'आडवाणी को राम मंदिर कार्यक्रम में क्यों नहीं लेकर गए...' रंधावा बोले- भारत रत्न तो मरे हुए को देते हैं
Sukhjinder Singh Randhawa: राजस्थान में कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा एक बार फिर अपने बयान की वजह से सुर्खियों में हैं जहां रंधावा के बीते रविवार को नागौर में बीजेपी के दिग्गज नेता लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न दिए जाने पर की गई टिप्पणी पर अब हंगामा हो गया है. रंधावा ने इस दौरान कहा कि भारत रत्न तो मरे हुए लोगों को दिया जाता है. जानकारी के मुताबिक रंधावा रविवार को नागौर में जिला कांग्रेस कार्यालय में एक कार्यकर्ता संवाद कार्यक्रम में बोल रहे थे जहां उन्होंने राम मंदिर में आडवाणी को नहीं बुलाने पर बीजेपी पर हमला बोला.
मालूम हो कि रंधावा अपने बयानों से अक्सर सुर्खियों में रहते हैं जहां विधानसभा चुनावों से पहले भी रंधावा ने पुलवामा हमले को लेकर एक टिप्पणी की थी जिस पर बीजेपी ने कांग्रेस को जमकर घेरा था. इससे पहले भी रंधावा खालिस्तान मसले पर कई बयान दे चुके हैं जिन पर हंगामा बरपा था.
आडवाणी को भारत रत्न पर क्या बोल गए रंधावा?
रंधावा ने बीजेपी को घेरते हुए कहा कि उन्हें राम मंदिर से इतना ही लगाव था तो राम मंदिर के लिए रथयात्रा निकालने वाले लालकृष्ण आडवाणी को राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में क्यों नहीं लेकर गए. रंधावा आगे बोले कि अब कह रहे हैं कि आडवाणी को भारत रत्न दे रहे हैं लेकिन वो तो मरे हुए लोगों को दिया जाता है.
उन्होंने आगे कहा कि बीजेपी वाले क्या राम की बात करते हैं राम तो हमारे दिल में हैं और उनकी सिर्फ जुबान पर हैं. रंधावा ने कहा कि ये लोग राम और रहीम को अलग करना चाहते हैं लेकिन हमारे तो दरबार साहिब स्वर्ण मंदिर की नींव ही साईं मियां मीर ने रखी थी और हमारे गुरु ग्रंथ साहिब में राम का नाम भी है और अल्लाह का नाम दोनों एक साथ है.
'RSS वाले हमें कैसे सिखाएंगे देशभक्ति'
रंधावा ने कहा कि इस देश को आज कांग्रेस की जरूरत है और देश के हालातों को देखते हुए कांग्रेस को आगे आना होगा. उन्होंने कहा कि अब क्या मोदी जी हमें सिखाएंगे कि देशभक्ति क्या होती है? ये कहते थे कि बीजेपी के नहीं होने से आतंकवाद आ जाएगा लेकिन आज पंजाब में हर जगह शांति है लेकिन ये लगातार देश को बांटने की बात करते रहते हैं.
उन्होंने कहा कि आरएसएस वाले हमारे सामने देशभक्ति का प्रचार करते हैं लेकिन देश की आजादी पहले गुलामी के दिनों में कांग्रेस के लोग सड़कों पर पर्चियां लेकर घूमते थे और कांग्रेसी अंग्रेजों को सांस नहीं लेने देते थे.