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Rajasthan Election 2023 : 10 साल बाद डोटासरा- महरिया फिर आमने-सामने, जानें-कौन किस पर भारी?

लक्ष्मणगढ़ विधानसभा सीट से कांग्रेस ने गोविंद सिंह डोटासरा को उतारा है तो भाजपा ने सुभाष महरिया को टिकट दिया है। अब 10 साल बाद फिर से ये दोनों नेता आमने- सामने हैं।
09:56 AM Oct 22, 2023 IST | Anil Prajapat
Govind Singh Dotasara vs Subhash Maharia

Rajasthan Election 2023 : जयपुर। राजस्थान में 25 नवंबर को विधानसभा होने वाले है। इसके लिए लक्ष्मणगढ़ विधानसभा सीट से कांग्रेस ने गोविंद सिंह डोटासरा को उतारा है तो भाजपा ने सुभाष महरिया को टिकट दिया है। अब 10 साल बाद फिर से ये दोनों नेता आमने- सामने हैं। बता दे कि कांग्रेस के गोविंद सिंह डोटासरा व बीजेपी के सुभाष महरिया दोनों ही शेखावाटी के कद्दावर जाट नेता माने जाते हैं। ऐसे में यह तो साफ है कि एक बार फिर सीकर जिले की लक्ष्मणगढ़ विधानसभा सीट पर रोचक मुकाबला देखने को मिलेगा।

इससे पहले साल 2013 में कांग्रेस के गोविंद सिंह डोटासरा व बीजेपी के सुभाष महरिया आमने-सामने थे। लेकिन, डोटासरा ने भाजपा उम्मीदवार सुभाष महरिया को 10 हजार से ज्यादा वोटों से शिकस्त दी थी। डोटासरा अब कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष हैं और तीन बार विधायक रह चुके हैं। सुभाष महरिया कांग्रेस में जाकर वापस भाजपा में आए हैं। ऐसे में अब ये देखना होगा कि दोनों में से इस बार कौन बाजी मारता है।

जानिए…दोनों नेताओं मे से कौन-किस पर भारी?

वैसे तो डोटासरा और महरिया दोनों ही शेखावाटी के कद्दावर जाट नेता माने जाते हैं। लेकिन, लक्ष्मणगढ़ सीट पर कांग्रेस का ही दबदबा रहा है। डोटासरा ने छात्र राजनीति से अपना सियासी सफर शुरू किया तो महरिया पेशे से किसान होने के साथ-साथ सामाजिक कार्यकर्ता तथा उद्योगपति है। दोनों ने ही नेताओं को राजनीति में 25 साल से अधिक का अनुभव है। डोटासरा जहां कांग्रेस के टिकट पर लगातार तीन बार विधायक रह चुके है तो महरिया भी बीजेपी के टिकट पर लगातार तीन बार सांसद रह चुके है। हालांकि, इस क्षेत्र में कांग्रेस का दबदबा रहा है। ऐसे में यह तो साफ है कि इस बार रोचक मुकाबला देखने को मिलेगा।

डोटासरा का राजनीतिक सफर…

गोविंद सिंह डोटासरा का जन्म 1 अक्टूबर 1964 को सीकर जिले के लक्ष्मणगढ़ में हुआ था। उन्होंने छात्र राजनीति से आगे बढ़ते हुए यूथ कांग्रेस में एंट्री की और फिर साल 2005 में कांग्रेस के टिकट पर पंचायत समिति के सदस्य का चुनाव लड़ा। इसके बाद साल 2008 में पहली बार कांग्रेस के टिकट पर लक्ष्मणगढ़ विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और विधायक बने। इसके बाद वो साल 2013 और 2018 में भी इसी सीट से विधायक चुने गए। वो गहलोत सरकार में शिक्षा मंत्री भी रह चुके है और वर्तमान में राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष है।

महरिया का राजनीतिक सफर…

राजस्थान के सीकर जिले में 29 सितम्बर 1957 को जन्मे सुभाष महरिया बीए पास हैं। महरिया ने बीजेपी का दामन थामने के बाद पहली बार साल 1996 में चुनाव लड़ा। लेकिन, कांग्रेस के हरि सिंह से हार गए थे। इसके बाद वो लगातार 1998, 1999 और 2004 में बीजेपी के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़कर सांसद चुने गए। अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में मंत्री रहे महरिया बीजेपी के किसान मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी रह चुके है। लेकिन, साल 2009 के चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। जिस पर महरिया ने साल 2013 में पहली बार बीजेपी के टिकट पर लक्ष्मणगढ़ विस से चुनाव लड़ा। लेकिन, डोटसरा के सामने हार गए। इसके चलते बीजेपी ने साल 2014 के चुनाव में उन्हें टिकट नहीं दिया तो कांग्रेस का दामन थाम लिया और साल 2019 में बीजेपी के खिलाफ चुनाव लड़ा। लेकिन, हार गए। हाल ही में वो कांग्रेस का साथ छोड़ फिर से बीजेपी में शामिल हुए है।

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