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बहुराष्ट्रीय हवाई अभ्यास : पहली बार विदेशी धरती पर 165 वायु योद्धाओं के साथ गरजेंगे राफेल

फ्रांस के मॉन्ट डे मार्सन सैन्य अड्डे पर करीब तीन सप्ताह के बहुराष्ट्रीय हवाई अभ्यास के लिए भारत चार राफेल जेट, दो सी-17 विमान और दो आईएल-78 विमान भेजेगा।
09:15 AM Apr 14, 2023 IST | BHUP SINGH

नई दिल्ली। फ्रांस के मॉन्ट डे मार्सन सैन्य अड्डे पर करीब तीन सप्ताह के बहुराष्ट्रीय हवाई अभ्यास के लिए भारत चार राफेल जेट, दो सी-17 विमान और दो आईएल-78 विमान भेजेगा। भारतीय वायुसेना में शामिल किए गए राफेल विमानों के लिए यह पहला विदेशी अभ्यास होगा। भारतीय वायुसेना ने कहा कि बल की एक टुकड़ी फ्रांस के लिए रवाना होगी और भारतीय वायु सैनिक फ्रांस के मॉन्ट डे मार्सन में वायुसेना बेस स्टेशन में आयोजित ओरिअन अभ्यास में भाग लेंगे। बयान के अनुसार इस अभ्यास के दौरान होने वाली भागीदारी अन्य देशों की वायु सेनाओं से सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों को आत्मसात करके भारतीय वायुसेना की कार्यशैली तथा धारणा को और समृद्ध करेगी।

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17 अप्रैल से 5 मई के बीच किया जाएगा अभ्यास

भारतीय वायुसेना ने एक बयान में कहा कि अभ्यास कार्यक्रम का आयोजन 17 अप्रैल से पांच मई के बीच किया जाएगा। अभ्यास के लिए भारतीय वायुसेना की टुकड़ी में चार राफे ल विमान, दो सी-17 विमान और दो आईएल78 विमान तथा 165 वायु सैनिक शामिल किये गए हैं। इस अभ्यास में भारत और फ्रांस के अलावा जर्मनी, यूनान, इटली, नीदरलैंड, ब्रिटेन, स्पेन और अमरीका की वायुसेना भी शामिल होगी।

अब तक का सबसे बड़ा बहुराष्ट्रीय अभ्यास

ओरियन अभ्यास फ्रांसीसी रक्षा बलों का अब तक का सबसे बड़ा बहुराष्ट्रीय अभ्यास है। इसमें उनकी सेना, नौसेना और वायु सेना के साथ उनके सहयोगी अमेरिका और ब्रिटेन शामिल हैं। फ्रांस में निर्मित राफे ल भारतीय वायु सेना में शामिल किए गए नवीनतम लड़ाकू विमान हैं और पूरे एशियाई क्षेत्र में सबसे शक्तिशाली माने जाते हैं। इसमें भारतीय वायु सेना में 36 राफेल पूरी तरह से शामिल किए गए हैं। पाकिस्तान और चीन सीमा पर इनकी तैनाती ने देश की परिचालन तैयारियों में सुधार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

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सेना, वायुसेना ने पूर्वी सेक्टर में किया अभ्यास

पूर्वी लद्दाख में जारी सीमा विवाद के बीच भारतीय सेना और वायुसेना के सामरिक बलों ने पूर्वी सेक्टर में एक बहु-क्षेत्रीय अभ्यास किया। सूत्रों ने बताया कि इस अभ्यास का उद्देश्य निर्दिष्ट क्षेत्रों में संयुक्त योजनाओं पर काम कर इनकी पुष्टि करना था। उन्होंने बताया कि यह अभ्यास पिछले सप्ताह हुआ था। सूत्रों ने बताया कि अभ्यास के दौरान विशेष सैनिकों ने अपनी गति, चपलता और मारक क्षमता का भी प्रदर्शन किया । इसके साथ ही किसी संकट की स्थिति में शीघ्रता से तैनात करने की उनकी क्षमता का प्रदर्शन भी किया गया।

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