प्रत्याशियों के साथ अफसरों का भविष्य भी EVM में कैद…चुनाव परिणाम को लेकर अफसरों की भी धड़कनें बढ़ी
(ओमप्रकाश शर्मा) : जयपुर। प्रदेश में इस बार रिकॉर्ड तोड़ 75.45 फीसदी मतदान हुआ है। तीन दिसंबर को विधानसभा चुनाव के परिणाम आएंगे। चाकचौबंद सुरक्षा में बंद प्रदेश भर की ईवीएम में प्रत्याशियों के साथ में पुलिस के बड़े अफसरों की पोस्टिंग का भविष्य भी कैद है। इनमें डीजीपी, पुलिस कमिश्नर, मुख्य सचिव व कमिश्नर समेत कई उच्चाधिकारी शामिल हैं। यही वजह है कि अधिकारी वर्ग अपने स्तर पर सर्वे करने में जुटा है। परंपरानुसार देखें तो कांग्रेस सत्ता में आने पर आईएएस व आईपीएस अफसरों की पहली लिस्ट जनवरी माह में आएगी और अगर भाजपा सरकार बनती है तो पहली लिस्ट दिसंबर माह में ही आ जाएगी।
कौन-सी पार्टी बनाएगी सरकार, इससे तय होगी पोस्टिंग
CS उषा शर्मा : मुख्य सचिव पद पर सरकार ने कई अफसर सीनियर होने के बाद भी उषा शर्मा को लगाया था। उनको रिटायरमेंट से कुछ दिन पहले एक साल का एक्सटेंशन दिया गया। शर्मा सरकार के काफी करीबी मानी जाती हैं। ऐसे में अगर अब भाजपा सत्ता में आती है तो शर्मा का हटना तय है और कांग्रेस सरकार ने ही रिपीट किया तो शर्मा की पोस्टिंग यथावत रहेगी। भाजपा चुनाव के दौरान उन्हें हटाने की मांग कर भी चुकी है।
डीजीपी उमेश मिश्रा : उमेश मिश्रा लंबे समय तक पुलिस मुख्यालय में इंटेलीजेंस शाखा में एडीजी और फिर डीजी के पद पर रहे। इंटेलीजेंस में तैनात अफसर सरकार के काफी करीबी होते हैं। साथ ही माना जा रहा है कि कांग्रेस सरकार पर आए संकट के दौरान मिश्रा ने सरकार बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। डीजी यूआर साहू उनसे एक बैच सीनियर थे, लेकिन सरकार ने उन्हें डीजीपी नियुक्त किया। अगर अब भाजपा सरकार सत्ता में आती है तो डीजीपी का बदलना तय है और कांग्रेस सरकार रिपीट होती है तो उनकी पोस्टिंग यथावत रहनी तय मानी जा रही है। डीजीपी का दो साल का कार्यकाल निर्धारित किया है, लेकिन पिछले दिनों यूपी सरकार ने डीजीपी को कुछ माह बाद ही हटा दिया था।
पुलिस कमिश्नर- बीजू जॉर्ज जोसफ : बीजू जॉर्ज जोसफ को सरकार ने पुलिस कमिश्नर के पद पर कुछ माह पहले ही लगाया था। चर्चा है कि जोसफ दिल्ली नेटवर्क और भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कई नेताओ के संपर्क में थे। कमिश्नरेट प्रणाली लागू होने के बाद इस पर पहली बार एडीजी रैंक के अफसर को लगाया गया है। इससे पहले इस पर पद पर आईजी रैंक के अफसर ही लगते थे। हालांकि, पदोन्नति होने के बाद आईजी से एडीजी बनने पर भी अफसरों की पोस्टिंग यथावत रही थी।
एसीबी डीजी-रिक्त : एसीबी में डीजी का पद करीब एक साल से रिक्त चल रहा है। बतौर कार्यवाहक डीजी एडीजी हेमंत प्रियदर्शी के पास इस पद की जिम्मेदारी है। प्रियदर्शी प्रतिनियुक्ति पर चले गए थे। वे एक माह बाद ही वापस आ गए थे, तब सरकार ने उनको पांच डीजी रैंक के अफसरों होने के बावजूद उन्हें यह जिम्मा दिया था।
सत्ता में बदलाव या रिपीट पर निर्भर
सचिवालय के गलियारों में चर्चा है कि अगर भाजपा बनती है तो डीजी रैंक के अफसर यूआर साहू, जंगा श्रीनिवास राव, रवि प्रकाश मेहरड़ा, एडीजी संजय अग्रवाल, वीके सिंह, विशाल बंसल, बिपिन पांडे व आईजी विकास कुमार को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिल सकती है। वहीं, इंटेलीजेंस, क्राइम ब्रांच, कानून व्यवस्था, विजिलेंस, एसओजी में एडीजी रैंक के अफसर भी बदल सकते हैं। दूसरी ओर, कांग्रेस सरकार रिपीट होती है तो इन अफसरों की पोस्टिंग में कोई बदलाव नहीं होगा। कई अफसरों की भाजपा सरकार में पोस्टिंग मुख्यमंत्री कौन बनता है, इस पर भी निर्भर रहेगी।
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