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जयपुर में माधु बाबा छाया है…'नहीं सहेगा राजस्थान' पोस्टर पर विवाद, हकीकत पता चली तो गुस्से से हुए लाल

04:08 PM Oct 07, 2023 IST | Sanjay Raiswal

जैसलमेर। जयपुर में माधो बा छायोड़ा है…फलोदी में और पोकरण में भी। हाल ही में 15 दिन पहले जैसलमेर से एक युवक जॉब के लिए जयपुर में आया। उसने यहां पर अपने ही गांव के बुजुर्ग व्यक्ति के पोस्टर जगह-जगह देखे। इसके बाद उसने गांव के व्हाट्सएप ग्रुप पर शेयर की। इसके बाद जो हुआ बुजुर्ग व्यक्ति सहित उसका पूरा परिवार गुस्से में है। इस पूरी कहानी को शुरूआत से समझते है, आखिर ये कैसे शुरू हुई।

भाजपा के अभियान से शुरू हुई कहानी…

दरअसल, इस पूरी घटना के पीछे की कहानी भाजपा का अभियान से जुड़ी है। विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने अपनी रणनीति के तहत 'नहीं सहेगा राजस्थान अभियान' शुरू किया। भाजपा ने यह अभियान 16 जुलाई से शुरू हुआ था। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्‌डा ने जयपुर में एक सभा कर इसकी शुरूआत की थी।

भाजपा ने इस अभियान के तहत 1 अगस्त को जयपुर में सरकार का महाघेराव किया गया। जिसको लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी आह्वान किया था। अभियान को आमजन तक पहुंचाने के लिए भाजपा ने कुछ दिनों पहले किसानों से जुड़ा एक पोस्टर जारी किया था। जिस पर लिखा था- 19 हजार से अधिक किसानों की जमीनें नीलाम, नहीं सहेगा राजस्थान। इस पोस्टर पर एक किसान का फोटो भी लगा है।

अब इस पोस्टर में जिस किसान का फोटो है, उसका कहना है कि मेरा फोटो छापने के लिए मेरी अनुमति नहीं ली गई है। ना ही मेरी कोई जमीन नीलाम हुई है। उन्होंने बताया कि वह 200 बीघा जमीन का मालिक है। उसके ऊपर एक रुपये का कर्जा भी नहीं है। किसान माधुराम ने इस पर ऐतराज जताया है। जैसलमेर जिले के रामदेवरा में रिखियों की ढाणी गांव के रहने वाले माधुराम अब बीजेपी पर मानहानि का मुकदमा दर्ज कराने का मन बना रहे हैं। किसान माधुराम ने बताया कि इससे मेरी बदनामी हुई है।

जयपुर आने पर गांव के एक युवक ने बताया…

जैसलमेर जिले के रामदेवरा के रिखियों की ढाणी में रहने वाले किसान माधुराम जयपाल (70) ने बताया कि उनके गांव से एक युवक अशोक जयपाल कुछ दिन पहले जयपुर आया। 23 सितंबर को उसने जयपुर में कई जगहों पर यह बैनर लगा देखा। जिस पर माधुराम की फोटो थी। उसने बैनर का फोटो लेकर गांव के श्री डाली बाई समाधि ग्रुप में शेयर किया और लिखा की जयपुर में माधो बा छायोड़ा (जयपुर में माधोबा छाए हुए हैं)। इसी ग्रुप में किसान का बेटा जुड़ा था। उसने यह मैसेज देखा तो अपने पिता को बताया। इसके बाद यह कई दूसरे ग्रुप में भी यह फोटो शेयर हुआ। लोगों ने पोखरण और फलोदी में लगे बैनर की फोटो भी शेयर की।

माधुराम बोले-मेरी कोई जमीन नीलाम नहीं हुई…

माधुराम अब अपनी फोटो को देखकर गुस्सा है। उन्होंने कहा कि-पहले तो बेटे ने बताया तो उसे कुछ समझ में ही नहीं, क्योंकि बैनर में जमीन नीलामी की बात थी, लेकिन मेरी तो कोई जमीन ही नीलाम नहीं हुई। उनका कहना है कि- बिना वजह मेरी फोटो लगा दी। मुझसे पूछा भी नहीं। मेरे ऊपर कोई कर्जा नहीं है। इस फोटो को हटाओ। अगर मेरी जमीन नीलाम होती या मेरे ऊपर कर्जा होता तो सरकार कर्जा माफी करती है या जमीन दबाएगी। किसी के पास कोई तो सबूत होंगे जो साबित करें कि मेरी जमीन नीलाम हुई है।

फोटो कैसे आई, माधुराम ने दिया ये जवाब…

जब माधुराम से पूछा की आपकी फोटो कैसे उन तक पहुंची। कहीं आपने तो नहीं दी? इस सवाल पर माधुराम गुस्सा हो गए। चिल्लाते हुए बोले-मेरा दिमाग खराब है क्या… मैं क्यों अपनी फोटो दूंगा… फिर याद करते हुए कहा- दो महीने पहले दो युवक कैमरे लेकर ढाणी में आए थे। उन्होंने कहा था कि वो खराब फसलों की रिपोर्ट बनाने आए हैं। फसल खराब होने पर सरकार की ओर से क्लेम दिया जाएगा। रिपोर्ट में फोटो लगाने के लिए उन्होंने उस समय मेरी यह फोटो ली थी। उस समय उन दोनों ने भाजपा या उसके अभियान के बारे में कुछ नहीं बताया।

भाजपा बोली-ऐसा हुआ है तो सुधार करेंगे…

इस मामले में बीजेपी किसान मोर्चा के अध्यक्ष व सांसद भागीरथ चौधरी से बात की। उनका कहना है कि कांग्रेस ने किसानों की संपूर्ण कर्ज माफी का वादा किया था। आज किसान की जमीन कुर्क हो रही हैं। प्रदेश का किसान और बेरोजगार ठगा सा महसूस कर रहा हैं। किसान की गलत फोटो का मामला मेरी जानकारी में नहीं हैं। अगर ऐसा है तो सुधार करेंगे।

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