अभी भी थानों में जाने से डरते हैं आम लोग- डीजीपी उमेश शर्मा
डीजीपी उमेश मिश्रा ने आज जयपुर स्थित पुलिस हेडक्वार्टर में पत्रकारों से बातचीत की। उन्होंने यहां प्रदेश में पुलिस व्यवस्था पर बातचीत की। उन्होंने कहा कि 2022 में पुलिस ने काफी प्रगति की है। 2018 में जांच में 211 दिन लगते थे लेकिन अब ये दिन कम होकर सिर्फ 68 दिन ही रह गए हैं। महिला अत्याचारों को लेकर उन्होंने कहा कि अभी तक हमने 17 हजार सुरक्षा सखी बनाई हैं। महिलाओं के साथ वे मिलकर एक नई चेतना का संचार कर रही हैं।
संगठित अपराधों पर लगा रहे हैं लगाम
संगठित अपराधों के सवाल पर उन्होंने कहा कि संगठित गिरोह राजस्थान को काफी हद तक कंट्रोल में किया हुआ है। दूसरे राज्यों हरियाणा और पंजाब से आकर अपराधी यहां पर छिप रहे हैं। लेकिन वे वहीं से ही अपना गैंग चला रहे हैं। राजू ठेहठ भी इसी में शामिल था। डीजीपी ने कहा कि बहुत से अपराधी राज्य और देश से बाहर से अपना गैंग चला रहे हैं इन पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है।
अभी भी थानों में जाने से डर रहे हैं लोग
ट्रैफिक एक्सीडेंट्स को लेकर उन्होंने कहा कि 2023 में हमने इसे प्राथमिकता में रखा है कि कैसे इन्हें कम किया जाए। लोगों को इसके लिए जागरूक करना भी एक बड़ा टास्क है। लोगों को अब ट्रैफिक इंजीनियरिंग भी सिखानी पड़ेगी। डीजीपी ने कहा कि सामान्य व्यक्ति अभी भी थानों में जाने से परहेज करता है। लोग इससे कतराते हैं डरते हैं। कहीं कहीं न कहीं वो फीलिंग अभी भी लोगों में है।
इसके लिए सरकार ने बहुत ही अच्छी एक पहल की है। वो है स्वागत कक्ष बनाने का। अभी 893 स्वागत कक्ष बनाए जा रहे हैं। इसके पीछे राज्य सरकार का एक ही उद्देश्य है कि कोई भी थाने में जाने से घबराए नहीं अपनी बातें बिना झिझके पुलिस के सामने रख सके। डीजीपी ने कहा कि जो कमजोर वर्ग को इसके दायरे में लाना सबसे बड़ा काम है ताकि उस पर किसी तरह का कोई अत्याचार न हो।