पीएम मोदी से बोले सीएम गहलोत, आपका राजस्थान में बार-बार आना बड़ी बात, ERCP योजना को दे मंजूरी
जयपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दौसा पहुंचकर 18,100 करोड़ रुपये से अधिक लागत की सड़क विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया। पीएम मोदी ने देश के सबसे लंबे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे के प्रथम चरण के सोहना-दौसा खंड का उद्घाटन कर दिया है। पीएम मोदी ने दौसा जिले में धनावड़ में आयोजित एक कार्यक्रम में रिमोट का बटन दबाकर दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे का उद्घाटन किया। बता दें कि यह एक्सप्रेस वे देश का सबसे लंबा एक्सप्रेस वे है। दिल्ली-दौसा-लालसोट सेक्शन पूरा हो गया है। सीएम अशोक गहलोत ने भी वीसी के जरिए संबोधित किया और इस एक्सप्रेस वे के लिए पीएम का धन्यवाद किया।
पीएम के सामने सीएम गहलोत ने उठाया ERCP का मुद्दा
सीएम गहलोत ने अपने संबोधन में कहा, मैंने नितिन गडकरी से मांग की थी। मुझे खुशी है उन्होंने मेरी मांग को स्वीकार किया। एक्सप्रेस-वे की सौगात के लिए आभार। उन्होंने कहा, राजस्थान में सड़कों का निर्माण तेजी से हो रहा है। सीएम गहलोत ने वीसी के जरिए पीएम मोदी के सामने ईआरसीपी का मुद्दा उठाया। सीएम गहलोत ने कहा कि प्रदेश में ईआरसीपी का मामला लंबित है। मैं उम्मीद करता हूं आप इस पर अपनी बात करेंगे। सीएम गहलोत ने कहा यह हमारे लिए इश्यू बना हुआ है। आपने पिछले चुनाव में जयपुर और अजमेर में जिक्र किया था। आप इसे राष्ट्र परियोजना घोषित करने का प्रयास करेंगे। मेरा आपसे निवेदन है कि देश में 16 नेशनल प्रोजेक्ट चल रहे है। अगर एक और परियोजन लागू करेंगे तो राजस्थान वासी आपके आभारी रहेंगे। आप जिस जिले में आए वह भी ईआरसीपी का हिस्सा है। ऐसे में मैं आपसे निवेदन कर रहा हूं ईआरसीपी को महत्व देंगे।
अगर आप निर्णय करेंगे तो समयबद्व काम पूरा होगा। ईआरसीपी से पूरे 13 जिलों की प्यास बुझेगी। उन्होंने कहा कि आजादी से पहले राजस्थान की पानी को लेकर जो स्थिति है वह संकटमय में रहे है। इसलिए मैं आपसे उम्मीद करता हूं कि ईआरसीपी पर आप जरूर अपनी बात रखेंगे। सीएम गहलोत ने कहा कि अभी आप 10 दिन पहले देवनारायण जयंती पर राजस्थान आए थे। दूसरी बार इतना जल्दी आना आपके लिए मायने रखता है। एक प्रधानमंत्री का इतना कम में समय स्टेट में दूसरा दौरा करना मायने रखता है। ये हमारे लिए सौभाग्य की बात है। मैं उम्मीद करता हूं इस प्रकार आप लगातार बार-बार राजस्थान में आते रहेंगे। जिससे की विकास के कार्य और ज्यादा गति पकड़ेगी, ये मेरा विश्वास है।
ERCP परियोजना से 13 जिलों में पानी उपलब्ध कराना है…
बता दें कि पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) 13 जिलों में पीने का पानी और सिंचाई के लिए जल उपलब्ध कराना है। ईआरसीपी परियोजना के धरातल पर उतरने के बाद 2.02 लाख हेक्टेयर नई सिंचाई भूमि बनने के साथ ही इन जिलों में पहले से बने 26 बांधों में सिंचाई के लिए पानी मिलेगा। इस योजना को 7 साल में पूरा होना है, लेकिन केंद्र और राज्य की टहस के चलते ये परियोजना अटकी हुई है। इस परियोजना के लिए राज्य सरकार केंद्र सरकार से 90 फीसदी सहायता की मांग कर रही है। वहीं केंद्र सरकार 75 फीसदी पैसा लगाना चाहती है। बताया जा रहा है कि ईआरसीपी परियोजना के लिए करीब 70 हजार करोड़ राशि खर्च होगी। वहीं राज्य सरकार 10 फीसदी ही पैसा लगाना चाहती है। ऐसे में केंद्र और राज्य की सहमति बन नहीं पा रही है, जिसके चलते यह परियोजना लंबित है।
ERCP से 13 जिलों में खत्म हो जाएगा जल संकट…
ईआरसीपी परियोजना मुख्य उद्देश्य दक्षिणी राजस्थान में बहने वाली चंबल नदी और उसकी सहायक नदियों (कुन्नू, पार्वती, कालीसिंध) में वर्षा ऋतु के दौरान उपलब्ध अधिशेष जल का उपयोग राज्य के उन पूर्वी जिलों में करना है। जहां पीने के पानी और सिंचाई के लिए जल का अभाव रहता है। ईआरसीपी योजना से लाभान्वित होने वाले जिलों में भरतपुर, अलवर, कोटा, बारां, झालावाड़, सवाईमाधोपुर, टोंक, अजमेर, जयपुर, दौसा, करौली, बूंदी एवं धौलपुर के लिए प्रस्तावित है। अगर ईआरसीपी योजना शुरू हो जाती है 13 जिलों में पानी का संकट खत्म हो जाएगा।