यात्रा मतलब वसुंधरा राजे! परिवर्तन से लेकर सुराज संकल्प यात्रा तक…पूर्व CM ने याद दिलाया चुनावी रिकॉर्ड!
Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान में विधानसभा चुनावों की बिसात बिछने के साथ ही बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही दल जनता की नब्ज टटोलते हुए जोर आजमाइश कर रहे हैं जहां बीजेपी परिवर्तन यात्रा के जरिए ताल ठोक रही है. बीजेपी के गहलोत सरकार की घेराबंदी के लिए यात्राओं के दौरान सभी नेताओं के एक मंच पर साथ आने को लेकर भी सियासी अटकलें बनी हुई है. जहां एक तरफ बीजेपी ने 3 परिवर्तन यात्राओं की शुरूआत कर दी है वहीं तीनों ही यात्रा की शुरूआत के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को लेकर भी चर्चाएं गरम रही.
बीजेपी की परिवर्तन यात्रा के दूसरे चरण में बेणेश्वर धाम में केंद्रीय गृहमंत्री शाह ने राजे की जमकर तारीफ की और उन्हें विकास का परिचायक बताया. वहीं सोमवार को रामदेवरा में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी अपने संबोधन में पिछली सरकार के दौरान हुए काम को लेकर चर्चा की.
मरुधरा में यात्राएं और वसुंधरा राजे
वहीं वसुंधरा राजे ने भी गहलोत सरकार पर जमकर हमला बोलते हुए अपनी पिछली यात्राओं को याद करते हुए 2003 और 2013 की जीत का जिक्र किया. दरअसल राजस्थान में चुनावी मौसम में यात्राओं के साथ राजे का गहरा नाता रहा है और लगभग हर चुनाव में राजे पूरे प्रदेश की यात्रा करती है.
राजे ने रामदेवरा में कहा कि 2003 में परिवर्तन यात्रा के जरिए हमने राजस्थान के हर क्षेत्र का दौरा किया था जिसके बाद चुनावी नतीजों में पहली बार बीजेपी को 120 सीटें मिली थी और मारवाड़ से बीजेपी को 23 सीटें मिली थी. उन्होंने कहा कि वो सरकार मेरी या बीजेपी की नहीं हम सभी की थी.
सुराज संकल्प यात्रा से बना था माहौल
वहीं राजे ने आगे कहा कि 2013 में सुराज संकल्प यात्रा निकली, जहां हम जनता के बीच में फिर से गए और उन चुनावों में बीजेपी ने 163 सीटें जीती और मारवाड़ से 30 सीटें मिली. उन्होंने कहा कि 2018 में कांग्रेस ने जीत जरूर हासिल की है लेकिन बीजेपी की हार थोड़े से ही वोट से हुई जहां झांसा देकर कांग्रेस ने सरकार बनाई.
मालूम हो कि इस बार बीजेपी किसी चेहरे पर चुनावी मैदान में नहीं उतर रही है, ऐसे में बीजेपी आलाकमान ने किसी तरह के टकराव से किनारा करते हुए चारों यात्राओं को लेकर किसी को भी चेहरा नहीं बनाया है और सभी नेताओं को चारों यात्राओं में रहने के आदेश दिए हैं.
दो यात्राएं, दोनों बार बनीं CM
गौरतलब है कि वसुंधरा राजे ने 2003 में राजस्थान में बीजेपी की प्रदेश अध्यक्ष रहते परिवर्तन यात्रा निकाली थी जहां यात्रा की शुरुआत 26 अप्रैल 2003 को उदयपुर संभाग के राजसमंद जिले में चारभुजा मंदिर से हुई थी. इस यात्रा का शुभारंभ तत्कालीन उपप्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी ने किया था और उस दौरान राजे प्रदेश में करीब 13 हजार किलोमीटर की यात्रा कर सभी जिलों की लगभग हर विधानसभा क्षेत्र में पहुंची.
उन चुनावों में बीजेपी को 120 सीटें हासिल हुई और वह प्रदेश में पहली बार मुख्यमंत्री बनी. इसके बाद साल 2008 में कांग्रेस के फिर सत्ता में आने के बाद 2013 में वसुंधरा ने एक बार फिर पार्टी की प्रदेशाध्यक्ष रहते सुराज संकल्प यात्रा निकाली, जहां 4 अप्रैल 2013 को शुरु की गई इस यात्रा का शुभारंभ चारभुजा मंदिर से तत्कालीन बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने किया था.
राजे की सुराज संकल्प यात्रा 21 जुलाई 2013 तक चली जिसके बाद चुनावों में बीजेपी को प्रचण्ड बहुमत मिला और 200 सीटों में 163 पर जीत हासिल कर राजे दूसरी बार सीएम बनी. दरअसल राजे ने 2018 के चुनावों से पहले भी गौरव यात्रा निकाली थी लेकिन उसमें उन्हें सफलता नहीं मिली. इस गौरव यात्रा का समापन पीएम मोदी ने अजमेर में एक जनसभा के जरिए किया था.