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Rajasthan Election : तीसरे मोर्चे की तैयारी में कम्यूनिस्ट पार्टी…सपा, आप, RLP, BTP, चंद्रशेखर रावण की ASP को एक साथ लाकर महागठबंधन की तैयारी 

03:53 PM Apr 27, 2023 IST | Jyoti sharma

जयपुर। राजस्थान चुनाव (Rajasthan Election) को लेकर सभी पार्टियां अब लगभग चुनाव में मोड में आ गई हैं। कांग्रेस और बीजेपी तो लगातार राजस्थान के जिलों में अपने-अपने नेताओं के दौरे करवा रही हैं। राजस्थान में कांग्रेस और बीजेपी की हर 5 साल में सरकार बदलने का रिवाज है। लेकिन इस बार इस रिवाज को बदलना है कांग्रेस और बीजेपी के अलावा एक और पार्टी का विकल्प जनता को देना है। कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ इंडिया CPI(M) की राजस्थान इकाई के सचिव अमरराम ने यह बयान देकर कहा कि हम इस तीसरी पार्टी के लिए समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी, बीटीपी, चंद्रशेखर रावण की ASP को एक साथ लेकर आएगी।

5 दलों का गठबंधन

अमरराम ने कहा कि इसी के जरिए हम भाजपा और कांग्रेस को राजस्थान में बार बार सरकार बनाने से रोक सकते हैं। इन्होंने इतने सालों में राजस्थान का विकास नहीं किया। इसलिए हमने अब तय किया है कि एक तीसरा फ्रंट हम बनाएंगे, जिसमें इन पार्टियों को एक साथ लेकर आएंगे और जनता के सामने तीसरा विकल्प रखेंगे। इस पार्टी में 5 दलों का गठबंधन होगा, जिसे हम महागठबंधन भी कह सकते हैं। इसके लिए इन चारों पार्टियों को एक साथ लगाने की जुगत चल रही है। 

सीपीआईएम तो राजस्थान की 30 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। बाकी इन पार्टियों को जब हम साथ लेकर आएंगे तो राजस्थान की पूरी 200 सीटों में से इन पार्टियों को हम अलग-अलग सीटें बाटेंगे, ताकि पूरी 200 विधानसभा क्षेत्र में हमारी पहुंच हो और सरकार बनाने में आसानी रहे।

200 सीटों का करेंगे बंटवारा

अमरराम ने कहा कि हम लगातार इन पार्टियों को साथ लाने की कोशिश कर रहे हैं क्योंकि यह सारे दल जमीनी तौर पर जुड़े हैं और जनता की समस्याओं के लिए लड़ रहे हैं। कांग्रेस या बीजेपी की तरह से सत्ता हथियाने के लिए नहीं। जब इन पार्टियों की सहमति बन जाएगी तब 200 विधानसभा सीटों का बंटवारा भी हो जाएगा।

किसानों पर भाजपा का अत्याचार

भाजपा और कांग्रेस दोनों को आड़े हाथ लेते हुए अमर राम ने कहा कि भाजपा पूरे देश में किसानों पर अत्याचार कर रही है और राजस्थान में इसकी बानगी देखी जा रही है, ना तो उनका कर्जा माफ किया गया है ना ही उन्हें किसी तरह की राहत दी गई है। किसानों की आय दोगुनी करने का उनका वादा भी बस झुनझुना बजाता हुआ नजर आया। उनके साथ भेदभाव हो रहा है। भाजपा तो पहले कृषि कानून के रूप में काले कानून लेकर आई थी, अब उन्हें धीरे-धीरे छोटे-मोटे लालच दिए जा रहे हैं।

चुनाव सिर पर तब लगा रहे हैं राहत कैंप

 कांग्रेस को लेकर अमरराम ने कहा कि अब जब चुनाव सिर पर आ गए हैं लगा रहे हैं तब ये महंगाई राहत कैंप लगा रहे हैं। 2 रुपए में बिजली पैदा करके यह 12 रुपए में बेच रहे हैं तो कहां की राहत। गहलोत सरकार जो भी योजनाएं लेकर आई है वह सिर्फ चुनावों को देखते हुए लेकर आई है। इससे पहले क्या उन्होंने कभी कुछ किया।

तीसरे फ्रंट से पहले सहमति जरूरी

राजस्थान में तीसरे फ्रंट की बात तब से पटल पर आई है, जब से आम आदमी पार्टी, असदुद्दीन ओवैसी ने प्रदेश की सभी सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया और तीसरा विकल्प बनने का ऐलान किया। हालांकि इन दोनों पार्टियों के पिछले चुनाव में हुए प्रदर्शन से ऐसा तो कहीं से नहीं लगता कि तीसरा विकल्प यह दोनों पार्टियां अकेले दम पर रख सकती है। सीपीआई अब जिन पांच पार्टियों को एक साथ लाकर महागठबंधन की तैयारी की बात कर रही है उससे शायद इन पार्टियों को कुछ फायदा हो सकता है। उससे पहले इन पांचो पार्टियों की सहमति ली जा रही है, सहमति मिलने के बाद ही तीसरा फ्रंट अपना सिर उठा सकता है।

इन पार्टियों की वर्तमान स्थिति की बात करें तो राजस्थान में इनमें से BTP, CPI(M) औऱ RLP के ही विधायक हैं। BTP के सिर्फ राज्य में दो विधायक हैं। CPI के पास भी दो विधायक हैं। इसके अलावा RLP के 3 विधायक हैं।

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