विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी ने उस समय कहा था कि सभी विधायकों का कांग्रेस में विलय पत्र मिल चुका है जिसमें अब किसी प्रकार की कानूनी अड़चन नहीं है.