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सियासत के गजब रंग…कहीं पिता-बेटी तो कहीं पति-पत्नी आमने-सामने, सपेरे से लेकर चाय वाला तक रण में

राजस्थान में 25 नवंबर को विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग होने वाली है। लेकिन, राजस्थान में इस बार अजब सियासत के गजब रंग देखने को मिल रहे है।
12:24 PM Nov 15, 2023 IST | Anil Prajapat

Rajasthan Elections 2023 : जयपुर। राजस्थान में 25 नवंबर को विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग होने वाली है। लेकिन, राजस्थान में इस बार अजब सियासत के गजब रंग देखने को मिल रहे है। राजस्थान की 200 विधानसभा सीटों में से किसी सीट पर पिता के सामने बेटी तो कहीं पति-पत्नी और जीजा-साली आमने-सामने है। इतना ही नहीं, इस बार सांप पकड़ने वाले से लेकर चाय वाले तक चुनावी रण में उतरे है।

वैसे राजस्थान की 200 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस और बीजेपी के बीच कांटे का मुकाबला देखने को मिलेगा। लेकिन, कुछ सीटों पर बागी इन दोनों ही पार्टियों का गणित बिगाड़ सकते है। क्योंकि बीजेपी और कांग्रेस के कई बागी नेताओं ने निर्दलीय ताल ठोकी है। लेकिन, अलवर जिले की ग्रामीण विधानसभा सीट, सीकर जिले के दांतारामगढ़ विधानसभा सीट, धौलपुर विधानसभा सीट, झुंझुनूं जिले की उदयपुरवाटी विधानसभा सीट, भरतपुर जिले की बयाना विधानसभा सीट और राजसमंद जिले की कुंभलगढ़ विधानसभा सीट पर अजब-गजब मुकाबला देखने को मिलेगा।

इन सीटों पर अजब-गजब मुकाबला

अलवर : अलवर ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र में पूर्व विधायक और बीजेपी प्रत्याशी जयराम जाटव की बड़ी बेटी मीना कुमारी अपने ही पिता के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरी है। वो निर्दलीय चुनाव लड़ रही हैं। वहीं, जयराम जाटव को इस बार बीजेपी ने टिकट दिया है। हालांकि, 2018 में उनका टिकट कट गया था। ऐसे अलवर ग्रामीण सीट चर्चा का विषय बनी हुई है।

सीकर : जिले की दांतारामगढ़ विधानसभा सीट पर वर्तमान विधायक वीरेंद्र सिंह और उनकी पत्नी पूर्व जिला प्रमुख डॉ. रीटा सिंह चुनावी मैदान में आमने-सामने हैं। डॉ. रीटा सिंह जेजेपी के टिकट पर चुनावी रण में उतरी है तो वीरेंद्र सिंह कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे है। यह वही सीट है जहां से पूर्व सीएम व उपराष्ट्रपति रहे बीजेपी के दिग्गज नेता भैरों सिंह शेखावत भी चुनाव लड़ चुके हैं। लेकिन, राजस्थान के चुनावी इतिहास में पहली बार यहां पति-पत्नी के बीच रोचक मुकाबला देखने को मिलेगा।

धौलपुर: धौलपुर विधानसभा सीट पर जीजा-साली के बीच मुकाबला देखने को मिलेगा। कांग्रेस ने शोभरानी कुशवाह और बीजेपी ने डॉ. शिवचरण कुशवाह को प्रत्याशी बनाया है। पिछली बार भी दोनों के बीच मुकाबला हुआ था। 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी रही शोभारानी कुशवाहा ने 67 हजार 349 वोट हासिल किए थे तो कांग्रेस प्रत्याशी रहे डॉक्टर शिवचरण कुशवाहा को 47 हजार 989 वोट मिले थे, जिसके चलते शोभारानी कुशवाहा ने 19 हजार 360 वोटों से चुनाव जीत लिया था। लेकिन, इस बार हालात उलट है। शोभरानी कुशवाह कांग्रेस के टिकट पर तो शिवचरण कुशवाह बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे। ऐसे में इस सीट पर रोचक मुकाबला देखने को मिलेगा।

झुंझुनूं : जिले की उदयपुरवाटी सीट पर पिछले चुनाव की तरह इस बार भी विधायक राजेंद्र सिंह गुढ़ा और उनकी पत्नी निशा कंवर चुनावी मैदान में है। हालांकि, पिछली बार उनकी पत्नी को मात्र 114 ही वोट मिले थे। खास बात ये है कि ये दोनों साथ-साथ चुनाव प्रचार कर रहे है। वहीं, इस सीट पर राजेंद्र सिंह गुढ़ा नाम के दो प्रत्याशी है। ऐसे में लोग कन्फ्यूज है कि कौनसे गुढ़ा को वोट देना है।

राजसमंद : जिले की कुंभलगढ़ विधानसभा सीट से एक सांप पकड़ने वाले तेजू टांक ने नामांकन भरा है। ये अपना नामांकन भरने के लिए भी ऊंट पर सवार होकर गए थे। ओलादर निवासी तेजू निर्विरोध वार्ड पंच रह चुके हैं और वन्य जीव प्रेमी हैं। वो सांप पकड़ने का काम करते है। उनके पास पैसा नहीं होने के बाद भी वो चुनावी रण में उतरे है।

भरतपुर : जिले की बयाना विधानसभा सीट से चाय की दुकान लगाने वाले मुन्नीराम जाटव भारतीय युवा जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे है। नामांकन भरने के बाद से ही मुन्नीराम ने चाय बनाना छोड़ दिया है और थड़ी पर बैठकर ही चुनाव प्रचार में लगे हुए है। वहीं, साधु पुरुषोत्तम लाल भी चुनाव लड़ रहे है। एमपी के सिरसौदा निवासी पुरुषोत्तम लाल ने 22 साल पहले घर छोड़ दिया था और वो बयाना शहर के बाहर कुटिया में रहते है।

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