RTH बिल के विरोध में सड़क पर निजी चिकित्सक, सरकारी डॉक्टरों ने दो घंटे किया कार्य बहिष्कार
करौली। जिले में शुक्रवार को राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में प्राइवेट हॉस्पिटल एंड नर्सिंग होम एसोसिएशन के चिकित्सक सड़क पर उतर आए। निजी चिकित्सकों ने जिला कलेक्ट्रेट में सूबे की अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन कर डीएम अंकित कुमार सिंह को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में राइट टू हेल्थ बिल को वापस लेने की मांग रखी। इधर, सरकारी डॉक्टरों ने भी दो घंटे कार्य बहिष्कार किया।
चिकित्सकों ने बताया कि जब तक बिल वापस नहीं होगा, तब तक अस्पतालों को अनिश्चित काल के लिए बंद रखने का निर्णय लिया गया है। इधर, जिला अस्पताल के चिकित्सकों ने भी निजी अस्पताल के चिकित्सकों के समर्थन में सुबह 9:00 बजे से 11:00 बजे तक 2 घंटे का कार्य बहिष्कार रखा। इस दौरान मरीज बेहद परेशान नजर आए।
बिल लागू कर जनता को किया गुमराह
प्राइवेट हॉस्पिटल एंड नर्सिंग होम एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ भरत लाल मीणा ने बताया कि सरकार ने राइट टू हेल्थ बिल को जनता को गुमराह करने के लिए लागू किया है। इससे किसी को फायदा होने वाला नहीं है। वहीं, एसोसिएशन के सचिव डॉ जेपी गुप्ता ने सरकार के इस बिल को मरीज और डॉक्टरों के बीच हाथापाई करवाने वाला बताया है।
RTH से चिकित्सक-मरीजों के बीच बढ़ेगी खाई
एसोसिएशन के चिकित्सकों ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर बताया कि राजस्थान की सरकार द्वारा जो RTH कानून लाया गया है यह चिकित्सक एवं मरीजों के बीच खाई को बढ़ाने का कार्य करेगा। जिससे चिकित्सक अपना चिकित्सकीय धर्म भली-भांति निभा पाने में असमर्थ हो जाएंगे। चिकित्सक अपनी संस्था में कार्य करते हुए मानसिक एवं शारीरिक रूप से भयभीत रहेंगे। जिसका सीधा असर आमजन के स्वास्थ्य पर भी पड़ेगा।
चिकित्सों ने लिया ये निर्णय
चिकित्सकों ने राज्यव्यापी आंदोलन का समर्थन देते हुए कहा कि जब तक RTH बिल सरकार वापस नहीं लेगी तब तक सभी निजी अस्पताल बंद रखने का निर्णय लिया गया है। इस दौरान प्राइवेट हॉस्पिटल एंड नर्सिंग होम एसोसिएशन की उपाध्यक्ष डॉ वीणा मीना, डॉ रीना मीणा सहित अन्य चिकित्सक मौजूद रहे।
(सागर शर्मा)