Rajasthan Assembly Budget Session : फर्जी डिग्री पर नौकरी के देवनानी के सवाल पर बोले बीडी कल्ला, जब राजस्थानी भाषा को मान्यता मिलेगी तब भी विचार करेंगे
Rajasthan Assembly Budget Session : राजस्थान विधानसभा के बजट सत्र का आज दूसरा दिन है। आज सदन में प्रश्नकाल के दौरान विपक्ष के सवालों का सत्ता पक्ष ने जवाब दिया इस दौरान थोड़ी गहमागहमी भी देखने को मिली। वासुदेव देवनानी ने यहां शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला से राजस्थान के स्थानीय लोगों को सरकारी नौकरी में आरक्षण का सवाल किया। तो विद्या संबल योजना से भी जुड़े सवाल पूछे गए।
इन सवालों के दिए गए जवाब
स्थानीय लोगों को रोजगार के सवाल के जवाब में बीडी कल्ला ने देवनानी से कहा कि स्थानीय लोगों को अलग से आरक्षण का कोई प्रावधान नहीं हैं। इस पर देवनानी ने कहा कि यह बेहद महत्वपूर्ण विषय है, राजस्थान बेरोजगारी में दूसरे नंबर पर है, लगभग 27 लाख से ज्यादा बेरोजगार है। देवनानी ने बीडी कल्ला से पूछा कि राज्य के बाहर के लोग सरकारी नौकरियों में कितनी संख्या में है? क्या राजस्थान में बाहर के लोग फर्जी डिग्रियों के आधार पर नौकरियां ले लेते हैं? तो इस पर शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने कहा कि केंद्र सरकार राजस्थानी भाषा को अनुमति नहीं दे रही है जिस दिन मान्यता मिल जाएगी उस दिन इस पर भी विचार कर लेंगे।
सीपी जोशी ने कहा ऐसा हो सकता है प्रावधान
बीडी कल्ला ने कहा कि RPSC के जरिए जितनी भी परीक्षाएं हो रही है, उनमें 30 से 40 फीसदी सवाल राजस्थान से जुड़े पूछे जाते हैं। इस पर स्पीकर सीपी जोशी ने अपना सुझाव दिया कि तमिलनाडु की व्यवस्था पर ध्यान दिया जाए तो वहां पर भी कुछ इस तरह का प्रावधान है। जिसमें स्कूली शिक्षा तमिलनाडु में जरूर होनी चाहिए। अगर हम इस तरह का प्रावधान करते हैं तो अभ्यर्थियों को राहत दी जा सकती है। कम से कम प्रारंभिक शिक्षा तो राजस्थान के स्कूलों में हो ऐसा नियम बनाया जा सकता है।
गुलाबचंद कटारिया ने पूछे सवाल
वहीं विधायक इंदिरा मीणा ने विद्या संबल योजना में अभ्यर्थियों के आरक्षण से जुड़ा सवाल पूछा जिसके जवाब में बीडी कल्ला ने कहा कि विद्या संबल योजना में अस्थाई और गेस्ट फैकल्टी के तौर पर अभ्यर्थी लिए जाएंगे। इसमें आरक्षण देने का कोई प्रावधान नहीं है। इस पर स्पीकर सीपी जोशी ने मंत्री बीडी कल्ला से पूछा कि क्या संविदा और गेस्ट फैकल्टी दोनों के लिए अलग प्रावधान है इसी पर काउंटर करते हुए नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने पूछा कि सरकार ने गेस्ट फैकल्टी के लिए आवेदन लिए थे लेकिन फिर स्थगित कर दिए तो बीडी कल्ला ने कहा कि हमें 10 लाख 94 हजार आवेदन मिले थे। कटारिया ने राजस्थान में हरियाली बढ़ाने के लक्ष्य को लेकर सवाल पूछा। उन्होंने कहा कि 5 साल में आपने 1226 करोड़ रुपए खर्च किए हैं लेकिन इसके बावजूद हरियाली में मात्र 0.9 प्रतिशत की ही बढ़ोतरी हुई है।
हरियाली क्यों हुई कम
इस पर पर्यावरण मंत्री हेमाराम चौधरी ने जवाब दिया कि जालौर और करौली में हरियाली कम हुई है। बीच में कटारिया ने सवाल दागा कि आपने कहा कि 14 जिले ऐसे हैं जिसमें फॉरेस्ट का एरिया घटा है, आपने इस कार्यकाल में कितना पैसा खर्च किया है तो मंत्री हेमाराम चौधरी ने जवाब दिया कि जालौर में 511 वर्ग किलोमीटर की वन भूमि है, वहां पर ज्यादातर बबूल के पेड़ हैं उनको काटा गया क्यों कि विलायती बबूल कोई पसंद नहीं कर रहा है वह खराब है इसलिए इन्हें काटा गया जिसकी वजह से हरियाली में कमी आई है, 9 प्रतिशत वन क्षेत्र बढ़ा है।
चारागाह भूमि के नामातंरण पर हुआ सवाल
इधर रामगढ़ के ढाढोली में चारागाह भूमि के नामांतरण सफिया जुबेर ने सवाल पूछा जिस पर राजस्व मंत्री रामलाल जाट ने कहा कि लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। जल्दबाजी करके नामांतरण खोला गया। इस पर सफिया ने कहा कि चारागाह जमीन को व्यक्तिगत आवंटित कर दिया तो फिर गायें कहां जाएगी इस पर गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि नामांतरण रद्द हुआ या नहीं तो रामलाल जाट ने कहा कि नामांतरण निरस्त करने की अपील कर दी गई है।