सरकारी टीचर का परीक्षाओं में बड़ा फर्जीवाड़ा, किसी को पटवारी तो किसी को थानेदार बनवाया...एक गलती से हुआ खुलासा
Rajasthan Paper Leak Case : राजस्थान में भजनलाल शर्मा की सरकार बनने के बाद पेपर लीक माफियों पर एक बाद एक लगातार एक्शन ले रही हैं। प्रदेश में बीजेपी सरकार जीरो टॉलरेस की नीति पर काम करते हुए पेपर लीक और डमी कैंडिडेट की धरपकड़ कर आए दिन नए खुलासे कर रही है।
राजस्थान में SOG की टीम ने एसआई भर्ती परीक्षा 2021 पेपर लीक मामले में बीते महीने ट्रेनिंग सेंटर से 40 के करीब फर्जी थानेदारों को दबोचा था और इसके बाद भी एसओजी की धरपकड़ जारी है। एसओजी ने बुधवार को एक डमी कैंडिडेट बनकर प्रतियोगी परीक्षाओं में बैठने के मामले में रोशनलाल मीणा को बुधवार को गिरफ्तार किया है। आरोपी दौसा का रहने वाला है। आरोपी ने न जाने कितने अभ्यर्थियों को पटवारी और थानेदार बना दिया। आरोपी रोशन लाल मीणा इतना शातिर है कि पहली बार कोई डमी कैंडिडेट आरपीएससी में इंटरव्यू देने तक पहुंच गया और सबको धोखा देकर पास भी हो गया था।
एसओजी की टीम सिविल ड्रेस में उसके स्कूल में गिरफ्तार करने के लिए गई थी। जैसे ही उन्होंने टीचर्स, हेल्पर और बच्चों से रोशनलाल के बारे में पूछा तो सामने से सवाल आया- ‘नौकरी लगवाने आए हो क्या? प्रिंसिपल मैडम के रूम में मिलेंगे रोशनलालजी।’
कुछ अध्यापकों ने पूछा- ‘कौन सी परीक्षा में बैठाना है रोशन सर को। इन के पास आने वाला कोई भी व्यक्ति खाली हाथ नहीं जाता। इनको बस साम-दाम-दंड-भेद किसी से भी मना लो। आपकी नौकरी पक्की है।’ एसओजी की टीम ये सब सुनकर हैरान रह गई कि स्कूल के टीचर्स और यहां तक स्टूडेंट्स को भी रोशनलाल के कारनामों के बारे में पता था, लेकिन कभी किसी ने शिकायत नहीं की।
RPSC के इंटरव्यू में भी पास हो गया डमी कैंडिडेट
एडीजी वीके सिंह ने बताया कि पिछले 5 महीने से एसओजी पेपर लीक मामले को लेकर लगातार कार्रवाई कर रही है। इतना शातिर आरोपी आज तक नहीं मिला जो डमी कैंडिडेट होने के बाद भी आरपीएससी के इंटरव्यू तक पहुंच गया। इसके बाद भी उसने पैनल के सामने सारे सवालों के जवाब दे दिए। यही कारण रहा कि वह इंटरव्यू में भी पास हो गया और मनीष मीणा (जिसकी जगह उनसे इंटरव्यू दिया था) राजस्थान पुलिस में एसआई बन गया। इस पूरी प्रक्रिया को मनीष और रोशनलाल अच्छी तरह से समझ चुके थे। इसके बाद इन लोगों ने एक के बाद एक 6 परीक्षा में रोशनलाल को डमी कैंडिडेट के रूप में बिठाया।
आरोपी बोला-मुझे हर सवाल कर जवाब आता है
एसओजी की टीम ने जब आरोपी रोशनलाल मीणा की नॉलेज को जांचने के लिए उससे साइंस, मैथमैटिक्स, जीके, पॉलिटिकल साइंस से जुड़े कई सवाल पूछे। रोशन ने बिना किसी परेशानी के सभी सवालों के जवाब दे दिए।
