'आंधी जब धमकती है, दिन-रात बदल देती है'...चुनावों से पहले नारी शक्ति पर दांव! वसुंधरा ने भरी हुंकार
Vasundhara Raje: राजस्थान में विधानसभा चुनावों को लेकर बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही खेमों में गहमागहमी का माहौल है जहां कांग्रेस पर विपक्षी दल बीजेपी के हमले तेज हो गए हैं वहीं बीजेपी में सीएम फेस की लड़ाई अब विराम लेती हुई दिखाई दे रही है. इस बीच पूर्व सीएम वसुंधरा राजे को लेकर काफी अटकलें चल रही है जहां उनके समर्थकों के बीच चर्चा है कि राजे की चुनावों में क्या भूमिका होगी वहीं आलाकमान स्तर से अभी तक राजे को लेकर कोई संकेत नहीं मिले हैं.
इस बीच राजे का एक बयान ने चर्चाओं का बाजार फिर से गरम कर दिया है जहां राजे ने इनाया फ़ाउंडेशन की ओर से आयोजित 'वूमन ऑफ़ वंडर अवार्ड-2023' कार्यक्रम में कहा कि मैं जब राजस्थान की राजनीति में आई तब मुझे बहुत संघर्ष करना पड़ा था जो आज भी जारी है. राजे ने कहा कि अगर मैं डरकर घर बैठ जाती तो यहां तक नहीं पहुंचती और ऐसा नहीं है कि बड़े पदों पर पहुंचने वाले लोगों को संघर्ष नहीं करना पड़ता है.
बता दें कि राजे ने इस कार्यक्रम में समाज में अलग-अलग क्षेत्र में उत्कृष्ट काम करने वाले 28 महिलाओं को सम्मानित किया. वहीं उन्होंने बाद में एक ट्वीट कर कहा कि बिजली जब चमकती है, आकाश बदल देती है और आंधी जब धमकती है, दिन-रात बदल देती है.! धरती जब दरकती है, सीमांत बदल देती है, और नारी जब गरजती है, तो इतिहास बदल देती है!
राजे का महिलाओं पर दांव!
राजे ने कहा कि मैं जब पहली बार राजस्थान की राजनीति में आई तो काफी संघर्ष करना पड़ा था और वही सिलसिला आज भी जारी है. उन्होंने कहा कि जब मैं राजस्थान की पहली महिला मुख्यमंत्री बनी तो काफी लोगों ने कहा था कि तुम क्या करोगी लेकिन इस पुरुष प्रधान समाज और प्रदेश में यहां की महिलाएं मेरी ताकत बनी और जिनके सहयोग से ही मैं आज यहां खड़ी हूं.
बता दें कि राजे को लेकर बीजेपी की ओर से अभी तक सस्पेंस बना हुआ है जहां पिछले दो विधानसभा चुनाव में राजे के चेहरे पर पार्टी को बंपर सीट मिली थी. दरअसल वसुंधरा की लीडरशिप में अब तक चार चुनाव लड़े गए है जिनमें दो बार बीजेपी की सरकार बनी है और 2 बार बीजेपी की हार हुई है. वहीं एक तथ्य यह भी है कि बीजेपी की हार में भी विपक्ष की सीटें 70 से कम नहीं पहुंची थी. 2003 के चुनावों में कांग्रेस 56 सीटों पर और 2013 में 21 सीटों पर सिमटी थी.
अधिकारों के लिए लड़ती है महिलाएं
राजे ने आगे कहा कि दुनिया में हमारे देश का सबसे बड़ा संविधान है जहां महिलाओं को पुरुषों को बराबर अधिकार तो दिए गए हैं लेकिन इसके बाद भी महिलाओं को आज भी अपने अधिकारों के लिए लड़ाई लड़नी पड़ती है. उन्होंने कहा कि महिलाओं की जिंदगी से जुड़े अहम फैसले आज भी पुरूष ले रहे हैं. राजे ने बताया कि महिलाओं का प्रतिनिधित्व लोकसभा में 15, राज्यसभा में 14 और राजस्थान विधानसभा में साढ़े 13 प्रतिशत है जो कि बहुत कम है.