राहुल के लिए हर दर्द मंजूर! मानगढ़ में कांग्रेस की हुंकार…40 दिन बाद जयपुर से बाहर जाएंगे CM गहलोत
Rahul Gandhi in Rajasthan : जयपुर। बांसवाड़ा के मानगढ़ धाम से आज कांग्रेस नेता राहुल गांधी चुनावी बिगुल बजाएंगे। आदिवासी दिवस पर आयोजित इस कार्यक्रम के माध्यम से राहुल गांधी प्रदेश के आदिवासी क्षेत्र के मतदाताओं के साथ मध्यप्रदेश के वोटरों को भी साधने की पूरी कोशिश करेंगे। इस दौरान मानगढ़ धाम पर राहुल गांधी के साथ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा, पीसीसी अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा सहित राष्ट्रीय नेता मौजूद रहेंगे।
तयशुदा कार्यक्रम के अनुसार राहुल गांधी साढ़े ग्यारह बजे उदयपुर एयरपोर्ट पहुंचेंगे। उनका करीब दोपहर एक बजे मानगढ़ धाम पहुंचने का कार्यक्रम रहेगा। राहुल से इस चुनावी आगाज सेकांग्रेस मानगढ़ धाम से दक्षिणी राजस्थान सहित मध्यप्रदेश को भी साधने का प्रयास कर रही है।
मुख्यमंत्री गहलोत सहित कांग्रेस के नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय स्मारक बनने की मांग कर रहे हैं। अब मानगढ़ को बड़ी पहचान देने के लिए राहुल की मौजूदी में मुख्यमंत्री गहलोत बड़ी घोषणा करेंगे। ताकि मिशन रिपीट के लिए एक कदम और आगे बढ़ सके।
छिटकते मूल वोट बैंक को साधने की कोशिश
मिशन रिपीट में जुटी कांग्रेस के लिए आदिवासी वोटर्स बेहद महत्व रखते हैं। इसी को देखते हुए कांग्रेस इस बार आदिवासियों के बीच मानगढ़ धाम से चुनावी शंखनाद करने जा रही है। प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि कांग्रेस का शुरू से ही आदिवासियों के साथ लगाव रहा है। इसको लेकर आदिवासियों में संतुष्टि भी है। ऐसे में आगामी विधानसभा चुनावों में मूल वोट बैंक को जोड़ने के लिए राहुल गांधी की मानगढ़ सभा बेहद जरूरी मानी जा रही है।
राजस्थान के साथ एमपी की 15 सीटों पर भी रहेगा प्रभाव
आदिवासी दिवस पर बांसवाड़ा के मानगढ़ धाम पर होने वाली सभा के माध्यम से कांग्रेस राजस्थान के साथ ही मध्यप्रदेश की 15 सीटों को साधने की कोशिश करेगी। सत्ता वापसी के लिए मेवाड़ और वागड़ की 28 सीटें महत्वपूर्ण है। जहां मौजूदा कार्यकाल में 28 सीटों में से कांग्रेस के पास 11, भाजपा के पास 14, बीटीपी 2 और एक सीट निर्दलीय के पास है। इन 28 सीटों में से 17 सीटें रिजर्व है जो मूल रूप से कांग्रेस की मानी जाती है। कांग्रेस का मानगढ़ धाम से मध्यप्रदेश के चार आदिवासी बहुल जिले नीमच, मंदसौर, रतलाम और झाबुआ की 15 सीटों पर भी फोकस रहेगा। इन सीटों में से अभी कांग्रेस के पास मात्र 5 सीटें है और भाजपा के पास 10 सीटें है।