होमइंडिया
राज्य | राजस्थानमध्यप्रदेशदिल्लीउत्तराखंडउत्तरप्रदेश
मनोरंजनटेक्नोलॉजीस्पोर्ट्स
बिज़नेस | पर्सनल फाइनेंसक्रिप्टोकरेंसीबिज़नेस आईडियाशेयर मार्केट
लाइफस्टाइलहेल्थकरियरवायरलधर्मदुनियाshorts

Rajasthan Assembly Elections : चुनाव में आठ महीने बाकी और पार्टियां बयानबाजी तक सीमित

प्रदेश के अब तक के चुनाव में कांग्रेस और भाजपा दो दल वाली पार्टी की व्यवस्था को चुनौती देने का दावा करने वाले दल चुनाव से आठ महीने पहले बयानबाजी तक सीमित दिखाई दे रहे हैं।
08:41 AM May 08, 2023 IST | Anil Prajapat

(निरंजन चौधरी) : जयपुर। प्रदेश के अब तक के चुनाव में कांग्रेस और भाजपा दो दल वाली पार्टी की व्यवस्था को चुनौती देने का दावा करने वाले दल चुनाव से आठ महीने पहले बयानबाजी तक सीमित दिखाई दे रहे हैं। आप पार्टी, बसपा, एआईएमआईएम सहित अन्य दलों का दावा विधानसभा चुनाव 2023 में सत्ता की चाबी रखने का है, लेकिन अब तक यह दल प्रदेश में न तो प्रभावी रूप से अपनी उपस्थिति दर्ज करवा सके हैं और न ही कोई बड़ा आंदोलन। ऐसे में प्रदेश की राजनीति की दिशा बदलने का इन दलों का दावा गले उतरता नहीं दिखाई दे रहा है। ऐसे में प्रदेश में तीसरी ताकत की उम्मीदें परवान नहीं चढ़ रही। 

आम आदमी पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष नवीन पालीवाल ने कहा कि हम सक्रियता बढ़ाने में लगातार लगे हुए हैं। आगामी 10 से 15 दिन में पार्टी में सक्रियता नजर आना शुरू हो जाएगी। वहीं, एआईएमआईएम के प्रदेश प्रवक्ता जावेद अली खान ने कहा कि प्रदेशाध्यक्ष आप पार्टी राजस्थान पार्टी निरंतर सक्रियता बढ़ाने का काम कर रही है। प्रदेश के सभी इलाकों से हमें समर्थन मिल रहा है। 

‘आप’ सोशल मीडिया पर एक्टिव 

राजस्थान में अभी तक आप न तो कोई बड़ा आंदोलन कर सकी है और ना ही अपने संगठन का विस्तार किया। पार्टी सोशल मीडिया पर ज्यादा एक्टिव है। पार्टी के कार्यक्रमों से आम आदमी का जुड़ाव भी कम ही नजर आता है। आप प्रमुख अरविन्द के जरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान जयपुर में एक रोड शो कर चुके हैं, लेकिन उसका असर ज्यादा नहीं दिखाई दे रहा है। पार्टी ने हाल ही में नवीन पालीवाल को प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंपी है। लेकिन पालीवाल प्रदेश की राजनीति में फिलहाल कोई खास मुकाम नहीं रखते हैं। आप पार्टी के जनरल सेक्रेटरी संदीप पाठक पिछले दिनों दो बार राजस्थान आए। यहां उन्होंने कार्यकारिणी का विस्तार किया। फिलहाल, पार्टी सोशल मीडिया तक ही सीमित नजर आ रही है।

बसपा की सक्रियता भी कम

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में सुपड़ा साफ होने के बाद बहुजन समाज पार्टी की सक्रियता राजस्थान में भी इस बार कम नजर आ रही है। प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर भगवान सिंह बाबा संगठन विस्तार में लगे हुए हैं, लेकिन हर बार बसपा से जीत कर आने वाले विधायक पार्टी को छोड़ भागते हैं। इस बार पार्टी कितनी सीट पर चुनाव लड़ेगी इसे लेकर भी अभी तक कुछ खास सामने नहीं आ रहा है।

AIMIM का समीकरण बिगड़ने का दावा

असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम पार्टी का दावा मुस्लिम वोटों के भरोस राजस्थान की राजनीति में हलचल मचाने का है। ओवैसी लगातार प्रदेश में दौरे कर रहे हैं। उनका फोकस मुस्लिम बाहुल्य सीटों पर है। लेकिन जनाधार के मामले में पार्टी फिलहाल कहीं खड़ी नजर नहीं आ रही है। कांग्रेस का आरोप ओवैसी पर भाजपा की बी टीम होने का है। वो इस लिए कि यदि ओवैसी राजस्थान में जोरशोर से चुनाव लड़ते हैं, तो इसका असर कांग्रेस परंपरागत वोट बैंक पर पड़ सकता है। 

ये खबर भी पढ़ें:-The Kerala Story पर विवाद : मूवी का स्टेटस लगाने पर मिली धमकी तो भाजपा-कांग्रेस आमने-सामने

Next Article