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कद्दू के नाम पर हर साल मनाया जाता है पंपकिन डे, 19वीं सदी में अमेरिका में हुई थी इसकी खोज

01:32 PM Apr 08, 2023 IST | Supriya Sarkaar
कद्दू के नाम पर हर साल मनाया जाता है पंपकिन डे  19वीं सदी में अमेरिका में हुई थी इसकी खोज

हम सभी को कद्दू की सब्जी खाना बहुत पसंद होता है। कद्दू एक प्रकार की सब्जी है, जो आकार में बाकी सब्जियों से बड़ी होती है। इससे हलवा, सब्जी, मिठाई तथा खीर बानाई जा सकती है। इसके अनेको गुण के कारण यह लोगों की पंसदीदा सब्जी है। आयुर्वेद में इसे औषधीय फल माना जाता है। दुनिया के सबसे बड़े फेस्टिवल पर कद्दू का इस्तेमाल किया जाता है। यह त्योहार अमेरिका का प्रसिद्ध हेलोवीन है।

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दरअसल बुरी आत्माओं को डराने के लिए इस फल का उपयोग किया जाता है। इसे भारतीय सब्जी माना जाता है। यह एक ऐसी सब्जी है जिसे आसानी से उगाया जा सकता है इसलिए इसे गरीबों की सब्जी भी कहा जाता है। लेकिन कम लोगों को पता है कि कद्दू भारत की राष्ट्रीय सब्जी है। इसे अंग्रेजी में पंपकिन कहा जाता है। भारत के सभी उष्णकटिबंधीय भागों में कद्दू उगाया जाता है। यह सबसे गर्म मौसम में उगाई जाने वाली सब्जी जाती है।

कद्दू के बारे में 

इसका दूसरा नाम कुम्हड़ा है। इसे रामकोहला, सीताफल, काशीफल भी कहा जाता है। संस्कृत में इसे कूष्मांड, पुष्पफल, वल्लीफल और वृहत फल कहते हैं। यह स्थलीय और द्विबीजपत्री पौधा है। इसका तना लम्बा, कमजोर तथा हरे रंग का होता है। यह बैल (लता) के रूप में आगे बढ़ता है, इसके तने पर छोटे-छोटे रोयें पाए जाते हैं। कद्दू के फूल पीले रंग के होते हैं। यह दो प्रकार के होते हैं, नर एवं मादा।

इसके नर पुष्प में तीन पुंकेसर होते हैं तथा मादा पुष्प में तीन संयुक्त अंडप होते हैं। इन्हें युक्तांडप कहा जाता है। इसका आकार इतना अधिक होता है कि वजन में यह 4 से लेकर 8 किलोग्राम तक होता है। इसकी कई प्रजातियां होती है। इसकी सबसे बड़ी प्रजाति मैक्सिमा है। इस कद्दू का वजन 34 किलोग्राम से भी अधिक होता है। कद्दू का पौधा एक वर्ष तक रहता है, इसके बाद नया पौधा लगाया जाता है।

अमेरिका में हुई खोज

कद्दू की खोज 19वीं शताब्दी में अमेरिका में हुई थी। इसका श्रेय आयरिश लोगों को दिया जाता है। दरअसल हेलोविन नामक त्योहार में बुरी आत्माओं को डराने के लिए आयरिशों को किसी खास चीज की खोज की। कद्दू आकार में बड़ा होता है तथा इस पर इंसानी चेहरे आसानी से बना दिए जाते हैं। इसलिए हेलोवीन में इसका उपयोग विश्व प्रसिद्ध हो गया। इसलिए ऐसा माना जाता है कि, कद्दू की खोज आयरिशों ने की। तब से कद्दू को इस फेस्टिवल का लोगो भी माना जाता है। कद्दू का पौधा पूरे विश्व में उगाया जाता है। यह एक सब्जी भी है तथा फल भी, इसे पतझड़ में काटा जाता है। भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका, मेक्सिको, तथा चीन इसके सबसे बड़े उत्पादक देश हैं।

कद्दू दिवस 

हर साल 29 सितंबर को कद्दू दिवस (पंपकिन डे) मनाया जाता है। यह एकमात्र सब्जी है, जिसके नाम पर विशेष दिन घोषित किया गया। हृदयरोग तथा मधुमेह रोगी के लिए इसकी सब्जी खाना फायदेमंद है। यह शरीर में कोलेस्ट्राल कम करता है तथा पेट संबधी रोगों के लिए भी लाभदायक माना जाता है। आदिवासी समाज में इसे सामाजिक फल माना जाता है। यह भी मान्यता है कि पूरा कद्दू औरत द्वारा नहीं कटवाकर पति या घर में मौजूद पुरूष से कटवाते हैं। क्योंकि वे इसे अपना बेटा मानते हैं।

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