सरकार का दो दिवसीय चिंतन शिविर हुआ समाप्त, 23 घंटे चला बैठकों का दौर
राजस्थान सरकार का दो दिवसीय चिंतन शिविर आज समाप्त हो गया। इन 2 दिनों में चिंतन शिविर की करीब 23 घंटे तक बैठक चली, जिसमें गहलोत सरकार के सभी मंत्रियों ने अपने-अपने विभाग की प्रगति रिपोर्ट पेश की। जिस के कार्यों की मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने समीक्षा की।
योजनाओं को समयबद्ध करने के दिए निर्देश
जयपुर स्थित हरिशचंद्र माथुर लोक प्रशिक्षण संस्थान में आयोजित इस चिंतन शिविर के दूसरे दिन भी सीएम अशोक गहलोत ने संबोधित किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पारदर्शी, जवाबदेह एवं संवेदनशील सुशासन के माध्यम से प्रत्येक वर्ग के उत्थान के लिए प्राथमिकता से कार्य कर रही है। राज्य सरकार की सभी योजनाओं का समयबद्ध एवं प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए, ताकि आमजन को इनका पूरा लाभ मिल सके। मुख्यमंत्री गहलोत ने अधिकारियों को आम लोगों से जुड़े कार्यों के निस्तारण में अनावश्यक देरी करने वाले कार्मिकों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
इन विभागों की दर्ज की गई रिपोर्ट
सरकार के इस चिंतन शिविर में नगरीय विकास एवं आवासन, पंचायतीराज एवं ग्रामीण विकास, राजस्व, आपदा प्रबंधन एवं सहायता, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, अल्पसंख्यक मामलात एवं वक्फ, कला, साहित्य, संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग के मंत्रियों ने आज विभागीय कार्यों की प्रगति, बजट घोषणाओं, जन घोषणाओं और अभियानों के बारे में प्रजेंटेशन दिया।
यूडीएच विभाग का यह रहा रिजल्ट
नगरीय विकास एवं आवासन विभाग के प्रस्तुतीकरण में बताया गया कि विभाग द्वारा प्रशासन शहरों के संग अभियान में लगभग 6 लाख पट्टे जारी किए गए हैं। आमजन की विभिन्न समस्याओं के निस्तारण के लिए शुरू किए गए इस अभियान के तहत अब तक करीब 19 लाख प्रकरणों का निस्तारण किया गया है। आवासन मंडल द्वारा 50 प्रतिशत की छूट देकर आमजन को सस्ती दर पर लगभग 14 हजार मकान उपलब्ध कराए गए हैं। ‘कोई भूखा ना सोए‘ के संकल्प के साथ अब तक 980 इंदिरा रसोई की स्थापना की गई है। इनमें 9.28 करोड़ थालियां परोसी गई हैं। शहरों में भी रोजगार उपलब्ध कराने के लिए इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना लागू की है।
ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग का भी हुआ प्रजेंटेशन
ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग के प्रस्तुतीकरण में बताया गया कि 40 बजट घोषणाओं में से 24 पूरी कर ली गई हैं तथा 16 प्रगतिरत हैं। साथ ही, 30 जनघोषणाओं में से 29 पूरी कर ली गई हैं तथा 1 प्रगतिरत है। प्रदेश में मनरेगा के तहत 25 दिनों का अतिरिक्त रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। 3 लाख स्वयं सहायता समूहों का गठन कर 37 लाख ग्रामीण परिवारों को लाभान्वित किया जा रहा है और 3 हजार 156 करोड़ रुपए की लागत से ग्राम पंचायतों में सड़क विकास का कार्य करवाया जा रहा है।
आपदा प्रबंधन विभाग की 9 बजट घोषणाओं में से पांच पूरी
चिंतन शिविर में आपदा प्रबंधन विभाग के प्रस्तुतीकरण में बताया गया कि विभाग से जुड़ी कुल 9 बजट घोषणाओं में से 5 पूर्ण हो चुकी हैं, जबकि 4 प्रगतिरत हैं। विभाग से संबंधित चारों जन घोषणाएं पूर्ण की जा चुकी हैं। प्रस्तुतीकरण में बताया गया कि सूखे से प्रभावित लगभग 11.28 लाख किसानों को 1080.82 करोड़ रुपए की सहायता राशि उपलब्ध करवाई गयी है।
अल्पसंख्यक मामलात विभाग का भी हुआ प्रेजेंटेशन
अल्पसंख्यक मामलात एवं वक्फ विभाग के प्रस्तुतीकरण में बताया गया कि 34 बजट घोषणाओं में से 17 पूरी की जा चुकी हैं तथा 17 प्रगतिरत हैं। वहीं कुल 9 जन घोषणाओं में से सभी पूर्ण कर ली गई हैं। अल्पसंख्यकों के समावेशी विकास के लिए 100 करोड़ रुपए के कोष का गठन किया गया है। अल्पसंख्यक महिलाओं एवं शिक्षित बेरोजगारों को लगभग 12 करोड़ रुपए का ऋण उपलब्ध कराया गया है। मदरसा पैराटीचर्स के मानदेय में समय-समय पर बढ़ोतरी की गई है। अल्पसंख्यक विद्यार्थियों के लिए बालिका छात्रावास तथा 16 राजकीय अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय संचालित किए जा रहे हैं। साथ ही, राजकीय छात्रावासों में मैस भत्ते में बढ़ोतरी की गई है। लगभग 42 करोड़ रूपए की लागत से अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालयों का निर्माण किया जा रहा है। मदरसा आधुनिकीकरण के लिए 17.44 करोड़ रुपए की प्रशासनिक स्वीकृति जारी की गई है।