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संभाग स्तर पर आदर्श वेद विद्यालय खोलने की तैयारी, कैसे और क्या पढ़ेगे बच्चे, पढिए पूरी खबर

11:51 AM Jan 12, 2025 IST | Kunal Bhatnagar

New Education Policy: साल 1947 में देश आजाद तो हुआ लेकिन आजाद नहीं तो वो थी हमारी शिक्षा नीति…पुरानी शिक्षा नीति के तहत ही शिक्षा जारी रही जिसमें पाश्चात्य संस्कृति का बोलबाला था। उसके बाद 2020 से पहले दो बार बनाई गई शिक्षा नीति से भी कोई खास उपलब्धि हासिल नहीं हुई, लेकिन 2020 में बनाई गई शिक्षा नीति में भारतीय पुरातन पद्धति पर जोर दिया गया। इसे को आगे बढ़ाते हुए राजस्थान सरकार प्रदेश के 3 संभाग पर आदर्श वेद विद्यालय खोलने जा रही हे जिसकी शुरुआत आगामी शिक्षण सत्र से हो जाएगी। इन वेद विद्यालय का क्या रहेगा स्वरूप देखिए...

बजट घोषणा होने जा रही पूरी

संभाग स्तर पर आदर्श वेद विद्यालय खोलने की चल रही तैयारी।

आगामी सत्र में तीन जगह शुरू हो जाएंगे आदर्श वेद विद्यालय।

प्राचीन परम्पराओं के हिसाब से दी जाएगी शिक्षा।

वेद अध्ययन के साथ ही पूजा पाठ , यज्ञ और मंत्रो का करवाया जाएगा ज्ञान।

प्राचीन परम्पराओं का महत्व

भारतीय प्राचीन परम्पराओं के हिसाब से हमारे चार वेद बताए गए हे लेकिन आज ज्यादातर लोगों को नहीं पता कि हमारे वेदों का क्रम क्या हे हमारे किस देवी देवताओं का उसमें बखान है। यज्ञ की क्या महिमा है। मंत्रो का उच्चारण कैसे किया जाए और इनका क्या महत्व है।

आदर्श वेद विद्यालय

लेकिन, अब राजस्थान सरकार प्रदेश में ऐसे स्कूल खोलने जा रही है जिसमें बच्चे वेद का ध्यान कर सकेंगे इन विद्यालयों को नाम दिया गया हे आदर्श वेद विद्यालय आगामी सत्र में कोटा ,बीकानेर और जयपुर में एक एक विद्यालय खोला जा रहा है जिसकी बजट में भी घोषणा की गई थी …कोटा के रामगंज मंडी विधानसभा क्षेत्र में इसके लिए जमीन भी आवंटित कर दी गई है… संस्कृत शिक्षा मंत्री मदन दिलावर का कहना हे कि नई पीढ़ी को वेद का ज्ञान होना जरूरी है क्योंकि वेद हमारी पुरानी परम्परा और ज्ञान का भंडार है…इसके लिए बाकी विषय के साथ साथ वेद का ज्ञान भी आवश्यक है।

इस समय 39 आवासीय वेद विद्याश्रम संचालित

प्रदेश में इस समय 39 आवासीय वेद विद्याश्रम संचालित है जो किसी ना किसी समिति या ट्रस्ट के द्वारा संचालित है जिन्हें राजस्थान संस्कृत अकादमी से अनुदान भी दिया जा रहा है….अब सरकार द्वारा खोले जा रहे वेद विद्यालयों में प्राचीन समय में गुरुकुल में दी जाने वाली शिक्षा दी जाएगी और जब बच्चे ऐसी शिक्षा ग्रहण करेंगे तो वो पूजा पाठ और संस्कार में निपुण होंगे .. और बाकी लोगों की भी जानकारी बढ़ेगी और इन बच्ची के लिए रोजगार के साधन भी मुहैया होंगे…

बहरहाल, आज के समय में शिक्षा हर व्यक्ति के जीवन का महत्वपूर्ण अंग है। आज भले ही अभिभावक बच्चों को अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में भेज रहे हो लेकिन जिस तरह सनातन संस्कृति और वेद अध्ययन के प्रति लोगों की रुचि बढ़ रही है इससे आने वाले समय में युवा अपने सपनो को साकार करते हुए दिखेंगे।

2020 से पहले बनाई गई दो बार शिक्षा नीति

साल 1947 में देश आजाद तो हुआ लेकिन आजाद नहीं तो वो थी हमारी शिक्षा नीति, पुरानी शिक्षा नीति के तहत ही शिक्षा जारी रही जिसमें पाश्चात्य संस्कृति का बोलबाला था। उसके बाद 2020 से पहले दो बार बनाई गई शिक्षा नीति से भी कोई खास उपलब्धि हासिल नहीं हुई।

लेकिन 2020 में बनाई गई शिक्षा नीति में भारतीय पुरातन पद्धति पर जोर दिया गया….इसे को आगे बढ़ाते हुए राजस्थान सरकार प्रदेश के 3 संभाग पर आदर्श वेद विद्यालय खोलने जा रही हे जिसकी शुरुआत आगामी शिक्षण सत्र से हो जाएगी…इन वेद विद्यालय का क्या रहेगा स्वरूप आइए देखते हे इस खास रिपोर्ट में.

बच्चे कर सकेंगे वेद का ध्यान

भारतीय प्राचीन परम्पराओं के हिसाब से हमारे चार वेद बताए गए हे लेकिन आज ज्यादातर लोगों को नहीं पता कि हमारे वेदों का क्रम क्या हे हमारे किस देवी देवताओं का उसमें बखान हे ओर यज्ञ की क्या महिमा हे मंत्रो का उच्चारण कैसे किया जाए और इनका क्या महत्व है लेकिन अब राजस्थान सरकार प्रदेश में ऐसे स्कूल खोलने जा रही है जिसमें बच्चे वेद का ध्यान कर सकेंगे इन विद्यालयों को नाम दिया गया है।

आदर्श वेद विद्यालय आगामी सत्र में कोटा ,बीकानेर और जयपुर में एक एक विद्यालय खोला जा रहा है जिसकी बजट में भी घोषणा की गई थी …कोटा के रामगंज मंडी विधानसभा क्षेत्र में इसके लिए जमीन भी आवंटित कर दी गई है… संस्कृत शिक्षा मंत्री मदन दिलावर का कहना हे कि नई पीढ़ी को वेद का ज्ञान होना जरूरी है क्योंकि वेद हमारी पुरानी परम्परा और ज्ञान का भंडार है…इसके लिए बाकी विषय के साथ साथ वेद का ज्ञान भी आवश्यक है।

राजस्थान संस्कृत अकादमी से अनुदान

प्रदेश में इस समय 39 आवासीय वेद विद्याश्रम संचालित है जो किसी ना किसी समिति या ट्रस्ट के द्वारा संचालित है जिन्हें राजस्थान संस्कृत अकादमी से अनुदान भी दिया जा रहा है….अब सरकार द्वारा खोले जा रहे वेद विद्यालयों में प्राचीन समय में गुरुकुल में दी जाने वाली शिक्षा दी जाएगी और जब बच्चे ऐसी शिक्षा ग्रहण करेंगे तो वो पूजा पाठ और संस्कार में निपुण होंगे .. और बाकी लोगों की भी जानकारी बढ़ेगी और इन बच्ची के लिए रोजगार के साधन भी मुहैया होंगे।

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