Karnataka Election : कांग्रेस के लिए कर्नाटक का चुनाव बना नाक का सवाल, आजादी के बाद पहली बार राहुल, प्रियंका और सोनिया गांधी कर रहे ताबड़तोड़ प्रचार
कनिका कटियार। कर्नाटक विधानसभा चुनाव (Karnataka Election) के लिए धुआंधार प्रचार में सभी पार्टियां जुटी हुई हैं। तो वहीं, लोकसभा चुनाव 2024 से पहले काँग्रेस के लिए, कर्नाटक के ये चुनाव जीतना नाक का सवाल बन गया। आज़ादी के बाद पहली बार गांधी परिवार के तीन-तीन बड़े नेता एक राज्य को जीताने में अपनी ताकत झोंक दी है।
अब तक राहुल की 17 और प्रियंका गांधी की 19 रैलियां हुईं
Karnataka Election को लेकर 4 मई यानी आज तक राहुल गाँधी ने 17 रैलियां और रोड शो कर चुके हैं तो वहीं, अबतक प्रियंका गाँधी वाड्रा 19 रैलियां और रोड शो कर काँग्रेस के लिए वोट मांग रही है। इसके अलावा, अगले 4 दिनों में भी प्रचार इसी तेजी से बरकरार रहेगा राहुल गाँधी और प्रियंका गाँधी वाड्रा के रोड शो और भी रैलियां प्रस्तावित हैं, तो आखिर में मोदी को घेरने के लिए राहुल गाँधी की 8 मई को प्रेस कॉन्फ्रेंस भी होगी इतना ही नहीं, सोनिया गांधी भी 6 मई को हुबली में चुनावी रैली करेगी।
कर्नाटक बना नाक सवाल
वैसे भी कर्नाटक की धरती राजनीति लिहाज से काँग्रेस के लिए काफी उपजाऊ रही है और मुसीबतों में काँग्रेस की नईया पार की है। 1978 में आपातकाल के बाद जब कांग्रेस देश में हार गई थी। यहां तक कि रायबरेली सीट भी नहीं बचा पाई थी, तब इस मुश्किल दौर में कर्नाटक की चिकमंगलूर सीट से इंदिरा गाँधी उपचुनाव जीती थी, तो वहीं, 1999 में वेल्लारी सीट से सोनिया गाँधी ने सुषमा स्वराज को हराकर चुनाव में जीत हासिल की थी। अब राहुल की लोकसभा संसद सदस्यता ख़त्म होने के बाद साल 2014 और साल 2019 के लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस की सारी उम्मीदें कर्नाटक पर जा टिकी हैं। काँग्रेस का मानना है कि अगर कर्नाटक जीतेंगे तो ना सिर्फ 2023 बल्कि साल 2024 का चुनाव मजबूती से लड़ेगी और मजबूत विपक्ष के तौर पर अपना मजबूत दावा भी पेश कर पायेगी।
सोनिया गांधी का पार्टी को मैसेज…
दरअसल ,सोनिया गांधी ने हाल के दिनों में किसी राज्य में प्रचार नहीं किया। सोनिया ने आखिरी चुनावी रैली 2019 के लोकसभा चुनाव में सिर्फ अपने संसदीय क्षेत्र रायबरेली में की थी। इसके बाद ,14 दिसम्बर 2019 में दिल्ली के रामलीला मैदान की भारत बचाओ रैली में भाषण दिया था। कर्नाटक के हुबली के आसपास के इलाके को कर्नाटक में हिंदुत्व की प्रयोगशाला माना जाता है, इसलिए, पार्टी ने 6 मई को हुबली में सोनिया की रैली रखी है क्योंकि, हुबली के ईदगाह मैदान को सियासी गलियारों में कौन भूला सकता है। हुबली में सोनिया गांधी के प्रचार से कांग्रेस पार्टी एक मज़बूत मैसेज देने की प्लानिंग में है।
रिटायरमेंट की अफवाह की उड़ गई हवा
कांग्रेस पार्टी के महा-अधिवेशन के दौरान सोनिया गांधी की स्पीच को तमाम राजनीतिक पहलू दिए गए थे कि वे अब पार्टी के किसी प्रोग्राम में न शामिल होंगी न ही हिस्सा लेगी। उस वक्त उनके रिटायरमेंट की चर्चा भी तेज़ी से होने लगी थी। अब कर्नाटक चुनाव में सोनिया गांधी की एंट्री एक नए संदेश और चर्चाओं का जरिया बन सकती है। कांग्रेस पार्टी कर्नाटक जीतने की कोशिश में लगी है ताकि 2024 की तैयारी कर सके।
(रिपोर्ट- )