गहलोत के OSD शुरू करेंगे सियासी पारी! छात्र राजनीति से NSUI में रहे एक्टिव…सोशल मीडिया के हैं खिलाड़ी
जयपुर: राजस्थान की सियासत में 2020 के सियासी घमासान के बाद से कांग्रेस और बीजेपी के नेताओं के अलावा एक और नाम लगातार चर्चा में रहा जो अब चुनावी मौसम शुरू होने पर एक बार फिर सुर्खियां बटोर रहा है. जी हां, हम बात कर रहे हैं सूबे के मुखिया अशोक गहलोत के ओएसडी लोकेश शर्मा की जो लगातार सरकार के रिपीट होने का दावा करते हुए युवाओं की एक बड़ी फौज के साथ जन कल्याणकारी योजनाओं को गांव-ढाणी तक पहुंचा रहे हैं.
वहीं दूसरी ओर अब लोकेश ने अपने सियासी डेब्यू् का ऐलान करते हुए 2023 के चुनावों अपनी किस्मत आजमाने की इच्छा जाहिर की है. हाल में एक अखबार को दिए इंटरव्यू में लोकेश ने एक परिपक्व नेता की तरह सवालों के जवाब देने के साथ ही गहलोत के नेतृत्व में चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है.
छात्र जीवन से राजनीति में आए लोकेश ने एनएसयूआई के रास्ते सीएम के ओएसडी तक का सफर तय किया है जहां अब उनका कहना है कि बीकानेर उन्हें भा गया है. बता दें कि शर्मा पिछले काफी दिनों से बीकानेर में अपनी सक्रियता बनाए हुए हैं जहां वह लगातार लोगों से मिल रहे हैं ऐसे में उनकी सक्रियता चुनावों से जोड़कर देखी जा रही है. वहीं बीकानेर शहर की पश्चिम सीट से शर्मा के चुनाव लड़ने की अटकलें जोरों पर है. हालांकि इंटरव्यू में शर्मा ने कहा है कि जरूरी नहीं है वह चुनाव यहीं से लड़े.
युवा संवाद कार्यक्रम से खड़ी कर रहे युवाओं की फौज
बता दें कि शर्मा इन दिनों गहलोत सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से युवाओं को लगातार जोड़ रहे हैं जहां उनकी सोशल मीडिया पर कई टीमें एक साथ काम करती है. उन्होंने हाल में अपने इंटरव्यू में कहा कि वह छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय रहे हैं और बीकानेर उन्हें भा गया है, लेकिन जरूरी नहीं कि वह चुनाव यहीं से लडे.
वहीं उन्होंने आगे यह कहा कि हर राजनीति में होने वाले व्यक्ति की चुनाव लड़ने की इच्छा होती है कि वो जनता का प्रतिनिधित्व करे. हालांकि अपनी चुनावी सीट और लड़ने की मंशा पर उन्होंने संशय एक तरह से बना कर रखा है. दरअसल बीते कुछ महीनों से शर्मा के बीकानेर दौरे बढ़े हैं जहां वह लगातार स्थानीय जनप्रतिनिधियों से मुलाकात करने के साथ ही आम लोगों से भी मिलते हैं.
2019 में बने थे सीएम के OSD
दरअसल 2018 में लोकेश शर्मा को मुख्यमंत्री गहलोत का ओएसडी कम्यूनिकेशन नियुक्त किया गया था जहां इससे पहले वह 2012 से मुख्यमंत्री का सोशल मीडिया देख रहे थे. जानकारी के मुताबिक शर्मा आईटी से जुड़े 400-500 लोगों की एक टीम लीड करते हैं. 2018 के चुनावों से पहले शर्मा ने सोशल मीडिया कैंपेन के जरिए कांग्रेस के प्रचार को धार देने का काम किया था. शर्मा इससे पहले कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई में प्रदेश महासचिव और प्रवक्ता की जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं.
एक दशक पहले गहलोत से जुड़े
बता दें कि शर्मा सीएम गहलोत के साथ एक दशक से अधिक समय से काम कर रहे हैं. मीडिया को संभालने के अलावा शर्मा ने काफी समय तक गहलोत के सोशल मीडिया अकाउंट को भी मैनेज किया है. वह 1993 में पार्टी के छात्र संगठन एनएसयूआई से जुड़े और 1999 और 2000 के बीच छात्र संगठन के राज्य महासचिव के रूप में भी काम किया.
वहीं 2011-13 में राजस्थान कांग्रेस के मीडिया समन्वयक के रूप में भी उन्होंने काम किया. गौरतलब है कि शर्मा 2020 के सियासी क्राइसिस में फोन टैपिंग मामले को लेकर चर्चा में आए थे.