Rajasthan Election: विधानसभा चुनाव में अब तक 644 करोड़ की हुई जब्ती, जयपुर में की सबसे ज्यादा कार्रवाई
जयपुर। राजस्थान में विधानसभा चुनाव में अवैध तरीके से हो रहे रुपए के लेन-देन और मादक पदार्थ की रोकथाम के लिए पुलिस ने पूरे जिलों में नाकाबंदी के दौरान चैकिंग अभियान चलाया हुआ है। पुलिस की गठित विशेष दस्तों की ओर से अलग-अलग जगह जांच में मादक पदार्थ, सोना-चांदी, नकदी व अन्य अवैध सामग्री की धरपकड़ जारी है। निर्वाचन विभाग ने इस बार प्रदेश में ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए पिछले चुनाव की तुलना में रिकॉर्ड जब्ती हुई है।
निर्वाचन विभाग ने प्रदेश में अलग-अलग एनफोर्समेंट एजेंसियों द्वारा आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद से अब तक 644 करोड़ रुपये के मूल्य की अवैध नगदी और सामग्री जब्त की गई है। इस दौरान सर्वाधिक 106 करोड़ रुपए मूल्य की अवैध सामग्री जयपुर जिले में जब्त की गई। निर्वाचन विभाग के अनुसार, पिछले विधानसभा चुनाव में पूरी आचार संहिता के दौरान की गई जब्ती के मुकाबले अब तक 920 फीसदी की बढ़ोतरी हो चुकी है। इसे बड़ी कार्रवाई के रूप में देखा जा रहा है।
वहीं अलवर में 36.61 करोड़, जोधपुर में 31.3 करोड़, भीलवाड़ा में 25.27 करोड़, बूंदी में 24.69 करोड़, उदयपुर में 24.9 करोड़, अजमेर 25.53 करोड़, बीकानेर में 23.38 करोड़, चित्तौड़गढ़ में 23.1 करोड़, नागौर में 23.24 करोड़,
कोटा में 16.12 करोड़ और श्रीगंगानगर 20.69 करोड़ रुपए की अवैध सामग्री जब्त की गई। इसी तरह अन्य जिलों में भी करोड़ों की अवैध सामग्री जब्त की गई।
कुल 15,222 शिकायतें मिलीं….
सी विजिल एप पर रविवार तक 15 हजार 222 शिकायतें मिली हैं जिनमें 5,722 का निस्तारण कर दिया गया है। शेष रही शिकायतों पर जांच और फैसले की कार्रवाई की जा रही है। जयपुर जिले में सबसे ज्यादा 2310 शिकायतें मिल चुकी हैं। यहां सही पाई गई 908 शिकायतों में अधिकांश का निराकरण करने के दावा किया गया है। शेष रही दो शिकायतों पर जांच और निर्णय की कार्रवाई होगी।
टोंक में सभी शिकायतों का निराकरण…
इसी तरह टोंक में 1334 शिकायतों में से 817 शिकायतें सही पाई गईं और सभी का निस्तारण कर दिय गया। कोटा में 1303 में से 751 शिकायतें सही पाई गईं। अलवर में 1214 में से 161 शिकायतें सही पाई गईं। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि आदर्श आचार संहिता का पालन सुनिश्चित कराने के लिए निर्वाचन विभाग के स्तर पर हर मुमकिन प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि सी- विजिल एप के माध्यम से निगरानी कार्य में नागरिकों की सहभागिता भी बढ़ी है।