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Rajasthan Politics: राजस्थान में कांग्रेस के 400 नेताओं पर लटकी तलवार, लोकसभा चुनाव के रिजल्ट के बाद पार्टी से हो सकती छुट्‌टी!

Rajasthan News: लोकसभा चुनाव के रिजल्ट के बाद राजस्थान में कांग्रेस पार्टी निष्क्रिय और सुस्त पड़ चुके नेताओं को दिखाएगी बाहर का रास्ता।
03:48 PM May 07, 2024 IST | BHUP SINGH

Rajasthan News: जयपुर। राजस्थान में कांग्रेस लोकसभा चुनाव 2024 का रिजल्ट आने के बाद संगठन का पूरा चेहरा बदलने की तैयारी में हैं। प्रदेश कांग्रेस स्तर पर इस संबंध में एक्शन प्लान तैयार कर लिया गया है। बस चुनाव के रिजल्ट के बाद राजस्थान कांग्रेस के प्लान पर दिल्ली आलाकमान की मुहर लगना बाकी है।

माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद राजस्थान प्रदेश कांग्रेस में बड़े बदलाव होंगे। खासकर संगठन से जुड़े बड़े नेताओं की विदाई तय मानी जा रही है, जो चुनाव के दौरान निष्क्रीय रहे या जिन्होंने पार्टी के खिलाफ गतिविधियों में पर्दे के पीछे भूमिका निभाई।

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नेताओं को नोटिस, मांगा जवाब

कांग्रेस ने राजस्थान में ऐसे 400 नेताओं की सूची तैयार कर ली है। इन नेताओं की जगह ऊर्जावान युवाओं को मौका देने पर विचार किया जा रहा है। इन नेताओं में विधानसभा चुनाव के प्रत्याशी और कई पूर्व विधायक मंत्री भी शामिल है। राजस्थान में संगठन में फिलहाल करीब 2200 पदाधिकारी हैं। इनमें करीब 400 के आसपास ऐसे नेता है जो लोकसभा चुनाव में अपनी भूमिका का निर्वहन करने में विफल रहे हैं।

कांग्रेस वॉर रूम की और से ऐसे नेताओं को नोटिस जारी किया गया है। उनसे पूछा गया है कि चुनाव के दौरान आप कहां काम कर रहे थे। अपने प्रभार वाले क्षेत्र में आप कितनी बार गए आपने कितनी मीटिंग ली। कांग्रेस के किस कार्यक्रम में आप शामिल हुए। नोटिस में जिस तरह का जवाब मिलेगा पार्टी उसी तरह से निर्णय लेगी। क्रॉस वेरिफिकिशन में निष्क्रिय पदाधिकारियों को कार्यकारिणी से बाहर कर दिया जाएगा।

इन नेताओं पर हो चुकी है कार्रवाई

लोकसभा चुनाव के बीच राजस्थान में कांग्रेस पार्टी के खिलाफ गतिविधियां करने वाले नेताओं को नोटिस देने की कार्यवाही की जा चुकी है। पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते कांग्रेस नेता अमीन खान, तेजपाल मिर्धा और बालेन्दु शेखावत को पार्टी से निष्काषित किया जा चुका है। जबकि विधायक गणेश घोघरा को प्रत्याशी के नामांकन में नहीं पहुंचने पर नोटिस दिया जा चुका है।

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कुल मिलाकर कांग्रेस मानती है कि संगठन के स्तर पर निष्क्रियता के चलते ही लोकसभा चुनावों की वोटिंग पर इसका असर पड़ा था। उपरी तौर पर राजस्थान कम वोटिंग होना कांग्रेस के लिए फायदे का सौदा कहा जा रहा है कि कई सीटों पर इसका नुकसान भी उठाना पड़ सकता है। यही वजह है कांग्रेस अब निष्क्रिय और सुस्त पड़ चुके नेताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाने पर विचार कर रही है।

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