ACB का भ्रष्ट अफसरों का नाम और चेहरा छुपाने वाला आदेश रद्द, दो दिन में ही वापस लेना पड़ा फैसला
जयपुर। राजस्थान एसीबी ने अपना विवादास्पद आदेश वापस ले लिया है। अब एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ब्रीफिंग में भ्रष्टाचारियों का चेहरा और नाम जारी होगा। बता दें कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आदेश वापस लेने के संकेत दिए थे। बता दें कि 2 दिन पहले ही एसीबी के कार्यवाहक एडीजी हेमंत प्रियदर्शी ने विवादास्पद आदेश जारी किया था। एडीजी हेमंत प्रियदर्शी ने रिश्वतखोर की पहचान उजागर नहीं करने के आदेश जारी किए थे।
एडीजी हेमंत प्रियदर्शी के इस आदेश के बाद काफी बवाल मच गया था। बीजेपी ने गहलोत सरकार को निशाने पर ले लिया। बीजेपी ने आरोप लगाया कि गहलोत सरकार भ्रष्ट अफसरों को बचाने की कोशिश कर रही है। इस आदेश की चौतरफा निंदा हुई। मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने कहा कि इस तरह का आदेश चार साल के काम को खराब करने के लिए निकाला गया है। इसे बर्दास्त नहीं किया जाएगा। खाचरियावास ने कहा कि इस तरह के आदेश तो सीएम और पीएम की ओर से निकाले जाते हैं। पुलिस अधिकारी की तरफ से नहीं निकाले जाते हैं।
राजस्थान एसीबी के मुखिया हेमंत प्रियदर्शी ने ट्रैप होने वाले घूसखोर का नाम सार्वजनिक नहीं करने के आदेश जारी किए थे।आदेश जारी कर राजस्थान एसीबी मुख्यालय से जारी होने वाली आधिकारिक जानकारी में घूसखोर का नाम, ना ही जारी होंगे फोटो और वीडियो जारी करने के निर्देश दिए। आदेश जारी होने के बाद बीजेपी ने घूसखोरों को बचाने की कोशिश का आरोप लगाया। नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि राजस्थान पुलिस में एसीबी एडीजी का यह फरमान किसी भी रूप में सही नहीं है। घूसखोर का नाम सार्वजनिक नहीं किया जाएगा तो घूस लेने वाले में डर नहीं होगा। व्यक्ति को गलत रास्ते पर जाने और नाम उजागर होने की आशंका के डर से ही अपराध से बचता है।
बता दें बवाल मचने पर सीए गहलोत ने गुरुवार को आदेश वापस लेने के संकेत दिए थे। सीएम गहलोत ने उदयपुर में मीडिया से बात करते हुए कहा कि आदेश का लेटर देंखेंगे। जरूरत पड़ी तो आदेश वापस लिया जाएगा। सीएम ने शुक्रवार को मामले की समीक्षा की और आदेश वापस लेने के निर्देश एसीबी को दिए। बता दें, सीएम गहलोत के पास गृह विभाग भी है। एसीबी सीएम गहलोत के अधीन ही काम करती है।
एसीबी डीजी प्रियदर्शी के निर्देश पर सीकर में हुई दूसरी कार्रवाई
बता दें कि एसीबी डीजी हेमंत प्रियदर्शी के निर्देश पर सीकर में दूसरी कार्रवाई की गई है। एसीबी की टीम ने शुक्रवार को 50 हजार रुपए की रिश्वत लेते पलासरा पटवारी को रंगे हाथों गिरफ्तार किया। हालांकि, एसीबी ने आरोपी का नाम और फोटो शेयर नहीं किया है। जानकारी के मुताबिक, आरोपी पटवारी नामांतरण खोलने के ऐवज के परिवादी से 1 लाख रुपए की रिश्तव मांग रहा था। पकड़े गए पटवारी को एसीबी पुलिस थाने लेकर पहुंची।
एसीबी के अतिरिक्त महानिदेशक हेमंत प्रियदर्शी ने बताया कि एसीबी की सीकर इकाई को परिवादी द्वारा शिकायत दी गई कि उसकी क्रयशुदा जमीन का नामांतरण खोलने के ऐवज में पलासरा हल्का पटवारी 1 लाख रुपए की रिश्वत मांगकर परेशान कर रहा है। जिस पर उप अधीक्षक पुलिस राजेश जांगिड़ मय एसीबी सीकर टीम द्वारा शुक्रवार को कार्रवाई करते हुए पलासरा पटवारी को परिवादी से 50 हजार रुपए की रिश्वत राशि लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है।
सबसे पहले नागौर में की कार्रवाई…
इससे पहले एसीबी डीजी हेमंत प्रियदर्शी के निर्देश नागौर जिले में 4 जनवरी को एसीबी ने रिश्वत मामले में पहली कार्रवाई की थी। अजमेर एसीबी ने कुचामन के पास के गांव लिचाना और गोगोर के उपस्वास्थ्य केंद्र की दो एएनएम को 3 हजार रूपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया था।