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2 हॉट सीटों पर तस्वीर हुई साफ…गहलोत के सामने राठौड़ तो पायलट के सामने मेहता ठोकेंगे ताल

राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 को लेकर भाजपा ने गुरुवार को 58 प्रत्याशियों की सूची जारी की। इसके साथ ही पार्टी अब तक 182 नाम घोषित कर चुकी है।
07:42 AM Nov 03, 2023 IST | Anil Prajapat
Ashok Gehlot, Mahendra Singh Rathore

Rajasthan election 2023 : जयपुर। राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 को लेकर भाजपा ने गुरुवार को 58 प्रत्याशियों की सूची जारी की। इसके साथ ही पार्टी अब तक 182 नाम घोषित कर चुकी है। हालांकि, तीन सूचियों के बाद भी 18 सीटों पर प्रत्याशी घोषित होने बाकी हैं। भाजपा ने राज्य में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ महेंद्र सिंह राठौड़ को चुनावी मैदान में उतारा है। वहीं, टोंक से कांग्रेस उम्मीदवार पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के सामने पूर्व विधायक अजीत मेहता को भाजपा ने प्रत्याशी बनाया है।

ऐन वक्त पर लगी राठौड़ के नाम पर मुहर

हॉट सीट सरदारपुरा से गहलोत के सामने भाजपा ने जोधपुर विकास प्राधिकरण के पूर्व चेयरमैन डॉ. महेंन्द्र सिंह राठौड़ को चुनाव मैदान में उतारा है। इससे पहले ऐसी अटकलें थी कि केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को सरदारपुरा से अशोक गहलोत के खिलाफ चुनावी मैदान में खड़ा किया जा सकता है। इसके अलावा सीएम गहलोत के सामने जो नाम चर्चा में थे उनमें से एक राज्यसभा सांसद राजेन्द्र गहलोत का भी था। हाल ही में भाजपा में शामिल हुए जेएनवीयू के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष रविंद्र सिंह भाटी को भी दावेदार बताया जा रहा था। लेकिन ऐन वक्त पर डॉ. राठौड़ के नाम पर मुहर लग गई।

वसुंधरा राजे के नजदीकी माने जाते हैं राठौड

डॉ. राठौड़ को पूर्व सीएम वसुंधरा राजे का नजदीकी माना जाता है। जेएनवीयू में प्रोफेसर डॉ. राठौड़ पूर्व में जेडीए चेयरमैन रह चुके हैं। राठौड़ पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। सूत्रों के मुताबिक, भाजपा ने जातीय समीकरणों को ध्यान में रखते हुए राठौड़ को गहलोत के खिलाफ मैदान में उतारा है।

पायलट के सामने अजीत मेहता

टोंक में सचिन पायलट के सामने टोंक से पूर्व विधायक अजीत मेहता को प्रत्याशी बनाया गया है। पूर्व विधायक अजित सिहं मेहता 2013 में विधायक बने थे। 2018 के चुनावों में इनका टिकट काटकर पूर्व मंत्री यूनुस खान को दिया था। यूनुस खान पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट से 54 हजार से ज्यादा मतों से एकतरफा चुनाव हारे थे। भाजपा 1980 से जैन समाज के नेता को टिकट देती आई है।

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