CM भजनलाल शर्मा ने की वसुंधरा राजे से मुलाकात, सियासी गलियारे में हलचल, जानें इस मीटिंग के मायने?
Rajasthan News: 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम से फ्री होने के बाद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने वसुंधरा राजे से मुलाकात की। सीएम भजन लाल सिविल लाइस स्थित वसुंधरा राजे के निवास पर पहुंचे और दोनों के बीच करीब 20 मिनट मीटिंग हुई। इस मुलाकात के बाद सियासी गलियारे में हलचल तेज हो गई हैं। बता दें कि मुख्यमंत्री बनने के करीब डेढ़ महीने बाद भजनलाल शर्मा ने पहली बार वसुंधरा राजे से मुलाकात की है।
भजनलाल सरकार बनने के बाद ही वसुंधरा राजे पार्टी के कार्यक्रमों से नदारद रही हैं। वो ना तो मंत्रिमंडल के विस्तार कार्यक्रम में पहुंची और ना ही पार्टी मुख्यालय में रखे रात्रिभोज कार्यक्रम में मौजूद थीं। लेकिन 25 जनवरी को पीएम नरेंद्र मोदी के जयपुर दौरे पर वसुंधरा राजे उनका स्वागत करने के लिए एयरपोर्ट पहुंची थीं। इसके बाद अब भजनलाल और वसुंधरा के बीच हुई मुलाकात के बाद अटकलों का बाजार गर्म हो रहा है। हालांकि, अभी इस बैठक के बारे में आधिकारिक तौर पर कुछ निकलकर सामने नहीं आया है।
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क्या हैं भजनलाल-वसुंधरा की मुलाकात के सियासी मायने?
बता दें कि आने वाले कुछ महीनों में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं। वसुंधरा राजे राजस्थान से भाजपा की कद्दावर नेता है और दो बार सीएम भी रह चुकी हैं। भजनलाल के मुख्यमंत्री बनने के बाद से महारानी पार्टी के कार्यक्रमों से नदारद रही हैं। पार्टी किसी भी सूरत में वसुंधरा को नाराज नहीं करना चाहती है। ऐसे में वर्तमान में सीएम भजनलाल शर्मा शुक्रवार को वसुंधरा राजे से मिलने के लिए उनके आवास पर पहुंच गए। ऐसे में माना जा रहा है कि भजनलाल शर्मा और बीजेपी, लोकसभा चुनाव से पहले वसुंधरा राजे से रिश्ते सामान्य करने की कोशिश कर रहे हैं।
वसुंधरा ने बनाई पार्टी कार्यक्रमों से दूरियां
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को विधानसभा चुनाव में दर किनार कर बीजेपी ने पीएम नरेंद्र मोदी के चेहरे पर राजस्थान में लोकसभा चुनाव लड़ा। राजस्थान में सीएम की रेस में भी वसुंधरा राजे सबसे आगे थीं। कई बार दिल्ली के चक्कर लगाए और आलाकमान से मुलाकातों का दौर भी चला, लेकिन वसुंधरा की एक बार फिर मुख्यमंत्री बनने की विश पूरी नहीं हुई। राजस्थान में बहुमत से बीजेपी की सरकार बनते ही हाई कमान ने ऐसा गेम खेला कि पहली बार विधायक बने भजन लाल शर्मा को मुख्यमंत्री बना दिया वो भी वसुंधरा राजे के हाथों से पर्ची खुलवाकर।
राजस्थान में बीजेपी की सरकार बनने के बाद से ही वसुंधरा ने पार्टी के कार्यक्रमों से दूरी बना रखी है। 30 दिसंबर को भजन लाल कैबिनेट के विस्तार का कार्यक्रम हुआ और वसुंधरा राजे नदारद रही। इसके बाद पार्टी कार्यालय में 5 जनवरी को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और विधायकों के लिए रात्रिभोज रखा गया महारानी (वसुंधरा राजे) यहां भी मौजूद नहीं थीं।
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