8 फरवरी को पेश होगा गहलोत सरकार का बजट, सीएम ने दिए बड़ी घोषणा करने के संकेत!
जयपुर। राजस्थान विधानसभा का बजट सत्र 23 जनवरी से शुरू होने जा रहा है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 8 फरवरी को बजट पेश करेंगे। मुख्यमंत्री गहलोत ने जयपुर में मीडिया से बात करते हुए यह जानकारी दी। बता दें, गहलोत सरकार का यह अंतिम बजट होगा। मुख्यमंत्री गहलोत ने संकेत दिए है कि इस बार के बजट में किसानों, युवाओं और महिलाओं पर केंद्रित होगा। सीएम गहलोत ने इस बार के बजट में बड़ी घोषणाएं करने के संकेत दिए है।
कहा जा रहा है कि राजस्थान के इतिहास का ये सबसे बड़ा बजट होगा। इस बार का राजस्थान बजट करीब 2.65 लाख करोड़ रुपए का हो सकता है। आंकड़ों के मुताबिक दुनिया के 40 देश ऐसे है, जिनका बजट राजस्थान के बजट से कम होता है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पिछला बजट जो मार्च 2022 में पेश किया था वो भी 2.15 लाख करोड़ के लगभग का था। हालांकि सरकार ने तय बजट से करीब 23 हजार करोड़ रुपए ज्यादा खर्च किए थे।
बता दें कि प्रदेश में इस साल चुनाव होने है। ऐसे में कांग्रेस सरकार की वापसी के लिए कई लोक लुभावनी योजनाएं होनी तय है, और इन योजनाओं को पूरा करने के लिए सरकार को करीब 2.65 लाख करोड़ रुपए खर्च कर सकती है। हालांकि आर्थिक जानकारों का ये मानना है कि सरकार को ऐसा बजट बनाना चाहिए जिसमें आदमनी से खर्चा ज्यादा न हो। अगर खर्चा ज्यादा होगा तो उससे राज्य की अर्थव्यवस्था कमजोर होगी, और घाटा लगातार बढ़ता जाएगा जिससे सरकार लगातार कर्ज पर निर्भर रहेगी।
राजस्थान में पिछले 4 सालों का ये रहा बजट…
प्रदेश में दिसंबर 2018 में अशोक गहलोत मुख्यमंत्री बने थे। उसके बाद साल 2019-20 का पहला बजट पेश किया था। जो करीब 1 लाख 91 हजार करोड़ रुपए का था। राजस्थान बजट 2020-21 कोरोना काल में पेश किया गया था। स्वास्थ्य सेवाओं पर विशेष ध्यान रखा गया था। इसके बाद 2020-21 का बजट कोरोना काल में आमदनी की कमी को ध्यान में रखते हुए 1 लाख 81 हजार करोड़ रुपए का पेश किया गया था। उसके बाद 2021-22 का बजट 2 लाख 80 हजार करोड़ के लगभग का था और 2022-23 का बजट 2 लाख 15 हजार करोड़ का था। हालांकि सरकार ने 23 हजार करोड़ रुपए उधार लेकर इस वित्त वर्ष में 2 लाख 38 हजार करोड़ रुपए खर्च किए है।
अपने पक्ष में ऐसे माहौल बनाएंगे गहलोत…
ऐसा माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत नई लोकलुभावन योजनाओं की घोषणा कर सकते हैं। ऐसे में अशोक गहलोत को कुछ योजनाओं को लागू करने का भी अवसर मिल जाएगा। जिससे वो मतदाताओं को लुभा सकते हैं और अपने पक्ष में माहौल बना सकते हैं। मुख्यमंत्री गहलोत आलाकमान के मुख्यमंत्री को लेकर फैसला करने से पहले बजट पेश करना चाहते हैं। जिससे बजट में की गई घोषणाओं को पूरा कराने का उत्तरदायित्व उनके पास ही रहे।