लोगों को जाल में फंसाने के लिए QR कोड स्कैम, आप भी करते हैं इस्तेमाल तो रखें इन बातों का ध्यान
जयपुर। देश में डिजिटल लेने देन काफी प्रचलित हो गया है। इसके साथ ही यूपीआई और डिजिटल लेन देन ने हमारे जीवन को और आसान बना दिया है। इसके कारण हम कही से भी किसी को भी पैसे ट्रांसफर कर सकते है। इसको करने में समय भी नहीं लगता है। लेकिन इन सभी के बीच साइबर ठगी सबसे बड़ी दिक्कत है।
लोगों से साइबर ठगी करने के ठगों द्वारा नये-नये तरीके निकाले जा रहे है। देशभर में आए दिन बड़ी संख्या में इनके द्वारा लोगों को ठगी का शिकार बनाया जा रहा है। इस बीच QR कोड स्कैम भी तेजी से बढ़ रहा है।
तेजी से बढ़ रहा QR कोड घोटाला
पिछले कुछ वर्षों में, फ़िशिंग लिंक, सिम स्वैप, फ़िशिंग कॉल और बहुत सारे तरीके है जिसके माध्यम से साइबर ठगी की जा रही है। ठगी करने वाले लोगों को बरगलाने और ठगने के लिए नए-नए पतरे ढूंढ रहे हैं। इन ठगों द्वारा ऐसा ही एक नया तरीका ठगी करने के लिए आजकल उपयोग किया जा रहा है। इस बार ठगी के लिए क्यूआर कोड का उपयोग किया जा रहा है। आज हम आपको क्यूआर कोड स्कैम के बारे में विस्तार से जानकारी देने जा रहे हैं।
क्या है QR कोड स्कैम?
स्कैमर्स लोगों को यह समझाने की कोशिश करते हैं कि वे उन्हें क्यूआर कोड के जरिए भुगतान भेज रहे हैं। और प्राप्तकर्ता को कोड स्कैन करना होगा और वह राशि दर्ज करनी होगी जो वे प्राप्त करना चाहते हैं और फिर ओटीपी दर्ज करें, लेकिन हमेशा ध्यान रखने वाली बात यह होती है कि क्यूआर कोड केवल पैसे भेजने के लिए स्कैन किया जाता है, पैसे प्राप्त करने के लिए नहीं। इसलिए, जब लोग पैसे प्राप्त करने के बहाने किसी के क्यूआर कोड को स्कैन करते हैं और ओटीपी दर्ज करते हैं, तो पैसा भेजने वाले के बजाय उनके खाते से पैसे कट जाते है।
क्यूआर कोड घोटाले से बचने के तरीके
- कभी भी अपनी यूपीआई आईडी या बैंक खाते की जानकारी किसी भी अनजान शख्स के साथ साझा न करें।
- अगर आप OLX या अन्य साइट्स पर कुछ बेच रहे हैं तो संभव हो तो कैश में ही लेनदेन की बात करें।
- यदि कोई आपको पैसा भेजना चाहता है तो उसके लिए आपको क्यूआर कोड स्कैन करने की जरुरत नहीं है।
- पैसे भेजते समय भी, क्यूआर कोड स्कैनर द्वारा दिखाए गए विवरण को हमेशा दोबारा जांचें।
- यदि कोई क्यूआर कोड किसी अन्य क्यूआर कोड को कवर करने वाले स्टिकर जैसा दिखता है तो उसे स्कैन करने से बचें।
- ओटीपी कभी भी किसी के साथ साझा न करें।
- यदि आप कुछ भी बेच रहे हैं या खरीद रहे हैं, तो हमेशा ऑनलाइन वेबसाइट पर व्यक्ति की पहचान सत्यापित करें।
- कोशिश करें कि जरूरत न होने पर भी अपना मोबाइल नंबर साझा न करें।