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Pradosh Vrat 2023 : भाद्रपद मास का पहला प्रदोष व्रत कल, जानें पूजा-विधि और व्रत रखने के नियम

03:06 PM Sep 11, 2023 IST | Mukesh Kumar
pradosh vrat 2023   भाद्रपद मास का पहला प्रदोष व्रत कल  जानें पूजा विधि और व्रत रखने के नियम

Pradosh Vrat 2023 : हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का खास महत्व है। कहा जाता है कि इस दिन भगवान शिव की उपासना करने से जातक को सुख एवं समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है। भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन भौम प्रदोष व्रत रखा जायेगा।

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Pradosh Vrat 2023 : यह बात हम सभी जानते है कि हर महीने के त्रयोदशी तिथि के दिन प्रदोष व्रत रखा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा करने से जातक को सुख-समृद्धि और ऐश्वर्य प्राप्त होता है। हिंदू पंचांग के मुताबिक, भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन भौम प्रदोष व्रत रखा जायेगा। इस खास दिन पर 2 शुभ योग बन रहे है, जिसमें पूजा-पाठ करने से व्यक्ति को खास लाभ मिलता है। आइए जानते हैं कि प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त और प्रदोष व्रत का महत्व?

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प्रदोष व्रत पर बन रहा है ये शुभ योग
कहा जाता है कि भौम प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव और हनुमान जी की उपासना करने से जातक को सभी कष्टों से राहत मिलती है। इसके साथ ही जिंदगी में आ रही सभी बाधाएं दूर हो जायेगी। जिन जातकों की कुडली में मांगलिक दोष है, उन्हें भौम प्रदोष के दिन उपवास जरूर रखना चाहिए। यह व्रत रखने से मांगलिक दोष संबंधी बाधाएं दूर हो जाती है और वैवाहिक जीवन में आ रही सभी बांधाओं को हल निकलता है।

प्रदोष व्रत 2023 तिथि

हिंदू पंचांग के मुताबिक, भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 11 सितंबर रात 11 बजकर 58 मिनट से शुरू हो रही है और 13 सितंबर रात 02 बजकर 27 मिनट पर खत्म हो रही है। ज्योतिष के अनुसार, भौम प्रदोष व्रत 12 सितंबर 2023, मंगलवार के दिन रखा जाएगा। इस विशेष दिन पर प्रदोष काल शाम 5 बजकर 55 मिनट से रात 8 बजकर 14 मिनट तक रहेगा।

भौम प्रदोष व्रत महत्व
ज्योतिष के मुताबिक, भौम प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव और हनुमान जी की उपासना करने से जातक को सभी कष्टों से मुक्ति प्राप्त हो जाती है। इसके साथ ही जीवन में आ रही कई प्रकार की समस्याएं दूर हो जाती है। जिन लोगों के कुंडली में मांगलिक दोष है, उन्हें भौम प्रदोष के दिन उपवास अवश्य रखना चाहिए।

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