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आंदोलन की तैयारी: केन्द्र में आरक्षण के लिए जाट समाज करेगा आवाज बुलंद

राजस्थान विधानसभा के चुनाव के बाद अब जाट समाज की ओर से केन्द्र में आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन की सुगबुगाहट शुरु हो गई है। इसको लेकर संघर्ष समिति आर-पार की लड़ाई के मूड में दिख रही है। बुधवार को जाट आरक्षण समिति के पदाधिकारियों की बैठक में समाज की दशा और दिशा पर चर्चा के साथ ही आंदोलन की तैयारियों पर चर्चा की गई।
08:58 AM Dec 21, 2023 IST | BHUP SINGH
आंदोलन की तैयारी  केन्द्र में आरक्षण के लिए जाट समाज करेगा आवाज बुलंद

भरतपुर। राजस्थान विधानसभा के चुनाव के बाद अब जाट समाज की ओर से केन्द्र में आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन की सुगबुगाहट शुरु हो गई है। इसको लेकर संघर्ष समिति आर-पार की लड़ाई के मूड में दिख रही है। बुधवार को जाट आरक्षण समिति के पदाधिकारियों की बैठक में समाज की दशा और दिशा पर चर्चा के साथ ही आंदोलन की तैयारियों पर चर्चा की गई। समिति के संयोजक नेम सिंह फौजदार के निवास पर हुई पदाधिकारियों की बैठक में समिति सदस्यों ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर अब उनकी मांग नहीं मानी गई तो, समाज उग्र आंदोलन करने के लिए तैयार है।

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पदाधिकारियों ने बैठक में निर्णय लिया गया कि गुरुवार से समाज के लोगों में पीले चावल बांट कर निमंत्रण देंगे। इसके साथ ही 25 दिसंबर को महाराजा सूरजमल बलिदान दिवस पर जगह-जगह नुक्कड़ सभाएं आयोजित की जाएंगी। इसके बाद एक बड़ी सभा का आयोजन किया जाएगा। इसमें आंदोलन की रूपरेखा तय की जाएगी। यदि केंद्र सरकार ने समय रहते आरक्षण नहीं दिया तो न केवल लोकसभा में जाट भाजपा के खिलाफ खड़े होंगे, बल्कि आंदोलन भी शुरु करेंगे।

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1998 से चली आ रही है मांग

भरतपुर-धौलपुर जाट आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक नेम सिंह फौजदार ने बताया है कि भरतपुर और धौलपुर जिले के जाट समाज के लोगों को केंद्र में आरक्षण की मांग 1998 से चली आ रही है। 2013 में केंद्र की मनमोहन सरकार ने भरतपुर-धौलपुर जिलों के साथ अन्य 9 राज्यों के जाटों को केंद्र में ओबीसी का आरक्षण दिया था। जब 2014 में केंद्र में भाजपा की सरकार बनी तो सुप्रीम कोर्ट का सहारा लेकर 10 अगस्त 2015 को भरतपुर-धौलपुर के जाटों का केंद्र और राज्य में ओबीसी आरक्षण खत्म कर दिया गया। लंबे संघर्ष के बाद बाद 23 अगस्त 2017 को राज्य में दोनों जिलों के जाटों को ओबीसी में आरक्षण दिया गया। केंद्र में आरक्षण के लिए हमारी मांग तब ही से जारी है। इस बार आर-पार का संघर्ष होगा।

पूर्व सीएम केंद्र में कर चुके हैं सिफारिश

सितंबर 2021 में जब जाट समाज ने चक्का जाम का ऐलान किया था। तब तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 28 दिसंबर 2021 को दोनों जिलों के जाटों को केंद्र की ओबीसी में आरक्षण देने के लिए केंद्र सरकार को पत्र लिखा था। इसके बाद से हम लोग दिल्ली ओबीसी कमीशन से भी मिले और केंद्र सरकार के मंत्रियों से भी मुलाकात की, लेकिन अभी तक दोनों जिलों के जाटों को केंद्र में आरक्षण नहीं दिया गया। अब राजस्थान में बीजेपी की सरकार बन गई है। केंद्र में भी बीजेपी की सरकार है। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा भरतपुर के रहने वाले हैं। इसलिए हम उम्मीद करते हैं कि, बिना संघर्ष करे जाट समाज को केंद्र में आरक्षण मिल जाएगा।

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