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धोरों में ‘कमल’ का कमाल…पूरब में थोड़ी हल्की पड़ी चमक, ERCP से तीन जिलों में बची कांग्रेस की 'लाज'

राजस्थान विधानसभा के रविवार को आए परिणामों ने हर किसी को चौंकाया है। कांग्रेस की तमाम चुनाव पूर्व घोषणाओं व योजनाओ का कोई असर मतदाताओं पर देखने को नहीं मिला।
08:40 AM Dec 04, 2023 IST | Anil Prajapat
धोरों में ‘कमल’ का कमाल…पूरब में थोड़ी हल्की पड़ी चमक  ercp से तीन जिलों में बची कांग्रेस की  लाज

Rajasthan Assembly Election Result 2023 : जयपुर। राजस्थान विधानसभा के रविवार को आए परिणामों ने हर किसी को चौंकाया है। कांग्रेस की तमाम चुनाव पूर्व घोषणाओं व योजनाओं का कोई असर मतदाताओं पर देखने को नहीं मिला। वैसे तो प्रदेश के सभी अंचलों में भाजपा का प्रदर्शन अच्छा रहा। लेकिन, पश्चिमी राजस्थान में भाजपा ने शानदार प्रदर्शन किया। इधर, शेखावाटी में कांग्रेस का गढ़ कुछ हद तक बचा, वहीं पूर्वी राजस्थान में कांग्रेस ने भाजपा काे भरपूर टक्कर दी।

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CM के गृह जिले की 10 में से आठ सीटें हारी 

कांग्रेस जोधपुर जिले की 10 में से 8 सीटें भाजपा ने जीतीं। केवल मुख्यमंत्री अशेाक गहलोत सरदारपुरा से व गीता बरवड़ भोपालगढ़ से जीती हैं। गीता बरवड़ ने आरएलपी के पुखराज गर्ग को 24 हजार से अिधक वोटों से हराया। इसके अलावा जोधपुर जिले में ओसियां से दिव्या मदेरणा सहित अन्य सभी कांग्रेस प्रत्याशियों को करारी हार का सामना करना पड़ा। बाड़मेर की बात करें तो जिले की 7 में से चार सीटों गुड़ामालानी, पचपदरा, चौहटन और सिवाना पर भाजपा प्रत्याशी जीते हैं।

सिवाना में कांग्रेस के कर्नल मानवेन्द्र सिंह तीसरे स्थान पर रहे। बाड़मेर में पहली बार दो सीटों पर निर्दलीयों ने जीत दर्ज की है। शिव से रविन्द्र सिंह भाटी और बाड़मेर सीट से डाॅ. प्रियंका चौधरी जीते हैं। जैसलमेर जिले की दोनों सीट जैसलमेर व पोकरण पर भाजपा ने कब्जा जमाया है।

मेवाड़ में आदिवासी फैक्टर पर भारी 

मोदी लहर उदयपुर जिले की 8 में से 6 सीटें बीजेपी ने जीती हैं। कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव वल्लभ उदयपुर शहर से चुनाव हार गए। राजसमंद की चारों सीटें भाजपा ने जीती हैं। विधानसभाध्यक्ष सीपी जोशी भी अपनी नाथद्वारा सीट नहीं बचा पाए। चित्तौड़गढ़ जिले में हॉट सीट बनी चित्तौड़गढ़ सीट पर निर्दलीय चंद्रभान सिंह आक्या ने जीत हासिल की है।

इसके अलावा शेष चारों सीटें बीजेपी की झोली में गई। आदिवासी बहुल बांसवाड़ा जिले में पांच में से चार सीटों पर कांग्रेस को सफलता मिली है। प्रतापगढ़ जिले की दो में से एक बीजेपी व एक सीट बीएपी ने जीती। डूंगरपुर जिले की चार में से दो सीटें बीएपी ने व एक-एक कांग्रेस व बीजेपी ने जीती हैं।

शेखावाटी में गढ़ बचा, दिग्गज धराशायी 

शेखावाटी को कांग्रेस का गढ़ माना जाता है। चुनाव में बीजेपी के उम्दा प्रदर्शन के बीच भी कांग्रेस ने सीकर की आठ में से पांच सीटें जीतकर यहां अपना प्रभाव बरकरार रखा है। प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भी लक्ष्मणगढ़ से जीत दर्ज की। झुंझुनू की सात में पांच सीटों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की है। हालांकि पूर्व विधानसभाध्यक्ष दीपेन्द्र सिंह उदयपुरवाटी से नहीं जीत पाए। चूरू जिले में भाजपा छह मे से सिर्फ दो सीटें जीत पाई। नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ तक अपनी सीट नहीं बचा पाए। जिले में एक सीट पर बसपा ने भी कब्जा जमाया।

हाड़ौती ने नकारी विकास की कहानी 

कोटा जिले की 6 में से चार सीटों पर भाजपा ने कब्जा जमाया है। पिछली सरकार के नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल कोटा उत्तर से महज 2511 वोट से जीत पाए हैं। कोटा में विकास बड़ा मुद्दा था पर कोटा की ही दूसरी सीट कोटा दक्षिण पर भाजपा के संदीप शर्मा विजयी रहे। बूंदी की तीन में से दो सीटें भाजपा को मिली हैं। केवल हिंडौली में पूर्व मंत्री अशोक चांदना जीत पाए हैं। बारां की सभी चार सीटों पर भाजपा ने कब्जा जमाया है। झालावाड़ जिले की चार में से तीन सीटें बीजेपी को मिली हैं। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने झालरापाटन से जीत दर्ज की। इस जिले में केवल खानपुर से सुरेश गुर्जर जीत सके हैं।

ERCP से तीन जिलों में बची कांग्रेस की इज्जत 

पूर्वी राजस्थान में ईआरसीपी एक बड़ा मुद्दा थी और इसका कुछ असर चुनाव परिणामों पर भी देखने को मिला है। अलवर, सवाईमाधाेपुर व टोंक की 19 में से 10 सीटों पर कांग्रेस ने कब्जा किया है। अलवर जिले की 11 में से छह सीटों पर कांग्रेस ने जीत हासिल की है। भाजपा को पांच सीटों पर जीत मिली है। सवाई माधोपुर की चार में से भाजपा व कांग्रेस ने दो-दो सीटों पर कब्जा किया है। टोंक जिले में भी भाजपा व कांग्रेस ने दो-दो सीटें जीती हैं। भरतपुर की सात में से पांच सीटें बीजेपी ने जीती हैं।

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