'जो बनना चाहें वो बने...हिम्मत ना हारें' कोटा में छात्रों के सुसाइड पर बोले गहलोत - मैं बनना चाहता था डॉक्टर
Ashok Gehlot On Kota Suicides: राजधानी जयपुर में राजस्थान युवा बोर्ड की ओर से विश्व युवा दिवस मनाया जा रहा है जहां कृषि अनुसंधान केन्द्र में 'युवा महापंचायत' नाम से आयोजित कार्यक्रम में युवा बोर्ड अध्यक्ष सीताराम लांबा ने राजस्थान की नई युवा नीति का मसौदा सौंपा. वहीं इस कार्यक्रम में सीएम के अलावा विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी, NSUI राष्ट्रीय प्रभारी कन्हैया कुमार के अलावा कई युवा नेता शामिल रहे.
युवाओं की इस महापंचायत को संबोधित करते हुए सीएम गहलोत ने कोटा में लगातार हो रहे छात्रों की सुसाइड पर एक बड़ा बयान दिया है. गहलोत ने कहा कि मैं इन घटनाओं को देखकर काफी दुखी हूं. सीएम ने कहा कि मैं छात्रों के परिजनों से भी कहना चाहता हूं कि उन पर किसी तरह का दबाव ना डालें और वो जो बनना चाहते हैं वो बनने दें.
गहलोत ने कहा कि मैं खुद बचपन में डॉक्टर बनना चाहता था, जिसके लिए काफी मेहनत भी की लेकिन बाद में समाज सेवा और राजनीति में आ गया जहां कई पद मिले लेकिन मैंने कभी हिम्मत नहीं हारी.
माता-पिता बच्चों पर ना डालें दबाव
सीएम ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से लगातार कोटा में सुसाइड के मामले सामने आ रहे हैं जिन्हें देखकर दुख होता है. उन्होंने कहा कि पिछले 8 महीनों में 20 बच्चों ने सुसाइड किया है जो हमारे लिए चिंता का विषय होना चाहिए. उन्होंने बताया कि मैं डॉक्टर बनना चाहता था लेकिन नहीं बन सका तो हिम्मत नहीं हारी और राजनीति में आया.
सीएम ने कहा कि इन बच्चों के परिवार वाले भी इन पर दबाव नहीं डालें क्योंकि जिसको जो बनना है वो फिक्स है, किसी को नहीं पता कौन क्या बनेगा. उन्होंने कहा कि हालात बहुत गंभीर है ऐसे में बच्चों पर किसी तरह का दबाव नहीं डाला जाए और काउंस्लिंग ऐसी हो कि बच्चे जो करना चाहते हैं वो कर सके.
थानों में रहेगा मनचलों का रिकॉर्ड
वहीं सीएम ने बताया कि जिस तरह से पुलिस थानों में हिस्ट्रीशीटर का रिकॉर्ड रखा जाता है ठीक उसी तरह पुलिस थानों में अब मनचलों का रिकॉर्ड रखा जाएगा और थानों में उनकी फोटो लगाई जाएगी. गहलोत ने बताया कि मेरी कोशिश है कि बच्चियां हर हाल में सुरक्षित रहे. वहीं रात को हुक्का बार और पार्टियों को बंद करवाने के लिए अभियान भी चलाया जाएगा.
वहीं रीट पेपर लीक को याद करते हुए सीएम ने कहा कि हम कितना ही अच्छा काम कर लें लेकिन तभी भी बदनामी का नाम कर देते हैं, पेपर लीक तो सभी राज्य में ही हुए हैं बल्कि हमारी सरकार ने पेपर लीक पर आजीवन कारावास की सजा की है.