पहले पायलट से पंगा…अब हनुमान बेनीवाल को दिया झटका जानें-कौन है RLP छोड़ने वाली स्पर्धा चौधरी?
Rajasthan Election 2023 : जयपुर। राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 के नामांकन दाखिल हो चुके हैं। पॉलिटिकल पार्टियों अपनी जीत हार की जुगत में जुटी हुई हैं। इसी बीच राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी को बड़ा झटका लगा है। पार्टी के महिला मोर्चा की प्रदेशाध्यक्ष स्पर्धा चौधरी (Spurdha Choudhary) ने मंगलवार को आरएलपी से इस्तीफा दे दिया है। विधानसभा चुनाव में अब तक का सबसे बड़ा दांव लगा रहे हनुमान बेनीवाल के लिए स्पर्धा का पार्टी छोड़ना छोटी बात नहीं है।
पिछले कई दिनों से पार्टी के लिए माहौल बनाने, अन्य दलों से गठबंधन और फिर उम्मीदवारों के नामों की घोषणा में व्यस्त बेनीवाल का साथ छोड़ते हुए स्पर्धा चौधरी ने एक बड़ा सवाल भी छोड़ा है। स्पर्धा चौधरी ने सोशल मीडिया पर पार्टी छोड़ने की बात सार्वजनिक रूप से की है। साथ ही उन्होंने इसका कारण हनुमान बेनीवाल से पूछने को कहा है। स्पर्धा की इस ट्वीट से सस्पेंस खड़ा हो गया है। बता दे कि स्पर्धा चौधरी ने राजस्थान की फुलेरा सीट से 2018 में आरपीएल के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ा था। लेकिन, इस चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
ED की कार्रवाई में हनुमान का नहीं मिला साथ
फुलेरा से राजनीति में सक्रिय रही स्पर्धा का नाम हाल में पेपर लीक मामले में भी आया था। उस समय हनुमान बेनीबाल ने स्पर्धा पर हुई कार्रवाई को लेकर न कोई बयानबाजी की, जब ईडी को स्पर्धा चौधरी के घर पर कोई ठोस कोगज नहीं मिले तो भी बेनीवाल की पार्टी ने चौधरी के समर्थन में कोई कार्यक्रम नहीं किया। माना जा रहा है कि स्पर्धा इस बात से खफा चल रही थीं। हालांकि पार्टी छोड़ने के कारणों को उन्होंने सार्वजनिक नहीं किया।
पायलट से भी स्पर्धा ने लिया था पंगा
बता दें कि साल 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले स्पर्धा चौधरी कांग्रेस में थी। वो कांग्रेस के टिकट पर फुलेरा से चुनाव लड़ना चाहती थी। उस समय कांग्रेस नेता रामेश्वर डूडी भी फुलेरा से स्पर्धा चौधरी को टिकट देने की पैरवी कर रहे थे। लेकिन, सचिन पायलट पूर्व मंत्री डॉ. हरि सिंह को टिकट दिलाना चाहते थे। इस दौरान कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट की गाड़ी को स्पर्धा चौधरी और उनके समर्थकों ने घेर लिया।
इसे अनुशासनहीनता मानते हुए सचिन पायलट के निर्देश पर स्पर्धा चौधरी की राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी की सदस्य और प्रदेश महिला कांग्रेस की उपाध्यक्ष को पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया था। टिकट नहीं मिलने पर स्पर्धा ने आरएलपी का दामन थाम लिया था। लेकिन, अब आरएलपी से भी नाता तोड़ लिया है।
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