आरोपी रोशल लाल मीणा से एसओजी ने आईपीसी-सीआरपीसी-एविडेंस एक्ट के बारे में पूछताछ शुरू की तो उसने यह तक बता दिया कि एसओजी ने उसे किस एक्ट में पकड़ा है और उसे क्या सजा हो सकती है।
कितने लोगों से पैसे लिए उसे भी नहीं मालूम
एसओजी ने जब आरोपी रोशनलाल मीणा ने पूछा कि अब तक कितने लोगों के साथ ऐसा किया है। इस सवाल के जवाब में आरोपी ने बताया कि मनीष मीणा ने रोशनलाल मीणा को 5 लाख रुपए दिए थे। इसके अलावा उसे याद नहीं है कि उसने डमी अभ्यर्थी बनने के लिए किससे कितना पैसा लिया था। एसओजी की टीम ने रोशनलाल मीणा के बैंक खातों की जांच शुरू कर दी है। एसओजी ने आरोपी के बैंक से पिछले 5 साल के ट्रांजेक्शन की जानकारी मांगी है, ताकि पता चल सके कि रोशनलाल ने किस-किस से कितने रुपए लिए थे।
RPSC से रिपोर्ट मांगी
एसओजी ने आरोपी रोशनलाल मीणा, एसआई मनीष मीणा के दस्तावेज आरपीएससी से मांगे हैं। रोशन ने जब इंटरव्यू दिया था तो उसकी भी वीडियोग्राफी कराई गई थी। वो भी एसओजी ने मांगी है।
वहीं जिन सरकारी कर्मचारियों के लिए आरोपी ने पेपर दिए उनके भी दस्तावेज विभाग से मांगे गए हैं। एसओजी को शक है कि इन लोगों ने फर्जी सर्टिफिकेट देकर नौकरी हासिल की है।
कई परीक्षाओं में डमी कैंडिडेट बनकर बैठा
डीआईजी परिस देशमुख ने बताया कि दौसा निवासी सरकारी टीचर रोशनलाल मीणा साल 2017 से सरकारी टीचर है। फिलहाल सरकारी अंग्रेजी मीडियम स्कूल, प्यारीवास (दौसा) में ग्रेड थर्ड टीचर है। वह राज्य सरकार की 16 और भारत सरकार की 4 परीक्षा में बैठा है।
सरकारी टीचर लगने से पहले से वह डमी कैंडिडेट बनकर परीक्षा में बैठ रहा था। राजस्थान पुलिस की आईबी यूनिट में तैनात साल 2018 बैच के एसआई मनीष मीणा, उसके सगे भाई दिनेश मीणा के लिए भी आरोपी ने डमी कैंडिडेट के रूप में परीक्षा दी थी। दिनेश मीणा अभी एलडीसी के पद पर तैनात है। रोशनलाल ने साल 2021 में भी मनीष मीणा के भाई दीपक मीणा के लिए एसआई भर्ती परीक्षा डमी कैंडिडेट के रूप में दी थी। दीपक मीणा लिखित परीक्षा में पास हो गया, लेकिन फिजिकल में फेल हो गया था।
फोन पर आए एक मैसेज से हुआ खुलासा
एडीजी वीके सिंह ने बताया कि उनके फोन पर एक मैसेज आरोपी एसआई मनीष मीणा को लेकर आया था। मैसेज में लिखा था कि मनीष मीणा ने डमी कैडिंडेट बिठाकर परीक्षा पास की थी। मैसेज की जांच के तहत एसओजी ने आरपीएससी के चेयरमैन से मनीष की डिटेल मांगी। जांच की तो पता चला कि रोशनलाल मीणा ने मनीष की जगह पेपर दिया। जिसके बाद एसओजी ने रोशन की तलाश शुरू की। रोशन की गिरफ्तारी की सूचना जैसे ही फैली, उससे जुड़े आरोपी फरार हो गए। इसमें वो सारे युवक हैं, जिनकी जगह पर डमी कैंडिडेट बनकर रोशनलाल ने परीक्षा दी थी। इनकी तलाश की जा रही है।